तम्बाकू उत्पाद के पाकेटों से गायब है नयी चित्रमय चेतावनी

[English] हालाँकि १ दिसंबर,२०११ से भारत में बिकने वाले सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर नयी प्रभावकारी चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी लागू हो जानी चाहिए थी परन्तु १५ दिन बाद तक यह लागू नहीं हुई है. इसके बारे में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने २७ मई, २०११ को, सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम २००३ (कोटपा २००३) के फोटो चेतावनी सेक्शन के तहत एक गज़ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया था .

विश्व स्वास्थय संगठन महानिदेशक द्वारा पुरुस्कृत बाबी रमाकांत का कहना है कि जब सरकार ने गजट नोटिफिकेशन २७ मई २०११ को जारी कर दिया था तो तम्बाकू कंपनियों के पास ६ महीने से अधिक समय था इस जन-स्वास्थ्य अधिनियम का पालन करने के लिये. उचित अधिकारियों को ऐसे तम्बाकू उत्पाद जो कानून का उलंघन कर रहे हैं उनको जब्त करना चाहिए.

इंडियन सोसाइटी अगेंस्ट स्मोकिंग का नेत्रित्व कर रही शोभा शुक्ल का कहना है कि पहले भी हमारी सरकार ने कई बार, तम्बाकू उद्योग के दबाव में आकर नई चेतावनियों को कम असरदार बनाने के साथ साथ उनके लागू करने की तारीख को भी आगे बढ़ाया है. नवम्बर २००८ में स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सूचना आयोग को बताया था कि तम्बाकू उद्योग के निरंतर दबाव के कारण वह प् तम्बाकू नियंत्रण स्वास्थ्य नीतियाँ रभावकारी ढंग से लागू नहीं कर पा रही है.

शोभा शुक्ल ने कहा कि भारत ने फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टुबैको कंट्रोल (एफ़.सी.टी.सी.) को २००४  में अंगीकार किया था. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रथम अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संधि है. इस संधि के अनुसार भारत को २७ फरवरी, २००८ तक फोटो चेतावनी को कार्यान्वित कर देना चाहिए था. परन्तु किसी भी प्रकार की पहली चित्रमय चेतावनी मई २००९ में ही लागू करी गयी. और यह अपने आप में बहुत ही कमज़ोर साबित हुई.

युवा नेता और नागरिकों का स्वस्थ लखनऊ अभियान के समन्वयक राहुल कुमार द्विवेदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तम्बाकू पैक पर बड़ी और प्रभावकारी फोटो चेतावनियाँ, राष्ट्रीय  स्तर पर तम्बाकू नियंत्रण में बहुत कारगर सिद्ध होती हैं. विश्व में किये गए अनेक शोध यह दर्शाते हैं कि बड़ी और डरावनी चित्र चेतवानी का असर भी बड़ा प्रभावी होता है, तथा तम्बाकू उपभोक्ताओं को तम्बाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करता है-- विशेषकर बच्चों और युवाओं को.

इसके अलावा, इसमें सरकार को धन भी  व्यय  नहीं करना पड़ता, क्योंकि यह दायित्व तम्बाकू कम्पनी का हो जाता है.

बाज़ार में बिकने वाली विदेशी सिगरेटों के पैक पर भी ये चेतावनियाँ अंकित होनी चाहिए, वर्ना ऐसी विदेशी सिगरेटों को जब्त करना चाहिए.

सी.एन.एस.