सभ्य समाज में लैंगिक और यौनिक हिंसा कैसे?

अनेक देशों में पितृसत्तात्मक व्यवस्था के चलते उत्पन्न गहरी लैंगिक असमानताएं तथा भेदभाव पूर्ण सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाएँ हैं और इस क्षेत्र में लैंगिक और यौनिक हिंसा की व्यापकता भी जारी है।

कोविड-19 महामारी पर विराम लगाने के लिए स्थानीय नेतृत्व ज़रूरी

कोविड-19 महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक हर व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं होगी तब तक कोई भी संक्रमण-मुक्त नहीं हो सकता, भले ही वह सबसे अमीर या बड़े ओहदे पर आसीन व्यक्ति ही क्यों न हो. इस बात में भी कोई संशय नहीं रह गया कि मज़बूत अर्थव्यवस्था के लिए मज़बूत स्वास्थ्य सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है. 11 महीने पहले कोरोना वायरस का पहला संक्रमण वुहान में रिपोर्ट हुआ था। आज विश्व भर में 7.2 करोड़ व्यक्ति इससे संक्रमित हो चुके हैं.

120 माह शेष: क्या हम 2030 तक एड्स-मुक्त हो पाएँगें?

कोविड महामारी से एक सीख स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सुरक्षा न सिर्फ अर्थव्यवस्था के लिए ज़रूरी है, बल्कि 'सबका साथ सबका विकास' के स्वप्न को पूरा करने के लिए भी. महामारी नियंत्रण जब प्राथमिकता बना तो अनेक गैर-कोविड स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं जिनमें से एक है एड्स नियंत्रण.