[विडियो] 1 अरब वैक्सीन टीके सराहनीय तो है पर पूरा टीकाकरण सिर्फ़ एक-चौथाई योग्य पात्र जनता का हुआ है

मील का पत्थर 1 अरब टीका नहीं बल्कि सभी पात्र लोगों का पूरा टीकाकरण है

[English] असली मील का पत्थर 1 अरब टीका खुराक देना नहीं है बल्कि 12 साल से ऊपर सभी पात्र जनता को निश्चित समय-अवधि के भीतर पूरी खुराक टीका देना है। कोविड टीके के संदर्भ में, किसी भी देश का यही लक्ष्य होना चाहिए। जब तक दुनिया की पूरी आबादी का टीकाकरण नहीं हो जाता, तब तक कोविड पर हर्ड इम्यूनिटी (सामुदायिक प्रतिरोधकता के ज़रिए) रोक लगना मुश्किल है। 

[विडियो] दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन अत्यंत महत्वपूर्ण पर रोग उन्मूलन के लिए काफ़ी नहीं | #endMalaria

म्यांमार में सारे तम्बाकू उत्पाद पर होगी "प्लेन पैकिजिंग"

[English] सिंगापुर और थाइलैंड की तरह अब म्यांमार में भी सशक्त तम्बाकू नियंत्रण नीति लागू होगी। म्यांमार ने हर तम्बाकू उत्पाद पर "प्लेन पैकिजिंग" नीति को लागू करने का निर्णय लिया है। तम्बाकू उत्पाद की पैकिजिंग को उद्योग, बच्चों और युवाओं को भ्रमित और झुठलाने के लिए इस्तेमाल करता था अब वह मजबूरन प्लेन पैकिजिंग नीति के कारणवश, पैकिजिंग से भ्रामक झूठे प्रचार नहीं कर पाएगा और उसको इसी जगह पर, सशक्त तम्बाकू नियंत्रण चित्रमय चेतावनी को निर्देशानुसार प्रकाशित करना होगा। 

दवा प्रतिरोधकता: सोचें यदि टीबी, एचआईवी दवायें कारगर न रहीं तो क्या होगा?

[English] लगभग 2 साल पहले जब चीन के वुहान से पहला कोरोना वाइरस रिपोर्ट हुआ था, तो दुनिया में अमीर देश तक अत्यंत चिंतित हुए क्योंकि इस रोग की कोई कारगर दवा नहीं थी। महामारी के दौरान हम सबने देखा कि यह चिन्ता वाजिब थी क्योंकि हृदय विदारक त्रासदी वैश्विक स्तर पर हुई है। महामारी ने हमें एक सीख दी है कि जो दवाएँ हमारे पास उपलब्ध हैं, उनको हम ज़िम्मेदारी से इस्तेमाल करें क्योंकि दवा प्रतिरोधकता उत्पन्न हो गयी तो यह दवाएँ कारगर नहीं रहेंगी और रोग के इलाज के लिए विकल्प कम (और अत्यंत महँगे) होते जाएँगे, और रोग लाइलाज हो जाए यह तक मुमकिन है।

[विडियो] वैज्ञानिक उपलब्धी को जन-स्वास्थ्य उपलब्धी में बदलने में देरी क्यों? सालों-दशकों की देरी खत्म हो!

दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन अत्यंत महत्वपूर्ण पर रोग उन्मूलन के लिए काफ़ी नहीं

[English] तीस साल के निरंतर शोध के बाद आख़िरकार, दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन, “आटीएस,एस”, को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों में उपयोग के लिए संस्तुति दे दी। इस मलेरिया वैक्सीन टीके से बच्चे सबसे घातक क़िस्म की मलेरिया से बचेंगे जो मलेरिया कीटाणु, "प्लैज़्मोडीयम फ़ेलकीपेरम", के कारण रोग ग्रस्त होते हैं। यह मलेरिया टीका अत्यंत लाभकारी तो है परंतु मलेरिया नियंत्रण और उन्मूलन के लिए कदापि पर्याप्त नहीं है।