इस सच्चाई के बावजूद कि टीबी का इलाज मुमकिन है और एचआईवी का उपचार उपलब्ध है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2010 में 350000 लोगों की मृत्यु इन दो रोगों के सह-संक्रमण से हुई, और एचआईवी से मरने वाले प्रत्येक चार लोगों में एक की मृत्यु का कारण टीबी ही है। पूरे विश्व में 10 लाख से अधिक लोगों को टीबी और एचआईवी के एक साथ इलाज की जरूरत है, अतः यह अत्यंत आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रणाली इन मरीजों को अपने सेवाओं के बेहतर समन्वय के साथ उचित देखभाल प्रदान करे. जब टीबी का इलाज उपलब्ध है तो एचआईवी के साथ जीवनयापन करने वाले लोगों में यह मृत्यु का प्रमुख कारण नहीं होना चाहिए.