[विडियो] बिहार बाढ़ और वर्धा में वन कटाई

जलवायु परिवर्तन और महिला स्वास्थ्य में क्या है संबंध?


जलवायु परिवर्तन के हमले को झेलने में भारत समेत एशिया पैसिफिक क्षेत्र के देश सबसे आगे हैं। पिछले तीस वर्षों के दौरान दुनिया की ४५% प्राकृतिक आपदाएँ - जैसे बाढ़, चक्रवात, भूकंप, सूखा, तूफान और सुनामी - इसी क्षेत्र में हुई हैं।

एसपीआई संवाद: बिहार के भागलपुर में कार्यरत गौतम कुमार प्रीतम से बातचीत

 

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खेल-खेल में चर्चा: स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और मानवाधिकार

यह तो सर्वविदित है कि शारीरिक व्यायाम और खेलकूद हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, परन्तु क्या खेल-खेल में युवाओं की यौनिक और प्रजनन स्वास्थ्य-सम्बन्धी समस्याओं, तथा लिंग-आधारित हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों को भी दूर किया जा सकता है? यह कुछ अविश्वसनीय सा लगता है।

परिवार नियोजन क्या अकेले महिलाओं का ही दायित्व है?

भारत समेत विश्व के अनेक देशों में परिवार नियोजन को मुख्य रूप से केवल महिलाओं का ही मुद्दा माना जाता है - जैसे पुरुषों का इससे कोई लेना-देना ही न हो. गर्भ निरोध के १४ तरीकों में केवल २ - कॉन्डोम और पुरुष नसबंदी - में ही पुरुषों की प्रत्यक्ष भागीदारी की जरूरत होती है. शेष सभी गर्भ निरोधक विधियां केवल महिलाओं के उपयोग के लिए हैं. वैश्विक स्तर पर ७० प्रतिशत से अधिक गर्भ निरोधक उपयोगकर्ता महिलाएं ही हैं. इसमें महिला नसबंदी (२४ प्रतिशत) सबसे ज़्यादा प्रचलित है जबकि पुरुष नसबंदी मात्र २ प्रतिशत है. गर्भ निरोध का सारा भार महिलाओं के मत्थे ही मढ़ दिया गया है.