टीबी मरीज जाल काट के अस्पताल से भागे
साउथ अफ्रीका के अस्पताल से 23 टीबी मरीज दीवार का जाल काट के भागने को मजबूर हुए।
टीबी, खासकर की ऐसी टीबी या तपेदिक जिसपर आमटीबी की दवाएं बेअसर हो जाएँ बहुत खतरनाक होती है। इसको दृग-रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक कहते है।
म.डी.र.टीबी ऐसी ही एक इस्थ्ती है जब आम 'दोट्स' कीटीबी पर असर करने वाली दवाएं बेअसर हो जाती हैं। ऐसेरोगियों के लिए अन्य दवाएं तो है पर इलाज लम्बा है, १००० गुना महंगा है और समस्या जटिल है। सामान्य टीबी का इलाज न केवल मुमकिन है पर मुफ्त मेंउपलब्द है 'दोट्स' कार्यक्रम के तत्वाधान। म.डी.र.टीबी का इलाज कुछ विशेष केन्द्रों पर नि-शुल्कउपलब्ध हो रह है पर आसान कदापि नही है।
एक्स.डी.र.टीबी सबसे खतरनाक इस्थ्ती है जिसमे इलाज संभव नही है क्योकि टीबी का कीटाणु परलगभग सब दवाएं बेअसर हो जाती हैं। ऐसी इस्थ्ती में औसतन रोगी १५-२० रोज़ जिंदा रहता है।
अफ्रीका के अस्पताल में कैसी इस्थ्ती होगी आप अंदाजा लगाएं कि २३ मरीजों को अस्पताल कीदीवार का जाल काट के भागना पड़ा। मरीजों को इलाज न करना मंजूर है पर अस्पताल का शोशंयुक्तऔर तिरस्कार से भरा माहौल मंजूर नही।
हैरत होगी ये जान के कि अफ्रीका के कोर्ट ने आर्डर निकला है कि यदि मरीज वापस नही आये इलाजकरने के लिए तो घर-घर उनकी तलाश की जायेगी। टीबी का रोगी होना जैसे कि कोई खतरनाकमुजरिम होना।
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टीबी, खासकर की ऐसी टीबी या तपेदिक जिसपर आमटीबी की दवाएं बेअसर हो जाएँ बहुत खतरनाक होती है। इसको दृग-रेसिस्तंत टीबी या तपेदिक कहते है।
म.डी.र.टीबी ऐसी ही एक इस्थ्ती है जब आम 'दोट्स' कीटीबी पर असर करने वाली दवाएं बेअसर हो जाती हैं। ऐसेरोगियों के लिए अन्य दवाएं तो है पर इलाज लम्बा है, १००० गुना महंगा है और समस्या जटिल है। सामान्य टीबी का इलाज न केवल मुमकिन है पर मुफ्त मेंउपलब्द है 'दोट्स' कार्यक्रम के तत्वाधान। म.डी.र.टीबी का इलाज कुछ विशेष केन्द्रों पर नि-शुल्कउपलब्ध हो रह है पर आसान कदापि नही है।
एक्स.डी.र.टीबी सबसे खतरनाक इस्थ्ती है जिसमे इलाज संभव नही है क्योकि टीबी का कीटाणु परलगभग सब दवाएं बेअसर हो जाती हैं। ऐसी इस्थ्ती में औसतन रोगी १५-२० रोज़ जिंदा रहता है।
अफ्रीका के अस्पताल में कैसी इस्थ्ती होगी आप अंदाजा लगाएं कि २३ मरीजों को अस्पताल कीदीवार का जाल काट के भागना पड़ा। मरीजों को इलाज न करना मंजूर है पर अस्पताल का शोशंयुक्तऔर तिरस्कार से भरा माहौल मंजूर नही।
हैरत होगी ये जान के कि अफ्रीका के कोर्ट ने आर्डर निकला है कि यदि मरीज वापस नही आये इलाजकरने के लिए तो घर-घर उनकी तलाश की जायेगी। टीबी का रोगी होना जैसे कि कोई खतरनाकमुजरिम होना।
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