सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) का मानना है कि चुनाव आयोग द्वारा अधिकतम चुनाव खर्च सीमा को 25 लाख रुपए से बढ़ा कर 70 लाख रुपए करना और जमानत राशि 10 हज़ार रुपए से बढ़ा कर 25 हज़ार करना जन विरोधी है। अधिकतम चुनाव खर्च सीमा और जमानत राशि को बढ़ाने से अमीर पैसे वाले उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए ही चुनाव लड़ना आसान होगा और अधिकांश गरीब जनता के लिए अत्यंत मुश्किल।
मेगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संदीप पाण्डेय ने कहा कि अधिकतम चुनाव खर्च सीमा को बढ़ाने से अमीर-गरीब चुनाव उम्मीदवारों और पार्टियों के बीच में असमानता भी बढ़ेगी। लोकतन्त्र में चुनाव में पैसे और बाहुबली शक्ति के महत्व को अप्रासंगिक बनाना होगा जिससे कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी आगे आ कर चुनाव बराबरी से लड़ सके।
डॉ संदीप पाण्डेय ने सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (सीएनएस) को बताया कि यह सर्व विदित है कि पिछले चुनावों में प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के अधिकतम चुनाव खर्च सीमा से अधिक पैसा चुनाव में बहाया जो जाहिर है भ्रष्टाचार से अर्जित काला धन रहा होगा।
सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष गिरीश कुमार पांडे का मानना है कि अधिकतम चुनाव खर्च सीमा और जमानत राशि को बढ़ाने के बजाय न्यूनतम करना चाहिए और चुनाव आयोग को सिर्फ उम्मीदवार के चुनाव खर्च सीमा ही नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की चुनाव खर्च सीमा भी तय करनी चाहिए। वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों की कोई चुनाव खर्च सीमा नहीं है।
मेगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संदीप पाण्डेय ने कहा कि अधिकतम चुनाव खर्च सीमा को बढ़ाने से अमीर-गरीब चुनाव उम्मीदवारों और पार्टियों के बीच में असमानता भी बढ़ेगी। लोकतन्त्र में चुनाव में पैसे और बाहुबली शक्ति के महत्व को अप्रासंगिक बनाना होगा जिससे कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी आगे आ कर चुनाव बराबरी से लड़ सके।
डॉ संदीप पाण्डेय ने सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (सीएनएस) को बताया कि यह सर्व विदित है कि पिछले चुनावों में प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के अधिकतम चुनाव खर्च सीमा से अधिक पैसा चुनाव में बहाया जो जाहिर है भ्रष्टाचार से अर्जित काला धन रहा होगा।
सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष गिरीश कुमार पांडे का मानना है कि अधिकतम चुनाव खर्च सीमा और जमानत राशि को बढ़ाने के बजाय न्यूनतम करना चाहिए और चुनाव आयोग को सिर्फ उम्मीदवार के चुनाव खर्च सीमा ही नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की चुनाव खर्च सीमा भी तय करनी चाहिए। वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों की कोई चुनाव खर्च सीमा नहीं है।
सिटीजन न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
मार्च २०१४