सोशलिस्ट पार्टी ने कई बार योजना आयोग की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया हैा क्योंकि योजना आयोग की स्थापना संविधान लागू हो जाने के सात सप्ताह बाद केबिनेट ने एक प्रस्ताव के जरिए की थीा आजादी के शुरूआती दौर में योजना आयोग की एक प्रस्ताव की मार्फत स्थापना की कुछ सार्थकता बनती थी क्योंकि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया था कि योजना निर्माण का काम संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों और राज्य के नीति-निर्देशक तत्वों की रोशनी में किया जाएगाा प्रस्ताव में आगे इस बात पर बल दिया गया था कि योजना आयोग की सफलता सभी स्तरों पर लोगों की सहभागिता के आधार पर काम करने पर निर्भर करेगी।