राजनीति और टीबी: क्या है सम्बन्ध?

हाल ही में टीबी रोग से सम्बंधित एक जो सबसे सटीक टिप्पणी लगी वह ट्विटर पर ‘लैन्सेट’ (विश्व-विख्यात चिकित्सकीय शोध पत्रिका) के मुख्य सम्पादक, रिचर्ड होर्टन, की रही। डॉ रिचर्ड होर्टन ने कहा कि हम कितने स्वस्थ हैं यह अंतत: राजनीति से तय होता है। राजनीतिक निर्णयों का सीधा असर इस बात पर पड़ता है कि आम जनता कितनी स्वस्थ रहे। जनता द्वारा चुने हुए राजनीतिक प्रतिनिधियों को ज़िम्मेदार ठहराना चाहिए कि लोकतंत्र में ऐसा क्यों है कि समाज में अमीरों को उच्चतम स्वास्थ्यसेवा मिलती है परंतु अधिकांश जनता बुनियादी सेवाओं के अभाव में ऐसी ज़िन्दगी जीने को मज़बूर है कि न केवल उनके अस्वस्थ होने की सम्भावना बढ़ती है बल्कि ज़रूरत पड़ने पर स्वास्थ्य सेवा भी जर्जर हालत वाली मिलती है (यदि मिली तो)।