विश्व पाइल्स (बवासीर) दिवस: बवासीर की जल्दी जांच और सही इलाज होना जन स्वास्थ्य प्राथमिकता है

विश्व पाइल्स (बवासीर) दिवस २० नवम्बर २०१५ के उपलक्ष्य में, इंदिरा नगर के सी-ब्लाक चौराहा स्थित पाईल्स तो स्माइल्स केंद्र में प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने नि:शुल्क कैंप लगाया जहाँ अनेक मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श मिला, और कुछ दवाएं भी वितरित की गयीं. किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग के पुर्व प्रमुख प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि “पाइल्स/ बवासीर और अन्य ऐसे रोग जैसे कि फिस्टुला आदि लोग शर्म के कारण सही इलाज देरी से कराते हैं जब तक समस्या गंभीर रूप ले लेती है और अन्य सम्बंधित-रोग भी हो सकते हैं. इसीलिए जरुरी है कि जागरूकता बढ़े और लोग पहले लक्षण में ही सही जांच और सही इलाज करवाएं.”

विश्व मधुमेह दिवस पर भारत टीबी-मधुमेह सम्बंधित बाली-घोषणापत्र को समर्थन दे: अपील

स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भारत सरकार से अपील की है कि आगामी विश्व मधुमेह दिवस १४ नवम्बर को बाली-घोषणापत्र को अपना समर्थन दे कर, टीबी और मधुमेह के सह-महामारी को रोकने के प्रयासों में तेज़ी लाये. इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बाली-घोषणापत्र को समर्थन दे कर दोनों महामारियों के नियंत्रण के प्रति अपना मत दिया है. सीएनएस स्वास्थ्य को वोट अभियान की वरिष्ठ सलाहकार शोभा शुक्ला ने कहा कि "भारत समेत सभी देश जहां टीबी और मधुमेह दोनों एक महामारी का प्रकोप लिए हुए हैं, उनको चाहिए कि बाली घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें और टीबी और मधुमेह कार्यक्रमों में सक्रीय तालमेल बिठाएं. भारत में विश्व में सबसे अधिक टीबी के रोगी हैं और मधुमेह भी महामारी के रूप में स्थापित है, इसीलिए दोनों कार्यक्रमों में भी समन्वय होना आवश्यक है."

टीबी, मलेरिया, डेंगू और काला अजार के नियंत्रण के लिए शोध में निवेश

डॉ बीटी स्लिंग्सबी
जीएचआईटी-फण्ड
[English] टीबी, मलेरिया, डेंगू और काला अजार के प्रभावकारी नियंत्रण और अंतत: उन्मूलन के लिए शोध कार्य में, जापान के ग्लोबल हेल्थ इनोवेटिव टेक्नोलॉजी फण्ड (जीएचआईटी-फण्ड) ने अमरीकी डालर १०.७ मिलियन का निवेश किया है. जीएचआईटी-फण्ड के निदेशक डॉ बीटी स्लिंग्सबी ने सीएनएस को साक्षात्कार में बताया कि जीएचआईटी-फण्ड पिछले ढाई साल से इन रोगों से सम्बंधित शोध कार्य में निवेश कर रहा है. टीबी और मलेरिया की दवाएं बेअसर होती जा रही हैं क्योंकि दवा प्रतिरोधकता बढ़ रही है. उदाहरण के तौर पर, ग्रेटर-मेकोंग सब-रीजन जो दक्षिण पूर्वी एशिया का क्षेत्र है, वहाँ दवा प्रतिरोधक मलेरिया का प्रकोप है. डेंगू का भी प्रकोप बढ़ रहा है. ७० साल बाद जापान में २ साल पहले डेंगू महामारी फैली थी. इन रोगों से निजात पाने के लिए आवश्यक है कि हमारे पास अधिक प्रभावकारी जांच, वैक्सीन और दवाएं हों, इसीलिए हम इस क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं.

पाईल्स (बवासीर) चिकित्सकीय मानक दिशानिर्देशों को सभी स्वास्थ्यकर्मी अपनाएं

प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त आपरेशन-कक्ष में
[वेबिनार रिकॉर्डिंग] ५० वर्ष से अधिक लोगों में ५०% से अधिक को कम-से-कम एक बार पाईल्स या बवासीर सम्बंधित समस्या का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद भी पाईल्स या बवासीर चिकित्सकीय प्रबंधन के मानक दिशानिर्देश नहीं हैं कि सभी चिकित्सकीय विशेषताओं के स्वास्थ्यकर्मी वैज्ञानिक रूप से स्थापित मानकों से ही पाईल्स या बवासीर का इलाज करें. हर सर्जन या फिजिशियन अपने संज्ञान से उत्तम इलाज करता है. पाईल्स या बवासीर के उपचार सम्बन्धी मानक दिशानिर्देश आवश्यक हैं" कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग के सेवानिवृत्त प्रमुख प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त का, जो वर्त्तमान में पाईल्स तो स्माइल्स के संस्थापक-निर्देशक हैं.