[English] यह घटना 1997 की है। उत्तराखंड के रामगढ़ जिले में पुलिस विभाग में ड्राइवर के पद पर नियुक्त, 48 वर्षीय दीपक अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहा था। तभी अचानक एक दिन उसे खून की उल्टी हुई। डॉक्टर ने उसकी छाती के एक्स-रे के आधार पर उसे बताया कि उसे फेफड़े की टीबी है। मुफ्त टीबी इलाज के सरकारी कार्यक्रम डॉट्स (डाइरेक्ट्ली ओब्सर्वड ट्रीटमंट,शॉर्ट-कोर्स) के अंतर्गत दीपक ने 6 महीने तक अपना टीबी उपचार कराया जिससे उसकी तबीयत में काफी सुधार आया। इलाज पूरा करने के बाद वह डेढ़ साल तक बिलकुल ठीक रहा। इसी बीच उसका तबादला रामगढ़ से उत्तर काशी हो गया। वहाँ उसकी तबीयत एक बार फिर से ख़राब हो गयी और उसे एक बार फिर खून की उल्टी हुई। उत्तर काशी में उसका टीबी का इलाज एक बार फिर शुरू हुआ। पर इस बार उसने अपने उपचार में बहुत लापरवाही दिखाई। यहाँ तक कि वह अपनी दवाइयों का भी नियमित रूप से सेवन नहीं करता था। इस बीच उसका तबादला उत्तर काशी से श्रीनगर हो गया।
कवल भारती की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है
लेखक कवल भारती की कल हुई गिरफ्तारी के विरोध में लखनऊ विधान सभा मार्ग स्थित अम्बेडकर भवन में विभिन्न जन संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, लेखकों, साहित्यकारों, रंगकर्मियों एवं पत्रकारों का जमावड़ा हुआ। पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद के नेतृत्व में कवल भारती की गिरफ्तारी के विरोध में, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हुए हमले के विरोध में अम्बेडकर भवन से हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा तक सैकड़ों समाजिक कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च किया।
युवाओं ने शांति, परमाणु निशास्त्रिकरण और पुनर्प्राप्य ऊर्जा का दिया संदेश
[ऑनलाइन पोस्टर प्रदर्शनी देखें] [English] ला मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज, लोरेटो कॉन्वेंट इंटर कॉलेज, क्राइस्ट चर्च इंटर कॉलेज, सिटी मोंटेसरी स्कूल, लखनऊ विश्वविद्यालय, राम स्वरुप स्मारक पब्लिक
स्कूल, डैबल कॉलेज, डैफोडिल्स कॉन्वेंट इंटर कॉलेज, इरम इंटर कॉलेज,
यूनिटी कॉलेज, बाल भारती स्कूल, शेरवुड कॉलेज, अरविन्द अकादेमी, नवयुग
पब्लिक स्कूल, स्प्रिंग डेल कॉलेज, अवध विश्वविद्यालय आदि शैक्षिक
संस्थानों के छात्रों द्वारा “जापान से सीख” विचार पर बनाए हुए पोस्टर आज
हिरोशिमा दिवस के उपलक्ष्य में लखनऊ स्थित डेफोड़िल्स
कान्वेंट इंटर कॉलेज में प्रदर्शित किए गए।
दुर्गा शाक्ति नागपाल के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान
श्रीमती दुर्गा शाक्ति नागपाल के समर्थन में तथा खनन माफियाओं को उखाड़ फेकने के लिए चलाये गये एक हस्ताक्षर अभियान में, आम नागरिको ने कहा कि परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल, एसडीएम नोएडा, उप्र का निलंबन दबाव में और जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को भी एक पत्र लिखकर मांग किया कि दुर्गा नागपाल का निलंबन तत्काल वापस लिया जाये। ईमानदार महिला अधिकारी की नियति का सम्मान करते हुए कोई निर्णय लिया जाना चाहिए था। एक नवागत अधिकारी के सकारात्मक प्रयास पर निलंबन उसके सम्पूर्ण सेवाकाल पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
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