[विडियो] महिला सशक्तिकरण से ज्यादा ज़रूरी है पुरुष संवेदनशील बनें

महिला सशक्तिकरण से ज्यादा ज़रूरी है पुरुष संवेदनशील बनें

अमरीका के सर्वोच्च नयायालय की न्यायाधीश रुथ बेदर जिन्स्बर्ग (जिनका पिछले माह देहांत हो गया था) ने अनेक साल पहले बड़ी महत्वपूर्ण बात कही थी: "मैं महिलाओं के लिए कोई एहसान नहीं मांग रही. मैं पुरुषों से सिर्फ इतना कह रही हूँ कि वह अपने पैर हमारी गर्दन से हटायें" ("I ask no favour for my sex. All I ask of our brethren is that they take their feet off our necks"). लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में, मिशन-शक्ति और स्तन कैंसर जागरूकता माह के आयोजन सत्र में यह साझा कर रही थीं शोभा शुक्ला, जो लोरेटो कान्वेंट कॉलेज की पूर्व वरिष्ठ शिक्षिका, महिला अधिकार कार्यकर्ता एवं सीएनएस की संस्थापिका हैं. डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की डॉ अनामिका ने तनवीर गाज़ी की पंक्तिया "तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है" साझा करते हुए, विशेषकर महिलाओं को प्रोत्साहित किया.

आपदा से निबटने की तैयारी और महिला स्वास्थ्य सुरक्षा में है सीधा संबंध

पिछले एक दशक में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित और विस्थापित लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है और निरंतर बढ़ रही है। आपदाओं के जोखिम व उनसे होने वाले नुकसान का एक मुख्य कारण है जलवायु संकट। साथ ही सशस्त्र संघर्षों की वजह से भी लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घर छोड़ कर विस्थापित होने को मजबूर हो रहे हैं। जलवायु संकट से होने वाली भीषण गर्मी और अनावृष्टि ने भी आपदा सम्बन्धी आर्थिक नुक़सान में बढ़ोतरी की है।

[विडियो] सांप्रदायिक और जातीय आधार पर राजनीति बंद हो | समाज में सांप्रदायिक सद्भावना और शांति रहे

सांप्रदायिक और जातीय आधार पर राजनीति बंद हो | समाज में सांप्रदायिक सद्भावना और शांति रहे


8-दिन-उपवास क्रम का समापन दिवस | हाथरस से डॉ संदीप पाण्डेय का सन्देश
 
अनेक जन-मुद्दों पर,सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने लखनऊ में 8 दिन का उपवास क्रम अभियान आयोजित किया था (2-9 अक्टूबर 2020). यह उपवास सुबह से शाम तक रोजाना रहा और हर दिन लोगों से जुड़ें मुद्दे को उठाया गया. आज उपवास के अंतिम दिन, सांप्रदायिक सद्भावना का मुद्दा केंद्र बिंदु में रहा.

चैतरफा पड़ोसियों के साथ संबंध संकट में


प्रधान मंत्री ने अपने शुरुआती दिनों में खूब विदेश यात्राएं की। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे विदेश मंत्री का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाले हुए हैं जबकि वरिष्ठ नेत्री सुषमा स्चराज पूर्णकालिक विदेश मंत्री थीं। नरेन्द्र मोदी के समर्थकों ने कहना शुरु कर दिया कि प्रधान मंत्री की इन यात्राओं से दुनिया में भारत की साख बढ़ गई है। चीन, जापान, अमरीका जैसे बड़े देशों के राष्ट्र प्रमुखों के साथ व्यक्तिगत सम्बंध भी उन्होंने प्रगाढ़ करने की कोशिश की। उनकी सबसे पहली विदेश यात्रा नेपाल की थी यह मानकर कि हिंदू बहुल देश को भारत विशेष महत्व देगा।

[विडियो] "चैतरफा पड़ोसियों के साथ संबंध संकट में", कहना है मेगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित डॉ संदीप पाण्डेय का

महिला स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए ज़रूरी है आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक समानता

भारत समेत एशिया पैसिफिक क्षेत्र के अनेक देशों की अधिकांश महिलाओं के लिए प्रजनन न्याय (रिप्रोडक्टिव जस्टिस) तक पहुँच एक स्वप्न मात्र ही है। प्रजनन न्याय का अर्थ है व्यक्तिगत शारीरिक स्वायत्तता बनाए रखने का मानवीय अधिकार; यह चुनने और तय करने का अधिकार कि महिला को बच्चे चाहिए अथवा नहीं चाहिए; और इस बात का सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक अधिकार कि बच्चों का लालन पालन एक सुरक्षित वातावरण में किया जा सके।

न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल का फैसला लागू करो

कोरोना काल में निजी विद्यालयों की मनमानी और बढ़ गई है। वे आनलाइन कक्षाओं के नाम पर औपचारिकता पूरी कर बच्चों के अभिभावकों से पूरा शुल्क वसूल रहे हैं। आनलाइन कक्षाओं का यह हाल है कि गरीब परिवारों से जिन बच्चों का दाखिला शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 में मुफ्त शिक्षा हेतु निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत स्थान जो गरीब बच्चों के लिए आरक्षित हैं में हो गया है वे पढ़ ही नहीं पा रहे क्योंकि उनके घर में ऐसा मोबाइल नहीं कि आॅनलाइन कक्षा कर सकें अथवा है भी तो वह दिन के समय उनके पिता या बड़े भाई के पास होता है जो काम पर जाते हैं। जो बच्चे आनलाइन कक्षा करते भी हैं तो उन्हें मोबाइल फोन की कनेक्टीविटी आदि की समस्या के कारण समझ में नहीं आता।

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बलात्कार-हत्या ज्यादा बड़ा अपराध है या साजिश करना?

उत्तर प्रदेश में मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व व्यवस्था कायम करने के लिए ठोक दो की नीति अपनाई और सौ से ज्यादा मुठभेड़ों में तथाकथित अपराधियों के मारे जाने के बाद दावा किया कि सारे अपराधी या तो मारे गए अथवा अपनी जमानत खारिज करवा जेल पहुंच गए हैं। फिर लगातार एक के बाद एक अपराध की दिल दहलाने वाली घटनाएं हुईं जिसने सरकार की पोल खोल कर रख दी। बिकरू कांड, तमाम बलात्कार व हत्या की घटनाएं, फिरौती के लिए बस का अपहरण, मुठभेड़, पुलिस अधीक्षक द्वारा महोबा में खनन व्यापारी से फिरौती की मांग कुल मिलाकर एक अराजक उत्तर प्रदेश की तस्वीर पेश करते हैं।

मजदूर विरोधी सरकार

YouTube, Facebook, Instagram | 1 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार द्वारा तालाबंदी के दौरान श्रम कानूनों के साथ छेड़-छाड़ कर काम के घंटे 9 से 12 करने व काम से घंटों से ऊपर काम करने की सामान्य मजदूरी से दोगुणा के बजाए उतनी ही मजदूरी देने के निर्णय को संविधान प्रदत्त जीने के अधिकार की तौहीन बताते हुए खारिज कर दिया। यह दिखाता है कि कोरोना जैसे संकट काल में भी सरकार ने उनकी भलाई के बजाए मजदूरों का अतिरिक्त शोषण करने की ही नीति बनाई।

[विडियो] मजदूर विरोधी सरकार (मैग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय की प्रेस वार्ता)

[विडियो] "उ.प्र. में कानून व व्यवस्था ध्वस्तः, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें": सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) उपवास दिन-2

सबके लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की मांग को ले कर गाँधी जयंती पर उपवास पर लोग


  • रोग से मुनाफ़ा अर्जित करना बंद हो
  • स्वास्थ्य सेवा का निजीकरण बंद कर स्वास्थ्य सेवा का राष्ट्रीयकरण हो
  • सभी सरकारी कर्मचारी और निर्वाचित प्रतिनिधि और उनके परिवार के लिए सरकारी स्वास्थ्य सेवा अनिवार्य हो (इलाहबाद उच्च न्यायलय के 2018 के आदेश को अक्षरश: बिना विलम्ब लागू किया जाए)