एचआईवी नियंत्रण के लिए आया पैसा बैंक में बंद है या प्रभावी ढंग से व्यय हो रहा है?

जिन लोगों को एचआईवी से संक्रमित होने का खतरा अधिक है, उनकी गिनती क्यों सही नहीं? जिन देशों में एड्स सबसे अधिक चुनौती बना हुआ है उन्ही देशों में जिन लोगों को एचआईवी से संक्रमित होने का खतरा अधिक है उनकी गिनती सही नहीं होती है और सरकारी अनुमान काफी कम होते हैं. दूसरी चौकाने वाली बात यह है कि इन देशों में जहाँ एड्स चुनौती बना हुआ है और जहाँ एचआईवी संक्रमण होने वाले समुदाओं का अनुमान काफी कम किया जाता है ऐसे देशों में अक्सर कितने लोगों को एचआईवी सम्बंधित सेवा मिल रही है इसका प्रतिशत काफी बढ़चढ़ कर रिपोर्ट किया जाता है.

दक्षिण अफ्रीका और भारतीय संगठनों ने पत्रकार अशोक रामस्वरूप को सम्मानित किया

डॉ गिलाडा, अशोक रामस्वरूप जी, इला गाँधी जी, शोभा शुक्ला जी
अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस (१८ जुलाई २०१६) के उपलक्ष्य में, दक्षिण अफ्रीका और भारतीय संगठनों ने मिल कर वरिष्ठ पत्रकार अशोक रामस्वरूप को सम्मानित किया. अशोक रामस्वरूप, डरबन स्थित साउथ अफ्रीका ब्राडकास्टिंग कारपोरेशन (एसएबीसी) और अन्य मीडिया में ४ दशक से अधिक कार्यरत रहे हैं और सतत विकास से जुड़े समाचार को रिपोर्ट करते आये हैं.

भेदभाव से जूझ रहे एचआईवी/एड्स के साथ जीवित लोग

वृहस्पति कुमार पाण्डेय, सिटीजन न्यूज सर्विस - सी एन एस
[सर्व-प्रथम सरस-सलिल में प्रकाशित]
देश में बढ रहे एचआईवी/एड्स के साथ जीवित लोगों की संख्या को देखते हुए सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर न केवल प्रचार प्रसार किया जा रहा है बल्कि सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर सघन रूप से ऐसी गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं जिससे एचआईवी/एड्स को फैलने से रोका जा सके। सरकार द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता गतिविधियों का एक उद्देश्य एड्स को फैलने से रोकने के अलावा इसको लेकर समाज में फैली भ्रान्तियों व भेदभाव को खत्म करना भी है, लेकिन सरकार का यह प्रयास आज भी इस मामले में नाकाफी साबित हो रहा है।

अंदरूनी बीमारियां और अंधविश्वास

बृहस्पति कुमार पांडेय, सिटीजन न्यूज सर्विस-सीएनएस 
[सर्व प्रथम सरस सलिल में प्रकाशित]
मर्दों के बजाय औरतों के नाजुक अंगों की बनावट इस तरह की होती है, जिनमें बीमारियों वाले कीटाणु आसानी से दाखिल हो सकते हैं। इस की वजह से उन में तमाम तरह की बीमारियां देखने को मिलती हैं। ये बीमारियां मर्द व् औरत के असुरक्षित सैक्स संबंध बनाने, असुरक्षित बच्चा जनने, माहवारी के दौरान गंदे कपड़े का इस्तेमाल करने व अंगों की साफसफाई न रखने की वजह से होती हैं। इससे औरतों के अंगों पर घाव होना, सैक्स संबंध बनाते समय खून का बहना व तेज दर्द, पेशाब में जलन व दर्द, अंग के आसपास खुजली होना, जांघों में गांठें होना व अंग से बदबूदार तरल जैसी चीज निकलने व मर्दों के अंग पर दाने, खुजली, घाव जैसी समस्याओं से दोचार होना पड़ता है.

शिक्षा में जागरूकता

संदीप पाण्डेय, सिटिज़न न्यूज सर्विस - सीएनएस
रीता कनौजिया, एक घरेलू कामगार जो चेम्बूर, मुम्बई की एक झुग्गी बस्ती में रहती है अपने बेटे कार्तिक का दाखिला तिलक नगर के लोकमान्य तिलक हाई स्कूल के जूनियर के.जी. कक्षा में चाहती है। उसकी दो बेटियां पहले से ही इस विद्यालय की कक्षा 3 व 4 की छात्राएं हैं। विद्यालय लड़के के दाखिले के लिए रु. 19,500 मांग रहा था जो 2014 में अपने पति की मृत्यु के बाद अब रीता के लिए दे पाना सम्भव नहीं। वह न्यायालय की शरण में गई। न्यायालय के हस्तक्षेप से शुल्क कुछ कम हुआ किंतु रु. 10,500 की राशि भी उसके लिए एक मुश्त दे पाना आसान नहीं था।

सड़क अधिकार सबसे पहले पैदल चलने वालों और गैर-मोटर वाहनों को मिले

हेलमेट वितरण पश्चात् २ बच्चियां साइकिल पर हेलमेट पहने हुए
सकारात्मक बदलाव की उम्मीद देती हैं ये बच्चियां
जो लोग विशेषकर बच्चे सड़क दुर्घटनाओं में मृत हुए हैं उनके परिवारजनों ने २ जुलाई को पत्रकारपुरम चौराहे गोमती नगर पर सड़क सुरक्षा के लिए संकल्प दिवस मनाया. तितिक्षा पाठक, बच्ची, एक सड़क दुर्घटना में पत्रकारपुरम में इसी स्थान पर मृत हुई थी. तितिक्षा के परिवारजनों, जिनमें उसके मौसाजी सुधांशु शेखर उपाध्याय मुख्य थे, ने सड़क को सभी के लिए सुरक्षित करने का आह्वान किया. बच्चों के लिए अनुरूप हेलमेट उपलब्ध नहीं है. बच्चों के उम्र आदि के अनुरूप हेलमेट उपलब्ध होना अनिवार्य है जिससे कि दो-पहिया वाहनों पर पीछे बैठे बच्चे भी हेलमेट पहन कर सुरक्षित रह सकें.