लखनऊ में अनेक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि कमीशनखोरी के विरोध में आगे आए। लोक राजनीति मंच के डॉ संदीप पाण्डेय ने बताया कि प्रांतीय प्रशासनिक सेवा के उद्यान एवं खाद्य
प्रसंस्करण विभाग के 40 वर्षीय अधिकारी चंद्र भूषण पाण्डेय ने लगातार आरोप
लगाया है कि उनके उच्च अधिकारी व मंत्री उनसे कमीशन मांगते हैं। इस
व्यवस्था से तंग आकर वे अगस्त 2008 में इस्तीफा भी दे चुके हैं और अगस्त
2011 से वेतन लेना भी बंद कर दिया है। किन्तु उ.प्र. सरकार उनका इस्तीफा
स्वीकार नहीं कर रही। वह बार-बार उनपर नौकरी पर वापस आने का दबाव बनाती है।
चंद्र भूषण पाण्डेय यह गारंटी चाहते हैं कि विभाग के मंत्री और उच्च
अधिकारी उनसे कमीशन नहीं मांगेंगे।
नाभिकीय मुक्त दुनिया की ओर
यह पुस्तक वस्तुतः तीन स्वतंत्र अध्यायों का संकलन है। पहले अध्याय में भारतीय नाभिकीय तंत्र के बारे में तथ्यात्मक जानकरी प्रस्तुत है। यह जानकारी उपलब्ध साहित्य एवं भारत सरकार के नाभिकीय विद्युत कार्पोरेशन की वेबसाइट आदि से संग्रहित की गयी है। इस अध्याय में दी गयी चीजों को समझना किसी गैर-वैज्ञानिक या प्रोद्योगिकीय पृष्ठभूमि के व्यक्ति के लिए कठिन हो सकता है। शायद विद्यालय स्तर के विज्ञान की पुस्तक का सहारा लेना पड़े। किन्तु इस अध्याय को पढे़ बिना भी आगे के दो अध्याय पढे़ जा सकते हैं। दूसरे अध्याय में नाभिकीय विषय से संबन्धित प्रचलित भ्रमों का स्पष्टीकरण दिया गया है। नाभिकीय विषय की समझ बनाने की द्रष्टि से यह अध्याय सबसे महत्वपूर्ण है। तीसरे अध्याय में देश में नाभिकीय विरोधी आन्दोलनों का प्रस्तुतीकरण है।
एनसीसी कैडेट ने तंबाकू का सेवन न करने का वचन दिया
[Photographs] 20वीं यूपी गर्ल्स बटैलियन के 300 से अधिक एनसीसी कैडेट ने वचन दिया कि वें तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे, अन्य लोगों को भी तंबाकू से दूर रहने में मदद
करेंगे और जो लोग तंबाकू व्यसनी हैं उनकी तंबाकू नशा त्यागने में मदद
करेंगे। आर्मी कैंट में हुए और स्वास्थ्य को वोट अभियान एवं 20वीं यूपी
गर्ल्स बटैलियन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ
सर्जन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त सर्जन प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त विशिष्ट वक्ता थे और 20वीं यूपी गर्ल्स बटैलियन के कमांडिंग ऑफिसर केबी गुरुंग और लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस दसौनी ने अध्यक्षता की।
जमीनी स्तर पर लोकतंत्र साकार करने हेतु
भारत की केन्द्रीकृत राजनीतिक व्यवस्था हमारे यहां भ्रष्टाचार एवं अपराधीकरण के लिए दोषी है. संविधान में 73वें व 74वें संषोधन के उपरांत स्थानीय स्वशासन का जो स्वरूप सामने आना चाहिए था, जिसके अंतर्गत जनता की निर्णय प्रक्रिया में सीधी भागीदारी हो सकती थी, उसे हमारे मुख्य धारा के दल और नौकरशाही, जिनका अब केन्द्रीकृत व्यवस्था में निहित स्वार्थ है, साकार नहीं होने दे रहे. स्वामी अग्निवेश के जंतर मंत्र स्थित कार्यालय में सम्पन्न हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई जिसमें देश के अनेक प्रगतिशील और सर्वजन-हितैषी व्यक्तियों और दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सूचना अधिकार अधिनियम सेक्शन 4(1)(बी) और जनता सूचना केंद्र पर संवाद
[English] टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज, मुंबई में पढ़ाई कर रहे शैलेन्द्र कुमार और आशा परिवार के साथ जुड़े कार्यकर्ता मुदित शुक्ला ने सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५ की धारा ४ (१)(बी) के उत्तर प्रदेश में अनुपालन की स्थिति और प्रदेश में जनता सूचना केन्द्रों के बारे में लोहिया मजदूर भवन, नरही में एक व्याख्यान दिया और प्रेस वार्ता संबोधित की।
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