देशों के शीर्ष नेताओं की कथनी और करनी में अंतर क्यों?

[English] विश्व के सभी देशों के शीर्ष नेता आगामी सितंबर 2023 को न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासम्मेलन में भाग लेंगे जहां टीबी पर दूसरी संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय बैठक भी होगी। टीबी पर प्रथम उच्च स्तरीय बैठक 2018 में हुई थी (जिसमें शामिल होने का सौभाग्य मुझे भी मिला था) जब देशों के शीर्ष नेताओं ने एक "राजनीतिक घोषणापत्र" जारी करके अनेक वायदे किए थे जो 2022 तक पूरे करने थे। पर इन सभी वायदों पर अधिकांश देशों ने असंतोषजनक प्रगति की है। अब आगामी सितंबर में यही नेता टीबी उन्मूलन हेतु एक नया "राजनीतिक घोषणापत्र" जारी करेंगे। क्या 2023 का नया घोषणापत्र ज़मीनी असलियत में भी बदलेगा या पुराने घोषणापत्र की तरह काग़ज़ों में ही क़ैद रह जाएगा?