भारत में बीड़ी तम्बाकू-जनित मृत्यु का सबसे बड़ा कारण

भारत में १० करोड़ लोगों से भी अधिक बीड़ी का सेवन करने वाले लोग हैं. जितने लोग बीड़ी पीने की वजह से तम्बाकू-जनित मृत्यु को प्राप्त होते हैं, उतने अन्य सभी प्रकार के तम्बाकू उत्पादनों द्वारा जनित बीमारियों से भी नही मरते. विश्व स्वास्थ्य संगठन पुरुस्कार विजेता प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने बताया कि यह तथ्य बीड़ी मोनोग्राफ नामक रपट में सामने आए जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की थी.

भारत में ८० करोड़ से अधिक बीड़ी प्रति वर्ष बिकती हैं. चौकाने वाला तथ्य यह है कि भारत में ५३ प्रतिशत तम्बाकू सेवन बीड़ी के रूप में होता है, जब कि सिर्फ़ १९ प्रतिशत तम्बाकू सेवन सिगरेट के रूप में होता है. औसतन हर एक बिकने वाली सिगरेट पर ८ बीड़ी बिकती हैं, कहा प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने जो अखिल भारतीय शल्य-चिकित्सकों (सर्जनों) के संघ के नव-निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.

"तम्बाकू हर रूप में घातक है. वर्त्तमान में बीड़ी पीने का दर कई प्रदेशों में अधिक है, जैसे कि मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में १०.६ - १४.२ प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश, असाम, बिहार, चंडीगढ़ और मेघालय में ४.६ - ९.२ प्रतिशत, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, उड़ीसा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश में १.1 - २.९ प्रतिशत, और गोया, तमिल नाडू, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में १० प्रतिशत है" कहा प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने. भारत में मिजोरम में बीड़ी सेवन का दर सबसे अधिक है और पंजाब में सबसे कम.

प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि "जिन घरों में शराब या पान का सेवन होता हो, वहाँ पर बीड़ी पीने की सम्भावना अधिक होती है, ऐसा इस रपट में निकल के आया है."

"बीड़ी में तम्बाकू की मात्रा सिगरेट की तुलना में कम होती है पर निकोटीन, टार और अन्य हानिकारक पदार्थों की मात्रा काफी अधिक होती है. इनमें से कई ऐसे पदार्थ हैं जिनसे कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है" कहना है प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त का.

बीड़ी पीने से स्वास्थ्य पर जान-लेवा कु-प्रभावों में से मुह के कैंसर, खाने की नली के कैंसर आदि प्रमुख हैं, जो तम्बाकू-जनित कैंसर के कुल अनुपात का ७५ प्रतिशत हैं!इस रपट में यह भी प्रमाणित हुआ है कि बीड़ी पीने और तपेदिक या टीबी के मध्य सीधा सम्बन्ध है.

चंद तथ्य:
- ८५ प्रतिशत बीड़ी में इस्तेमाल होने वाली तम्बाकू भारत में ही उगाई जाती है
- गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में ३५ प्रतिशत कृषि योग्य खेतों में बीड़ी बनाने के लिए तम्बाकू और तेंदू पत्ते आदि की खेती होती है
- बीड़ी बनाने के लिए १०,५०,००० टन तम्बाकू और ३,००० टन तेंदू पत्ता लगता है
- मध्य प्रदेश और राजस्थान से अधिकांश बीड़ी बनाने के लिए तेंदू पत्ता आता है.

सी.एन.एस.