सम्पूर्ण विश्व में लगभग 3 अरब लोग, (जो अधिकांशत: कम आय वाले देशों में रहते हैं) खाना पकाने, रोशनी और तापने के लिए ठोस ईंधन पर निर्भर हैं। लकड़ी/कंडे/कोयला आदि जलाकर खाना पकाने वाले चूल्हे/अँगीठी के धुएँ में कार्बन मोनोऑक्साइड, और अन्य ऐसे हानिकारक तत्व होते हैं जो घर के अंदर की हवा के प्रदूषण स्तर को कई गुना अधिक बढ़ा देते है, जो विशेषकर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है. अध्ययनों से पता चलता है कि घर के भीतर का वायु प्रदूषण सम्पूर्ण विश्व में कुल रोग के 2.7% भाग के लिए जिम्मेदार है तथा तीन तरह के फेफड़े संबंधी रोग के खतरों को बढ़ाता है (1) बच्चों में फेफड़े संबंधी श्वसन संक्रमण (2) महिलाओं में दीर्घ प्रतिरोधी फेफड़े का विकार (सी.ओ.पी.डी) तथा (3) कोयले के धुएं के संपर्क में आने से महिलाओं में फेफड़ों के कैंसर।