एक-तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है: प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के अनुसार कम-से-कम एक-तिहाई कैंसर से बचाव मुमकिन है। डबल्यूएचओ अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित और कैरिएर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के प्रिन्सिपल प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त  ने कहा कि “कैंसर से बचाव और कैंसर के खतरे को कम करने वाली जीवनशैली को बढ़ावा देने से ही कैंसर नियंत्रण में सार्थक कदम उठ सकते हैं”। प्रो0 डॉ0 रमा कान्त, जो किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी के पूर्व प्रमुख और पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी रहे हैं, विश्व कैंसर दिवस पर स्वास्थ्य को वोट अभियान, आशा परिवार, सीएनएस, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय द्वारा आयोजित मीडिया संवाद को संबोधित कर रहे थे।

तंबाकू से दूर रहे: कैंसर से  बचें
प्रो0डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि 22% कैंसर तंबाकू के कारण होते हैं और तंबाकू त्यागने से तमाम-कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है। 2004 में 76 लाख कैंसर रोगियों में से 16 लाख को कैंसर तंबाकू की वजह से हुआ था। भारत में प्रतिवर्ष तंबाकू से 10 लाख से अधिक मृत्यु होती है। तंबाकू से अनेक प्रकार के कैंसर होने का खतरा बढ़ता है जैसे कि फेफड़े, सांस की नली, भोजन नली, ध्वनि यंत्र, मुंह, गुर्दे, पेशाब थैली, पैंक्रियास, पेंट और महिलाओं में सेरविक्स कैंसर आदि।  कुल फेफड़े के कैंसर अनुपात का 70% कैंसर तंबाकू का जनक है। तंबाकू धुएँ से यह भी प्रमाणित है कि परोक्ष धूम्रपानी तक को कैंसर हो सकता है।

शारीरिक परिश्रम, व्यायाम, और संतुलित आहार
प्रो0डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि शारीरिक परिश्रम, व्यायाम, और संतुलित आहार से भी कैंसर खतरा कम होता है। प्रो0डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि मुटापे, अधिक वज़न और असंतुलित आहार का कैंसर के खतरे से सीधा संबंध है – जैसे कि सांस नली, गुदा संबंधी, ब्रेस्ट, गुर्दे, आदि के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित आहार में फल और हरी सब्जियाँ भी शामिल होनी चाहिए। उसी तरह से ‘रेड’ मांस का अत्यधिक सेवन गुदा संबंधी कैंसर का खतरा बढ़ा भी सकता है। संतुलित आहार और शारीरिक परिश्रम से हृदय रोग होने का खतरा भी कम होता है।

शराब से दूर रहे
 प्रो0डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि शराब से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है – जैसे कि मुंह, श्वास प्रणाली, लिवर, गुदा संबंधी, ब्रेस्ट आदि के कैंसर होने का खतरा शराब से बढ़ सकता है और शराब और धूम्रपान दोनों करने पर यह खतरा अनेक गुना बढ़ जाता है। मुंह और सांस नली के 22% कैंसर शराब की वजह से होते हैं।

सोच समझ कर जीवनशैली अपनाएं
प्रो0डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाली जीवनशैली को हम क्यों अपनाते हैं? हमारे अपने हित के लिए स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाएं और जन-हितैषी जन-स्वास्थ्य क़ानूनों को सख्ती से लागू करें।

सिटीजन न्यूज़ सर्विस - सीएनएस 
फरवरी  2013