2 घंटे के अंदर टीबी की पक्की जांच और 'रीफ़ेंपीसीन' दवा प्रतिरोधकता की जांच अब अधिक लोग करा सकेंगे क्योंकि अनेक "जीन एक्सपर्ट" मशीन भारत एवं अन्य देशों में लग रही हैं। 'यूनिटऐड' नमक संस्था ने विश्व में सबसे अधिक संख्या में जीन एक्सपर्ट मशीन लगाने का कदम उठाया है जिससे अनुमान है कि 62,000 जीवन टीबी से बचाए जा सकेंगे।
भारत सरकार के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय टीबी अनुसंधान केंद्र के 'बेक्टीरिओलाजी' डिविजन के पूर्व प्रमुख और 'फाइंड' के टीबी कार्यक्रम (भारत एवं दक्षिण पूर्वी एशिया) के अध्यक्ष डॉ सीएन परमसिवन ने सीएनएस को बताया कि भारत में 2 जीन एक्सपर्ट संबन्धित प्रोजेक्ट वर्तमान में क्रियान्वित हो रहे हैं: यूनिटऐड द्वारा पोषित प्रोजेट जिससे कि 14 जीन एक्सपर्ट मशीन भारत की 12 पीएमडीटी केन्द्रों पर लगेंगी (पीएमडीटी केंद्र पर दवा प्रतिरोधक टीबी की जांच और उपचार नि:शुल्क होता है), और दूसरा प्रोजेक्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहायता से भारत में चालू है जिसके अंतर्गत जीन एक्सपर्ट की उपयोगिता आदि का आंकलन हो रहा है। यह दोनों प्रोजेक्ट और अन्य फाइंड के कार्यक्रम भारत सरकार के पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के सुझाव, मूल्यांकन और मार्गनिर्देशन से हो रहे हैं।
सीएनएस की प्रमुख शोभा शुक्ला ने कहा कि दवा प्रतिरोधक टीबी की जांच से यह पता चलता है कि कौन से दवा टीबी के लिए कारगर होगी (और कौन से दवा से रोगी प्रतिरोधक है)। वर्तमान में भारत के हर प्रदेश में कम-से-कम एक ऐसी अति-आधुनिक प्रयोगशाला है जहां इसकी जांच हो सकती है परंतु रिपोर्ट आने में समय अधिक लगता है। उदाहरण के तौर पर, सॉलिड कल्चर टेस्ट द्वारा रिपोर्ट 2-3 माह में आती है, लिकुइड कल्चर टेस्ट द्वारा रिपोर्ट 2-3 हफ्ते में आती है और 'लाइन प्रोब एस्से' (एलपीए) द्वारा रिपोर्ट 3-7 दिन में आती है। परंतु अब जीन एक्सपर्ट द्वारा रिपोर्ट 2 घंटे के अंदर ही आ जाएगी। एक अन्य लाभ यह है कि जीन एक्सपर्ट मशीन को कार्य करने के लिए अति आधुनिक प्रयोगशाला का वातावरण नहीं चाहिए और यह क्लीनिक या डाट्स केंद्र तक पर उपलब्ध कराई जा सकती है।
सीएनएस की शोभा शुक्ला ने बताया कि जीन एक्सपर्ट से पहले टीबी स्पूटम पॉज़िटिव लोगों की जांच तो एलपीए से 3-7 दिन के भीतर हो सकती थी परंतु टीबी स्पूटम नेगेटिव लोगों की जांच के लिए कल्चर टेस्ट करने पड़ते थे जिसकी रिपोर्ट 2-3 माह (सॉलिड कल्चर) या 2-3 हफ्ते (लिकुइड कल्चर) में आती थी। अब जीन एक्सपर्ट द्वारा टीबी स्पूटम नेगेटिव लोगों की भी जांच 2 घंटे के भीतर हो सकेगी।
जीन एक्सपर्ट के चलते यदि बत्ती चली जाये तो 'कार्टरिज' खराब चला जाएगा इसीलिए इसको बेटेरी इंवर्टर या जेनरेटर भी चाहिए जिससे कि यह पूर्ण कार्यकुशलता से टीबी जांच कर सके।
टीबी की पक्की जांच यदि जल्दी हो सकेगी तो इलाज भी जल्दी प्रारम्भ हो सकता है और टीबी संक्रमण के फैलने में भी गिरावट आएगी जो जन स्वास्थ्य के लिए अति-आवश्यक और लाभकारी है।
बाबी रमाकांत, सिटीजन न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
सितम्बर २०१३
भारत सरकार के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय टीबी अनुसंधान केंद्र के 'बेक्टीरिओलाजी' डिविजन के पूर्व प्रमुख और 'फाइंड' के टीबी कार्यक्रम (भारत एवं दक्षिण पूर्वी एशिया) के अध्यक्ष डॉ सीएन परमसिवन ने सीएनएस को बताया कि भारत में 2 जीन एक्सपर्ट संबन्धित प्रोजेक्ट वर्तमान में क्रियान्वित हो रहे हैं: यूनिटऐड द्वारा पोषित प्रोजेट जिससे कि 14 जीन एक्सपर्ट मशीन भारत की 12 पीएमडीटी केन्द्रों पर लगेंगी (पीएमडीटी केंद्र पर दवा प्रतिरोधक टीबी की जांच और उपचार नि:शुल्क होता है), और दूसरा प्रोजेक्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहायता से भारत में चालू है जिसके अंतर्गत जीन एक्सपर्ट की उपयोगिता आदि का आंकलन हो रहा है। यह दोनों प्रोजेक्ट और अन्य फाइंड के कार्यक्रम भारत सरकार के पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के सुझाव, मूल्यांकन और मार्गनिर्देशन से हो रहे हैं।
सीएनएस प्रमुख शोभा शुक्ला |
सीएनएस की शोभा शुक्ला ने बताया कि जीन एक्सपर्ट से पहले टीबी स्पूटम पॉज़िटिव लोगों की जांच तो एलपीए से 3-7 दिन के भीतर हो सकती थी परंतु टीबी स्पूटम नेगेटिव लोगों की जांच के लिए कल्चर टेस्ट करने पड़ते थे जिसकी रिपोर्ट 2-3 माह (सॉलिड कल्चर) या 2-3 हफ्ते (लिकुइड कल्चर) में आती थी। अब जीन एक्सपर्ट द्वारा टीबी स्पूटम नेगेटिव लोगों की भी जांच 2 घंटे के भीतर हो सकेगी।
जीन एक्सपर्ट के चलते यदि बत्ती चली जाये तो 'कार्टरिज' खराब चला जाएगा इसीलिए इसको बेटेरी इंवर्टर या जेनरेटर भी चाहिए जिससे कि यह पूर्ण कार्यकुशलता से टीबी जांच कर सके।
टीबी की पक्की जांच यदि जल्दी हो सकेगी तो इलाज भी जल्दी प्रारम्भ हो सकता है और टीबी संक्रमण के फैलने में भी गिरावट आएगी जो जन स्वास्थ्य के लिए अति-आवश्यक और लाभकारी है।
बाबी रमाकांत, सिटीजन न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
सितम्बर २०१३