डा0 सूर्य कान्त, सीएनएस स्तंभकार
तम्बाकू आज के समय में फैल रही अधिकांश बीमारियों के पीछे एक बड़ा कारण है। इस की लत का प्रसार एक दुर्दम महामारी का रूप ले चुका है। ऐसे हालात में तम्बाकू से निर्मित उत्पादों के सेवन से न केवल व्यक्तिगत, शारीरिक, एवं बौद्धिक ह्रास हो रहा है, अपितु समाज पर भी इसके दूरगामी, व्यक्तिगत, सामाजिक, एवं आर्थिक दुष्प्रभाव दिखाई देने लगे है। 16 वीं शताब्दी में अकबर के शासन मे पुर्तगाली पहली बार तम्बाकू ले कर भारत आये थे। जहाँगीर के शासनकाल मे इसके उपभोग को नियंत्रित करने के लिए इस पर भारी मात्रा पर कर लगाये गये। परंतु सदियां बीत गयी तम्बाकू व्यापार और उपभोग पर लेश मात्र भी अंकुश न लगा।
तम्बाकू आज के समय में फैल रही अधिकांश बीमारियों के पीछे एक बड़ा कारण है। इस की लत का प्रसार एक दुर्दम महामारी का रूप ले चुका है। ऐसे हालात में तम्बाकू से निर्मित उत्पादों के सेवन से न केवल व्यक्तिगत, शारीरिक, एवं बौद्धिक ह्रास हो रहा है, अपितु समाज पर भी इसके दूरगामी, व्यक्तिगत, सामाजिक, एवं आर्थिक दुष्प्रभाव दिखाई देने लगे है। 16 वीं शताब्दी में अकबर के शासन मे पुर्तगाली पहली बार तम्बाकू ले कर भारत आये थे। जहाँगीर के शासनकाल मे इसके उपभोग को नियंत्रित करने के लिए इस पर भारी मात्रा पर कर लगाये गये। परंतु सदियां बीत गयी तम्बाकू व्यापार और उपभोग पर लेश मात्र भी अंकुश न लगा।