पानी की निजीकरण बंद करो: पानी के संकट को लेकर त्राहि त्राहि मची हुई है। संकट सिर्फ महाराष्ट्र, जहां उच्च न्यायालय के फैसले से आई.पी.एल. क्रिकेट के खेल बाहर किए गए, या बंदेलखण्ड में ही नहीं बल्कि सभी जगह मुंह बाए खड़ा है। पेप्सी व कोका कोला के कारखाने बड़ी मात्रा में भू-गर्भ जल का अनियंत्रित दोहन करते हैं। एक लीटर शीतल पेय बनाने में नौ लीटर पानी खर्च होता है।
८५% चित्रमय चेतावनी और छोटे तम्बाकू पैक पर रोक दोनों जन-स्वास्थ्य के लिए लाभकारी कदम
यह जन स्वास्थ्य के लिए हितकारी कदम है कि भारत सरकार ने तम्बाकू उत्पादनों पर चित्रमय चेतावनी को ८५% लागू न करने की संसदीय समिति की सलाह को दरकिनार कर, १ अप्रैल २०१६ से हर तम्बाकू उत्पाद पर ८५% चेतावनी लागू करने का निर्णय लिया है. सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम २००३ के सेक्शन ७ को लागू करने के लिए "ह्रदय-शान" की मार्गनिर्देशिका के अनुसार, हर तम्बाकू उत्पाद पर न केवल चित्रमय चेतावनी का आकार ८५% होगा बल्कि चित्रमय चेतावनी ३.५सेमी चौड़ाई और ४सेमी लम्बाई से छोटी भी नहीं हो सकती - जिसका तात्पर्य यह है कि तम्बाकू छोटे पैक में नहीं बिक सकेगी.
सरकारी तनख्वाह लेने वाले व जन प्रतिनिधियों के बच्चों के लिए सरकारी विद्यालय में पढ़ना अनिवार्य हो
मेगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संदीप पाण्डेय ने कहा कि 18 अगस्त, 2015 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2013 की रिट याचिका संख्या 57476 व अन्य के संदर्भ में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल का आदेश आया जिसके तहत छह माह की अवधि में ऐसी व्यवस्था बनानी थी कि सभी सरकारी तनख्वाह पाने वाले लोगों व जन प्रतिनिधियों के बच्चों को सरकारी विद्यालयों में दाखिला लेना था।
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