थाईलैंड में मधुमेह नियंत्रण अभियान
(जित्तिमा जन्तानामालाका द्वारा लिखे गए लेख का हिन्दी अनुवाद)
थाईलैंड में ३० लाख व्यक्ति डायबिटीज़ से पीड़ित हैं। अत: इस रोग की रोकथाम के लिए उचित उपाय करना नितांत आवश्यक है। ऐसा मानना है इस देश के जन स्वास्थ्य मंत्री श्री वित्ताया कैवपरादै का.
अंतर्राष्ट्रीय डायबिटीज़ फेडेरेशन (आई.डी.ऍफ़.) के अनुसार, २००९-२०१३ के लिए विश्व डायबिटीज़ दिवस का विषय है ‘डायबिटीज़ के बारे में जानकारी और इसकी रोकथाम’। यह अभियान, इस रोग की देखभाल से जुड़े हुए सभी लोगों का आह्वान करता है कि वो इसे समझ कर, इस पर नियंत्रण करें।
स्वास्थ्य मंत्री जी ने बताया कि थाई जनता को इस बारे में शिक्षित होना है कि वे अपने खान पान और जीवन शैली में बदलाव लाकर, इस रोग की रोकथाम कर सकते हैं। इसके लिए थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नियुक्त ९८०,००० से अधिक स्वास्थ्य स्वयं सेवक, डायबिटीज़ संबंधी सर्वेक्षण करते हैं; तथा जनता को समुचित जानकारी देते हुए, उन्हें शक्कर आदि हानिकारक खाद्य पदार्थों का त्याग करने को प्रेरित करते हैं। इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए विशेष सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। ऐसे व्यक्तियों की नियमित जांच की जाती है, विशेषकर उनकी जिन्हें 'डायबिटीज़ रेटिनोपैथी’ का खतरा है , ताकी समय रहते उन्हें अंधेपन से बचाया जा सके।
इस कार्य के लिए थाईलैंड को, नवम्बर २००८ से, डेनमार्क से वित्तीय सहायता मिल रही है – जब डेनमार्क के राजकुमार फ्रेडेरिक एवं राजकुमारी मेरी ने, थाई – डेनमार्क संबंधों के १५० वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बैंकाक का दौरा किया था। इसके अलावा, ‘वर्ल्ड डायबिटीज़ फौन्डेशन ’ की वित्तीय सहायता से दो मोबाइल कार यूनिट चलाई जा रही हैं। इनके द्वारा ‘डायबिटीज़ स्कैनिंग’ एवं ‘डायबिटीज़ रेटिनोपैथी’ का इलाज जनता को उपलब्ध हो रहा है।
मधुमेह के कारण प्रति वर्ष ४० लाख मौतें होती हैं। यह रोग, अंधेपन, दिल का दौरा, अंगछेदन, स्ट्रोक, एवं गुर्दे की बीमारी का भी प्रमुख कारण है। अंतर्राष्ट्रीय डायबिटीज़ फेडेरेशन (आई.डी.ऍफ़.) के अनुसार, यदि इस रोग की रोकथाम समय रहते नहीं करी गयी, तो अगले २० वर्षों में इसके रोगियों की संख्या ४३५ मिलियन तक पहुँच जायेगी।
आई.डी.ऍफ़. के नव निर्वाचित अध्यक्ष, श्री म्बन्या के शब्दों में, “विश्व को ऎसी एकीकृत स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश करने होगा, जिनके द्वारा डायबिटीज़ का निदान, उपचार, प्रबंधन और निराकरण सम्भव हो। सरकारों को औपचारिक स्वास्थ्य क्षेत्र से हट कर भी ऐसे कदम उठाने होंगे, जो स्वास्थ्यवर्धक आहार एवं शारीरिक क्रिया कलापों को बढ़ावा दे कर, मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज़ के खतरे को कम कर सकें। यदी इस रोग की प्रभावी रोक थाम नहीं की गयी तो इसका सीधा असर विश्व के आर्थिक विकास पर पड़ेगा.”
थाईलैंड की पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री की डा.श्रीवान्ना के अनुसार, “थाईलैंड में मधुमेह से पीड़ित ५०,०००-६०,००० व्यक्तियों का दृष्टि बाधित अथवा दृष्टिहीन होना संभावित है। उनकी समय से अस्पताल आने की प्रतीक्षा करने से बेहतर है कि हम ही उन तक शीघ्रता से पहुँच कर उनका उचित उपचार करें। हमारे पास सभी आधुनिक चिकित्सीय सुविधाओं से लैस ऐसे विशेषज्ञ हैं, जो दूर दराज़ के गाँवों में जाकर रोगियों को नि:शुल्क उपचार प्रदान कर सकें। हमें आशा है कि २०१० के डायबिटीज़ दिवस तक, हम ४००० ऐसे रोगियों को दृष्टिहीन होने से बचा लेंगें।”
डायबिटीज़ के भारी बोझ से दबे हुए भारत, चीन, अमेरिका जैसे अनेक देशों में इस बात के सतत प्रयत्न किए जा रहे हैं कि लोग जंक फ़ूड खाना कम कर दें। भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के भी क़ानून बने हैं। श्री वित्ताया ने बताया की अभी तक थाईलैंड में ऐसा कोई क़ानून नहीं बना है जिसके तहत टेलीविजन के भ्रामक विज्ञापनों और बाज़ार में बिकने वाले अल्पाहार में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित किया जा सके। परन्तु कंपनियों एवं उद्योगपतियों से निवेदन किया जा रहा है कि वे निर्मित खाद्य पदार्थों में शर्करा की मात्रा कम करके उन्हें स्वास्थ्यवर्धक बनाएं। जनमानस को भी स्वास्थ्यप्रद एवं हानिकारक खाने-पीने वाली वस्तुओं के बारे में समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जो स्कूल अपनी कैंटीन मेन जंक-ई फ़ूड नहीं बेचते, उन्हें पुरस्कार दे कर प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।
श्री वित्ताया ने बताया कि वज़न कम करने और शारीरिक कार्य शीलता बढ़ाने के लिए, थाई जनता के बीच अनेक जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं, जिनका उत्साहवर्धक परिणाम मिल रहा है। मध्य आय वर्ग के बहुत से लोग अब गुणकारी खाद्य पदार्थ, कीटनाशक रहित सब्जियां, ब्राउन राईस, इत्यादि खरीद रहे हैं। ‘ फ़ूड & ड्रग ऐड्मिनिसट्रेटर’ के सहयोग से कीटनाशक रहित सामान बेचने वाले मार्केट खोले जा रहे हैं, जैसे ‘सेम यान मार्केट’। इसके अलावा, इस वर्ष, देश भर में लगभग २,१०० ऐसे चिकित्सा केन्द्रों की स्थापना की गयी है, जहाँ मधुमेह के उपचार के अलावा, स्वास्थ्य वर्धन सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।
थाईलैंड का डायबिटीज़ असोसिअशन, वहाँ की राजकुमारी महा चक्री सिरिन्धोम के संरक्षण में कार्य करता है। इस संस्था के वाइस प्रेसिदेन्त, प्रोफ़ेसर नितियानंत के अनुसार, अब सभी इस बात को मानने लगे हैं कि डायबिटीज़, इस देश में एक जन स्वास्थ्य चुनौती के रूप मेन पनप रही है. अत: इस समस्या के निवारण हेतु, मधुमेह के निदान, रोकथाम एवं इससे जुड़ी हुई अन्य समस्याओं के निवारण हेतु नि:शुल्क कैम्प लगाए जायेंगे।
आई.डी.ऍफ़. के अनुसार, डायबिटीज़ जागरूकता अभियान के मुख्य संदेश हैं:
*डायबिटीज़ के लक्षणों और खतरों को पहचानिए
*डायबिटीज़ का सामना करने के लिए तैयार रहिये
*डायबिटीज़ पर नियंत्रण करके इसकी उचित व्यवस्था के उपाय जानिये
थाईलैंड में इस रोग को गंभीरता से लिया जा रहा है। जहाँ एक ओर इस रोग, एवं इससे उत्पन्न समस्याओं के निवारण हेतु प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं, वहीं डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्तियों की देखभाल के लिए उत्तम सुविधाएं प्रदान करने की चेष्टा भी करी जा रही है।
जित्तिमा जन्तानामालाका