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टीबी से निपटने में बाधक सदियों से चली आ रही असमानताएं और अन्याय
[English] प्रख्यात अमेरिकन लेखक जॉन ग्रीन ने पिछले साल संयक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में कहा था कि टीबी से मृत्यु के लिए हम मनुष्य ही ज़िम्मेदार हैं क्योंकि यह मानव-निर्मित प्रणालियों का नतीजा है। इसका एक ही अर्थ निकलता है कि हर मानव जीवन को हम एक-समान बहुमूल्य नहीं मानते।
विकलांगता न्याय और जेंडर समानता के बिना कैसे सुरक्षित रहेंगे सबके मानवाधिकार
विकलांग लड़कियां और महिलायें अन्य महिलाओं की अपेक्षा कई गुना अधिक सामाजिक और आर्थिक असमानता झेलती हैं। महिला हिंसा का खतरा भी विकलांग महिला के लिए 4 गुना अधिक है, परंतु हिंसा उपरांत न्यायिक सहायता और सहयोग मिलने की संभावना अत्यंत संकीर्ण।
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