क्या विकलांगता केवल शारीरिक ही होती है?
अक्सर हमारी विकलांग सोच ही शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के जीवन को कठिन बना देती है। वे अपनी शारीरिक अक्षमता को तो किसी हद तक झेल लेते हैं, परन्तु उसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव से जूझ पाना आसान नहीं होता।
शादी कोई गुड्डे गुड़िया का खेल नहीं है
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में ६५ करोड़ महिलाओं और लड़कियों की शादी बचपन में ही कर दी जाती है। इनमें से एक तिहाई से अधिक भारत में हैं जो बाकी सब देशों से अधिक है। बाल विवाह पर कानूनी प्रतिबंध होने के बावजूद भारत में २२.३ करोड़ ऐसी महिलाएं हैं जिनका विवाह १८ वर्ष की आयु से पूर्व हो गया था। २७% लड़कियों की शादी उनके १८ वें जन्मदिन के पहले हो जाती हैं और ७% की १५ साल की उम्र से पहले। ग्रामीण इलाकों में रहने वाली लड़कियों के लिए बाल विवाह का खतरा अधिक होता है। इस कुरीति का सबसे बड़ा कारण है सामाजिक असमानता, शिक्षा का अभाव, गरीबी और असुरक्षा।
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