[English][फोटो] 'नागरिकों का स्वस्थ लखनऊ' अभियान के अंतर्गत सेक्टर-१६, इंदिरा नगर, स्थित ए. एल. एस अकादमी में आयोजित एक जन जागरूकता कार्यक्रम में 'तम्बाकू नियंत्रण और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई' परिचर्चा का आयोजन किया गया . कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आये प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित, डॉ. संदीप पाण्डेय ने बच्चों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई के लिए सूचना अधिकार अधिनियम के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया. पाण्डेय जी ने बच्चों से यह भी अनुरोध किया कि न तो वे कभी घूस लें तथा न ही कभी घूस दें.
डॉ संदीप पाण्डेय ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज तक देश में जितने ही बड़े घोटाले हुए हैं और जिसके कारण देश कि छवि धूमिल हुई है, इन सभी प्रकार के घोटालों में देश के उच्च पदों पर आसीन अधिकारिओं का ही हाथ है. अतः यह जाहिर बात है कि अधिकांश भ्रष्टाचार पढ़े-लिखे लोग ही करते हैं. इसीलिए यह और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि छात्र भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में सक्रीय हों जिससे कि देश का आने वाला भविष्य भ्रष्टाचार मुक्त हो.
पाण्डेय जी ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार के लिए केवल घूस लेने वाला ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि घूस देनें वाला भी बराबर का जिम्मेदार है. इसलिए भ्रष्टाचार तभी ख़त्म किया जा सकता है जब हम यह प्रण करें कि न तो हम कभी घूस लेंगें और न ही कभी घूस देंगें. आने वाले समय में ये ही बच्चे सरकारी कार्यालयों में उच्च पदों पर आसीन होंगे, और तब धन और पद के लोभ में घूस लेने की अनैतिक लालसा भी उत्पन्न होगी. इसीलिए युवाओं को अभी से ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रतिज्ञा लेना आवश्यक है.
डॉ संदीप पाण्डेय ने छात्रों को सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन पत्र लिखना सिखाया और बताया कि आवेदन पत्र संबधित विभाग के जन-सूचना अधिकारी को संबोधित किया जाता है. सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगते हुए आवेदन पत्र में यह बात स्पष्ट लिखे कि जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम, २००५, के अंतर्गत मांगी जा रही है. १० रूपए का नोट या 'मनी-आर्डर' संलग्न करें, और नोट का नंबर भी आवेदन पत्र में लिख दें. इस आवेदन पत्र को पंजीकृत डाक द्वारा भी भेजा जा सकता है. कार्यशाला के अंत में सभी बच्चों ने सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत उन अनेकों विषयों पर वास्तविक आवेदन पत्र लिखे, जो उनके जीवन को प्रभावित कर रहे थे.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए नागरिकों का स्वस्थ् लखनऊ अभियान के समन्वयक राहुल द्विवेदी ने कहा कि तम्बाकू घातक है. तथा तम्बाकू कम्पनियां अपने उत्पाद को बेचने के लिए युवाओं को निशाना बना कर, तरह-तरह के लुभावने विज्ञापनों के माध्यम से युवाओं को तम्बाकू उपभोग के लिए उकसाती हैं. अतः यह बहुत जरुरी है कि युवा छात्र तम्बाकू के असली घातक चेहरे से परिचित हों, तथा तम्बाकू जनित जानलेवा रोगों को जान लें जिससे कि वें विवेकपूर्ण निर्णय लेकर स्वस्थ जीवन चुने, न कि तम्बाकू.
बच्चो को प्रोत्साहित करते हुए राहुल द्विवेदी ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन पत्र लिख कर यह पूछना चाहिए कि सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम २००३ को अभी तक पूर्ण रूप से क्यों लागू नहीं किया गया है? क्यों शक्षिक संस्थानों के १०० यार्ड के अन्दर तम्बाकू विक्रय दुकानें हैं? क्यों सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान हो रहा है?
हम यह उम्मीद करते हैं कि युवा वर्ग सूचना अधिकार अधिनियम का उचित उपयोग करके अपने समाज और देश को स्वस्थ् बनाने का प्रयास करेगा न कि चुपचाप इस प्रकार की नैतिक बुराइयों और भ्रष्टाचार का सहन करता रहेगा. युवा छात्रों के लिए आयोजित इस जन जागरूकता कार्यक्रम से सभी को कुछ नया करने की प्रेरणा मिलेगी, और वे अपने समाज को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ् बनाने का प्रयास करेंगे.
शोभा शुक्ल - सी.एन.एस.