[English] सोशलिस्ट पार्टी के तत्वावधान में जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय, लोक
राजनीति मंच, हिन्द मजदूर सभा, रिहाई मंच व विशेष शिक्षक एवं अभिभावक
एसोशिएसन के संयुक्त धरने-अनशन के कार्यक्रम ने आज चौथे दिन में प्रवेश
किया। अनशन पर संदीप पाण्डेय व अनिल मिश्र बैठे हुए हैं।
सेवा क्षेत्र की तनख्वाहें न्यूनतम मजदूरी की तुलना में कई गुणा बढ़ जाने से व बढ़ती मंहगाई के कारण गरीब-अमीर की खाई बहुत चौड़ी हो गई है। हमारा मानना है कि डॉ लोहिया द्वारा तय किए गए मानक के अनुसार गरीब और अमीर के बीच आय में दस गुणा से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। वैसे लोकतंत्र में तो सभी की आय बराबर ही होनी चाहिए। हमारी मांग है कि वेज बोर्ड न्यूनतम मजदूरी को संशोधित कर रु. 440 प्रति दिन पर तय करे ताकि असंगठित क्षेत्र की मजदूरी सरकार द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम तनख्वाह से कम न हो। ज्ञात हो के टेªड यूनियन संविदा कर्मचारियों के लिए न्यूनतम रु. 11,000 की मांग कर रही हैं।
किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उनकी लागत का डेढ़ गुणा होगा और इसको तय करने के लिए एक किसान आयोग बनाया जाएगा यह बात तो समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में लिखी है। किन्तु न्यूनतम समथन मूल्य के सम्बन्ध में सबसे बड़ा सवाल है कि वह लागू कैसे होगा? दलालों पर कौन रोकेगा? सरकार को राजनीनितक इच्छा शक्ति दिखाते हुए गरीबों से वसूली और किसानों के साथ दलाली बंद करनी चाहिए। ज्ञात हो कि पिछले हफ्ते डालीगंज पुल पर कार्तिक पूर्णिमा मेले में होने वाली तीन पक्षों द्वारा दैनिक वसूली बंद करवाई गई।
कल भूतपूर्व सांसद इलियास आजमी ने अनशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी जानकारी में तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद की गिरफ्तारी निश्चित रूप से जौनपुर व आजमगढ़ से हुई है और ए.टी.एस. इस मामले में झूठ बता रही है कि गिरफ्तारी बाराबंकी से हुई है। इस सम्बंध में आर.डी. निमेष की जांच रपट सार्वजनिक किए जाने से चीजें साफ हो जाएंगी।
विशेष शिक्षकों के नियमितिकरण की मांग को लेकर रोज अनशन में उनके प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। उनके एसोशिएसन के अध्य़क्ष मुन्नालाल शुक्ल का तीन दिन का अनशन कल समाप्त कराया गया क्योंकि उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी।
अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक इन मांगों पर सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता। अभी तक सरकार की ओर से वार्ता के लिए बुलाए जाने हेतु कोई प्रस्ताव नहीं आया है जबकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी को अनशन व उसकी मांगों से अवगत कराया जा चुका है।
सिटीजन न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
सेवा क्षेत्र की तनख्वाहें न्यूनतम मजदूरी की तुलना में कई गुणा बढ़ जाने से व बढ़ती मंहगाई के कारण गरीब-अमीर की खाई बहुत चौड़ी हो गई है। हमारा मानना है कि डॉ लोहिया द्वारा तय किए गए मानक के अनुसार गरीब और अमीर के बीच आय में दस गुणा से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। वैसे लोकतंत्र में तो सभी की आय बराबर ही होनी चाहिए। हमारी मांग है कि वेज बोर्ड न्यूनतम मजदूरी को संशोधित कर रु. 440 प्रति दिन पर तय करे ताकि असंगठित क्षेत्र की मजदूरी सरकार द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम तनख्वाह से कम न हो। ज्ञात हो के टेªड यूनियन संविदा कर्मचारियों के लिए न्यूनतम रु. 11,000 की मांग कर रही हैं।
किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उनकी लागत का डेढ़ गुणा होगा और इसको तय करने के लिए एक किसान आयोग बनाया जाएगा यह बात तो समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में लिखी है। किन्तु न्यूनतम समथन मूल्य के सम्बन्ध में सबसे बड़ा सवाल है कि वह लागू कैसे होगा? दलालों पर कौन रोकेगा? सरकार को राजनीनितक इच्छा शक्ति दिखाते हुए गरीबों से वसूली और किसानों के साथ दलाली बंद करनी चाहिए। ज्ञात हो कि पिछले हफ्ते डालीगंज पुल पर कार्तिक पूर्णिमा मेले में होने वाली तीन पक्षों द्वारा दैनिक वसूली बंद करवाई गई।
कल भूतपूर्व सांसद इलियास आजमी ने अनशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी जानकारी में तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद की गिरफ्तारी निश्चित रूप से जौनपुर व आजमगढ़ से हुई है और ए.टी.एस. इस मामले में झूठ बता रही है कि गिरफ्तारी बाराबंकी से हुई है। इस सम्बंध में आर.डी. निमेष की जांच रपट सार्वजनिक किए जाने से चीजें साफ हो जाएंगी।
विशेष शिक्षकों के नियमितिकरण की मांग को लेकर रोज अनशन में उनके प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। उनके एसोशिएसन के अध्य़क्ष मुन्नालाल शुक्ल का तीन दिन का अनशन कल समाप्त कराया गया क्योंकि उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी।
अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक इन मांगों पर सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता। अभी तक सरकार की ओर से वार्ता के लिए बुलाए जाने हेतु कोई प्रस्ताव नहीं आया है जबकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी को अनशन व उसकी मांगों से अवगत कराया जा चुका है।
सिटीजन न्यूज़ सर्विस - सीएनएस