सड़क सुरक्षा के लिए सरकारों का वादा: अधिकतम गति सीमा 30 किमी/घंटा हो

[English] सड़क हर इंसान के सुरक्षित और आरामदायक आवागमन के लिए है (न कि सिर्फ मोटर वाहन सवार लोगों के लिए). सरकारों के दशकों के तमाम सड़क सुरक्षा के प्रयास के बावजूद दुनिया में 5 करोड़ से अधिक लोग हर साल सड़क दुर्घटनाओं में ज़ख़्मी होते हैं और 13.5 लाख लोग मृत (भारत में 1.5 लाख से अधिक लोग हर साल सड़क दुर्घटना में मृत होते हैं). 90% सड़क दुर्घटनाएं विकासशील देशों में ही हो रही हैं. 15-29 साल के लोगों के लिए सड़क दुर्घटना असामयिक मृत्यु का एक बड़ा कारण है. भारत में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है तेज़ गति से गाड़ी चलाना जिसके कारणवश 70% दुर्घटनाएं होती हैं.

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ़ और लोकतंत्र के लिए जुट रहा वैश्विक समर्थन

[English] दुनिया के अनेक देशों से सैंकड़ों जन संगठनों ने म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ़ आवाज़ उठाई है और लोकतंत्र स्थापित करने की मांग की है. एक संयुक्त ज्ञापन में 1 फरवरी 2021 को हुए म्यांमार (बर्मा) में सैन्य तख्तापलट की निंदा की गयी और पुन: लोकतान्त्रिक व्यवस्था कायम करने की मांग की गयी है.

[विडियो] मज़बूत होता हुआ किसान आन्दोलन हमारे लोकतंत्र को भी ताकत दे रहा है

बाज़ार-समाधान से हो रही हैं सड़कें असुरक्षित

[English] भारत और अन्य 193 देशों ने सतत विकास लक्ष्य के तहत वादा तो किया था कि सड़क दुर्घटना मृत्यु दर (और उनमें होने वाली चोट और शारीरिक विकृति दर) में 2020 तक 50% की गिरावट आएगी परन्तु हुआ इसका उल्टा है: सड़क दुर्घटना मृत्यु दर भारत में बढ़ गयी है.  2015 में भारत में 146,133 लोग सड़क दुर्घटना में मृत हुए थे. आधे होने के बजाये सड़क में मृत होने वालों की संख्या बढ़ गयी - 2019 में देशभर में सड़क दुर्घटना में 154,000 लोग मृत हुए थे. इससे अनेक गुणा लोग, सड़क दुर्घटना में ज़ख़्मी हुए थे या शारीरिक विकृति के साथ जीने को मजबूर हुए. सबसे चिंताजनक बात यह है कि अधिकाँश सड़क दुर्घटनाएं (लगभग 60%), अति-तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाने के कारण हुईं. ज़रूरी है यह समझ लेना कि हर सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु असामयिक है जिसका पूर्ण रूप से बचाव संभव था.