भू-अधिकार उसी का है जो खेती-मजदूरी करे
एकजुट हो कर भूमिहीन किसान और खेतिहर मजदूर के अधिकारों पर केन्द्रित वैश्विक दिवस मनाते आ रहे हैं. भू-अधिकार न सिर्फ एक बड़ा मुद्दा है बल्कि अनेक दशक बीत जाने के बाद भी, "भू-अधिकार उसी का हो जो खेती-मजदूरी करे" - यह सच नहीं हो पाया है.
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