क्यों जरूरी है, "केवल एक पृथ्वी" नारे की प्रति हमारी जागरूकता

प्रत्यक्षा सक्सेना
5 जून 2022, विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष

हर साल की तरह इस वर्ष भी पर्यावरण की तरफ़ आम जन की जागरूकता बढ़ाने के लिए, पर्यावरण दिवस ५ जून को पूरे विश्व मे मनाया जा रहा है। वर्ष 1973 से शुरू हुए पर्यावरण दिवस में उस समय कुल 143 देशों ने भागेदारी की। इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यावसायिक लोग, सांसद, महापौर एवं अन्य प्रतिष्ठित लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या, समाधान आदि विषयों पर बात करते हैं। इस दिवस को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाना है जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन माना जाता रहा है। लोगों मे पर्यावरण के प्रति सजगता लाने के लिये एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हर वर्ष एक थीम रखा जाता है।

आइये समझे क्या होता है पर्यावरण

पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास का वातावरण या जिसमे हम अपना जीवन यापन करते है वो जगह वह वातावरण। हमारा पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष, जल, संसाधन इन सभी को मिलाकर बनता है। और इसी पर्यावरण की रक्षा करना उसे सहेजना हम सभी का कर्तव्य है। इसी पर्यावरण की सुरक्षा हेतु 8 अरब वाले इस विश्व को जागरूक करना बहुत आवश्यक है। इसी जागरूकता के लिए, लोगों को पर्यावरण से जुड़ी समस्या, उनके समाधान बताने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस प्रत्येक वर्ष 1973 से मनाया जाता है। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।

पर्यावरण दिवस 5 जून 2022 की थीम

इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 'ओनली वन अर्थ' थीम के साथ मनाया जा रहा है. इस बार यह मेजबानी स्वीडन के हाथों में है। यह थीम पर्यावरण में फैले प्रदूषण, एवं उसके धीरे-धीरे वैश्विक संकट बनने के कारण चुना गया है। जिसके माध्यम से 8 अरब की आबादी वाले इस विश्व के प्रत्येक लोगों को जागरूक किया जा सके और इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए ही इस दिन के महत्व को बताया जा सके। बढ़ता हुआ प्रदूषण पृथ्वी से लेकर वायु मंडल व इस पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं, प्रत्येक व्यक्ति के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

सभी को ये समझना होगा कि वनों की अनियंत्रित कटाई, और नए वृक्ष ना लगाना इसका मुख्य कारण है. जिसके परिणाम स्वरूप ग्लोबल वार्मिंग, चक्रवात, बाढ़, तूफान ,महामारी, आदि का खतरा दुनिया पर बढ़ता जा रहा है। इन्ही समस्याओं के कारण और उनके रोकथाम के लिए वैज्ञानिक व पर्यावरणविद् लगातार इसे लेकर लोगों को जागरूक होने की सलाह देते आ रहे हैं। ऐसे में सभी को जरूरत है पौधारोपण करे , प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर से छोटे छोटे प्रयास करे पर्यावरण को बचाने के लिए। हमे यह समझना होगा कि यदि हम एक पेड़ काटते हैं तो अपने लिए न सही अपनी आने वाले पीढ़ी के लिए सैकड़ों पौधे लगाएं और उन्हें सींचे ताकि वह वृक्ष भविष्य में सभी के लिए उपयोगी साबित हो।

पर्यावरण के लिए बंद हो सिंगल यूज़ प्लास्टिक

पर्यावरण पर बढ़ते संकट और आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों मे पर्यावरण को संरक्षित करने की जागरूकता तो आई है पर इसी सरकार द्वारा भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों के बाद 4,704 में से 2,591 शहरी स्थानीय निकायों में सिंगल-यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब केवल 2113 निकाय ही बचे हैं, जहाँ 30 जून तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक बंद की जाएगी।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक बंद करके यह हो गतिविधियाँ

पर्यावरण दिवस के एक दिन पूर्व ही सरकार द्वारा 30 जून तक सिंगल यूज़ प्लास्टि बंद करने की एडवाइजरी जारी की गई पर इसके लिए कुछ गतिविधियों का अपनाया जाना भी जरूरी है।इनमे से कुछ गतिविधियों में हिस्सा लेने का निर्देश सरकार द्वारा दिया गया है, जिनमें प्लास्टिक कचरा संग्रह पर विशेष जोर देने को कहा गया है ताकि इसे साफ किया जा सके इसी के साथ बड़े स्तर पर सफाई और प्लॉगिंग अभियान शामिल किये जायेंगे। इन सभी निर्देश के अलावा सभी नागरिकों, छात्रों, स्वैच्छिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय व लोकल कानूनी अथवा गैर-सरकारी संगठनों, सीएसओ, एनएसएस-एनसीसी कैडेट, आरडब्ल्यूए, बाजार संघ और अन्य लोगों के बीच कॉर्पोरेट संस्थाओं की भागीदारी को बढ़ाकर एक बड़ा अबगिया वृक्षारोपण चलाए जाने के निर्देश सरकार द्वारा सभी डिपार्टमेंट्स को दिए गए है।

5 जून 2022 को, पर्यावरण दिवस पर विश्व के प्रत्येक नागरिक को अपनी ज़िम्मेदारी को समझते हुए यह जागरूकता लानी होगी कि, हम सभी के पास जीवन यापन के लिए पृथ्वी एक ही ग्रह है। इस पृथ्वी ग्रह को संरक्षित रखना, आने वाली समस्याओं को दूर करना, उन्हें समझना, हमारी जवाबदारी है। हमें पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष, जल, संसाधनों से जुड़ी चुनौतियों को समझना चाहिए और इन चुनौतियों के रोकथाम के लिए जागरूक रहना चाहिए।

तभी हम आने वाली पीढ़ी के लिए अपने पर्यावरण को सहेज के रख पाएंगे और इस वर्ष के पर्यावरण दिवस के थीम "केवल एक पृथ्वी" को सार्थक कर पाएंगे।

प्रत्यक्षा सक्सेना
5 जून 2022