कोविड-19 टीकाकरण: प्रशंसा की गूंज में कहीं महत्वपूर्ण सीख न खो जाए

[English] इस बात में कोई दो राय नहीं हो सकती कि कोविड-19 टीकाकरण ऐतिहासिक रहा है। एक साल से कम समय में टीके के शोध को पूरा कर के, टीकाकरण वैश्विक स्तर पर इस गति से पहले कभी नहीं हुआ था। दुनिया (कुल आबादी 8 अरब) में 13 अरब से अधिक खुराक लग चुकी हैं, भारत में ही 2 अरब से अधिक खुराक लग चुकी हैं पर अधिकांश गरीब देशों में बड़ी आबादी को एक खुराक मुहैया नहीं। वैश्विक टीकाकरण अभियान में अनेक त्रुटियाँ रहीं हैं जिनके कारणवश स्वास्थ्य सुरक्षा ख़तरे में पड़ी। भविष्य में महामारी प्रबंधन और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि हम कोविड-19 टीकाकरण से सीखें कि क्या सुधार हो सकता था।

कैंसर बढ़ाने वाले कारणों पर बिना विराम लगाये कैसे होगी कैंसर रोकधाम?


भारत समेत दुनिया के सभी देशों ने वादा किया है कि 2025 तक कैंसर दरों में 25% गिरावट आएगी परंतु हर साल विभिन्न प्रकार के कैंसर से ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या और कैंसर मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती जा रही है। कैंसर बढ़ेंगे क्यों नहीं जब कैंसर का ख़तरा बढ़ाने वाले कारणों पर विराम नहीं लग रहा है। अनेक कैंसर जनने वाले कारण ऐसे हैं जिनपर रोक के बजाय उनमें बढ़ोतरी हो रही है।