सरकार सभी स्वास्थ्य सेवा का राष्ट्रीयकरण करे, और बीमारी से मुनाफाखोरी बंद करे

सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) की मांग है कि जन स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के ऊपर मंडराते खतरे से निबटने के लिए, मोदी सरकार, बिना विलम्ब सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवा का राष्ट्रीयकरण करे. हमारी यह भी मांग है कि 2018 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल और न्यायाधीश अजीत कुमार के आदेश का तुरंत अनुपालन किया जाए जिसमें स्पष्ट निर्देश था कि जो लोग सरकार से तनख्वाह पाते हैं वह और उनके परिवार जन, सरकारी स्वास्थ्य सेवा ही इलाज करवाएं. इस आदेश को लागू करने से ही सरकारी स्वास्थ्य सेवा सशक्त होगी और सबका लाभ होगा. 

[विडियो] तेलंगाना की महिलाओं द्वारा जैविक कृषि (organic farming) से मिलती है आशा

राम राज्य में राम भरोसे

जबकि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का सारा घ्यान पश्चिम बंगाल, असम व उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों में लगा हुआ था अचानक देश कोरोना वायरस के दूसरे प्रकोप का शिकार हो गया। बताते हैं कि यह पिछले साल वाले प्रकोप के वायरस का एक बदला हुआ संस्करण है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि पहले वाले से ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसमें संक्रमित लोगों की एवं मरने वालों की तादाद पिछले साल से कहीं ज्यादा नजर आ रही है। लोग तो जैसे तैसे निपट रहे हैं लेकिन राजनीतिक नेतृत्व ने तय किया है कि जनता की जान को जोखिम में डालकर भी वह चुनाव तो स्थगित नहीं करेगी जबकि नरेन्द्र मोदी ने खुद हरिद्वार में कुम्भ स्थगित करने का सुझाव दिया। ऐसा सुझाव उन्होंने चुनाव आयोग को क्यों नहीं दिया?

तम्बाकू महामारी के अंत के लिए क्यों है ज़रूरी अवैध तम्बाकू व्यापार पर रोक?

[English] तम्बाकू जनित महामारियों से पूर्ण रूप से बचाव मुमकिन है, क्योंकि यह मानव निर्मित आपदा है. हर तम्बाकू जनित रोग से बचाव मुमकिन है और हर तम्बाकू जनित मृत्यु असामयिक है. उद्योग अपने मुनाफे के लिए इस जानलेवा उत्पाद के व्यापार को बढ़ा रही है पर कीमत और जान जा रही है जनता की और सरकारों के सतत विकास के प्रयास भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. डॉ तारा सिंह बाम जो इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज के एशिया पसिफ़िक निदेशक हैं, ने कहा कि मानव निर्मित तम्बाकू महामारी का पूर्ण रूप से अंत आवश्यक है क्योंकि इससे पूर्णत: बचाव मुमकिन है. जितना राजस्व आता है उससे कई गुणा अधिक नुक्सान होता है - और लाखों लोग तम्बाकू से मृत होते हैं. हर साल विश्व में 80 लाख से अधिक लोग तम्बाकू से मृत होते हैं. तम्बाकू के अवैध व्यापार पर पूर्ण रोक लगाना जरूरी है पर हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि तम्बाकू, अवैध हो या वैध, हर रूप में घातक है.

जीवन रक्षक दवाओं पर अनिवार्य-लाइसेंस की मांग जिससे कि जेनेरिक उत्पादन हो सके

ज़रा सोचे कि जीवन रक्षक दवा हर ज़रूरतमंद इंसान को मिलनी चाहिए कि नहीं? यदि दवा कंपनी के पास पेटेंट हो और कीमत इंसान की पहुँच के बाहर हो तब भी वैश्विक व्यापार संधि में ऐसे प्रावधान हैं कि सरकारें, जनहित में जनता की ज़रूरत को देखते हुए, पेटेंट वाली दवा पर अनिवार्य-लाइसेंस (कम्पलसरी लाइसेंस) ज़ारी करें जिससे कि स्थानीय उत्पादन हो सके और जीवन रक्षा हो सके. इसीलिए विशेषज्ञ मांग कर रहे हैं कि जो दवा वैज्ञानिक रूप से कोरोनावायरस रोग में असरकारी दिख रही है उसपर अनिवार्य-लाइसेंस ज़ारी हो.