[Photographs] 20वीं यूपी गर्ल्स बटैलियन के 300 से अधिक एनसीसी कैडेट ने वचन दिया कि वें तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे, अन्य लोगों को भी तंबाकू से दूर रहने में मदद
करेंगे और जो लोग तंबाकू व्यसनी हैं उनकी तंबाकू नशा त्यागने में मदद
करेंगे। आर्मी कैंट में हुए और स्वास्थ्य को वोट अभियान एवं 20वीं यूपी
गर्ल्स बटैलियन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ
सर्जन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त सर्जन प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त विशिष्ट वक्ता थे और 20वीं यूपी गर्ल्स बटैलियन के कमांडिंग ऑफिसर केबी गुरुंग और लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस दसौनी ने अध्यक्षता की।
केजीएमयू के पूर्व सर्जरी अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू के कारणवश हर साल 60 लाख लोग मृत होते हैं जिनमें से 6 लाख लोग परोक्ष धूम्रपान के कारण मृत होते हैं। भारत में हर साल 10 लाख तंबाकू जनित मृत्यु होती हैं जिनमें से औसतन 1 लाख लोग परोक्ष धूम्रपान से मृत होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मात्र 30 मिनट तक तंबाकू धुएँ में सांस लेने से रक्त के बहाव और जमने पर असर पड़ जाता है जिससे हृदय रोग और पक्षघात जैसे जानलेवा रोगों का खतरा अत्याधिक बढ़ जाता है।
प्रो0 डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि: “तंबाकू को जलाने से सिगरेट, सिगार, हुक्का, आदि से निकालने वाला धुआँ अत्यधिक खतरनाक है और धूम्रपान करने जैसा ही नुकसान पहुंचाता है और जानलेवा बीमारियाँ जनता है। इस धुएँ में 4000 रासायनिक तत्व होते हैं जिनमें से 250 बहुत नुकसान पहुँचाते हैं और 50 तत्वों कैंसर पैदा करते हैं”। सार्क देशों के सर्जन्स समूह के उपाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि परोक्ष धूम्रपान से भी गंभीर हृदय रोग, श्वास संबंधी रोग, और फेफड़े का कैंसर तक होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है। नवजात शिशु की मृत्यु का भी यह एक कारण है। गर्भावस्था में महिलाओं को परोक्ष धूम्रपान के कारण नवजात शिशु कम वज़न के होने का खतरा बढ़ जाता है। लगभग 50% बच्चे परोक्ष धूम्रपान से कहीं न कहीं पीड़ित हैं”।
2/3 मृत्यु का कारण गैर-संक्रामक रोग ही हैं जिनमें हृदय रोग और पक्षघात, कैंसर, आदि प्रमुख है। गैर-संक्रामक रोगों का खतरा काफी कम हो सकता है यदि हम अपने जीवन में स्वास्थ्यवर्धक बदलाव लाएँ, जैसे कि, तंबाकू सेवन त्यागें, परोक्ष धूम्रपान से बचें, शराब से दूर रहें, शारीरिक व्यायाम या पर्याप्त शारीरिक गतिविधियां करें, भोजन जिसमें संतृप्त या 'ट्रांस' चर्बी, अत्याधिक नमक, चीनी (खासतौर पर मीठे पेय) आदि का सेवन न करें, आदि।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य को वोट अभियान के समन्वयक राहुल कुमार द्विवेदी भी उपस्थित थे।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
जून 2013
केजीएमयू के पूर्व सर्जरी अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू के कारणवश हर साल 60 लाख लोग मृत होते हैं जिनमें से 6 लाख लोग परोक्ष धूम्रपान के कारण मृत होते हैं। भारत में हर साल 10 लाख तंबाकू जनित मृत्यु होती हैं जिनमें से औसतन 1 लाख लोग परोक्ष धूम्रपान से मृत होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मात्र 30 मिनट तक तंबाकू धुएँ में सांस लेने से रक्त के बहाव और जमने पर असर पड़ जाता है जिससे हृदय रोग और पक्षघात जैसे जानलेवा रोगों का खतरा अत्याधिक बढ़ जाता है।
प्रो0 डॉ0 रमा कान्त ने कहा कि: “तंबाकू को जलाने से सिगरेट, सिगार, हुक्का, आदि से निकालने वाला धुआँ अत्यधिक खतरनाक है और धूम्रपान करने जैसा ही नुकसान पहुंचाता है और जानलेवा बीमारियाँ जनता है। इस धुएँ में 4000 रासायनिक तत्व होते हैं जिनमें से 250 बहुत नुकसान पहुँचाते हैं और 50 तत्वों कैंसर पैदा करते हैं”। सार्क देशों के सर्जन्स समूह के उपाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि परोक्ष धूम्रपान से भी गंभीर हृदय रोग, श्वास संबंधी रोग, और फेफड़े का कैंसर तक होने का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है। नवजात शिशु की मृत्यु का भी यह एक कारण है। गर्भावस्था में महिलाओं को परोक्ष धूम्रपान के कारण नवजात शिशु कम वज़न के होने का खतरा बढ़ जाता है। लगभग 50% बच्चे परोक्ष धूम्रपान से कहीं न कहीं पीड़ित हैं”।
2/3 मृत्यु का कारण गैर-संक्रामक रोग ही हैं जिनमें हृदय रोग और पक्षघात, कैंसर, आदि प्रमुख है। गैर-संक्रामक रोगों का खतरा काफी कम हो सकता है यदि हम अपने जीवन में स्वास्थ्यवर्धक बदलाव लाएँ, जैसे कि, तंबाकू सेवन त्यागें, परोक्ष धूम्रपान से बचें, शराब से दूर रहें, शारीरिक व्यायाम या पर्याप्त शारीरिक गतिविधियां करें, भोजन जिसमें संतृप्त या 'ट्रांस' चर्बी, अत्याधिक नमक, चीनी (खासतौर पर मीठे पेय) आदि का सेवन न करें, आदि।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य को वोट अभियान के समन्वयक राहुल कुमार द्विवेदी भी उपस्थित थे।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
जून 2013