पानी की निजीकरण बंद करो: पानी के संकट को लेकर त्राहि त्राहि मची हुई है। संकट सिर्फ महाराष्ट्र, जहां उच्च न्यायालय के फैसले से आई.पी.एल. क्रिकेट के खेल बाहर किए गए, या बंदेलखण्ड में ही नहीं बल्कि सभी जगह मुंह बाए खड़ा है। पेप्सी व कोका कोला के कारखाने बड़ी मात्रा में भू-गर्भ जल का अनियंत्रित दोहन करते हैं। एक लीटर शीतल पेय बनाने में नौ लीटर पानी खर्च होता है।
केरल के प्लाचीमाडा में स्थानीय पंचायत ने कोका कोला के कारखाने को बंद करा दिया। आज वहां यह स्थिति है कि पीने का पानी बाहर से टैंकरों में आता है। बलिया के सिंहाचवर गांव में भी स्थानीय लोगों ने कोका कोला का कारखाना बंद करवाया। वाराणसी के मेंहदीगंज में कोका कोला के कारखाने के खिलाफ किसानों का एक लम्बा संघर्ष चला है। पेप्सी और कोका कोला के जहां जहां भी कारखाने हैं वहां पानी का संकट गहराया है।
पेप्सी और कोका कोला यह दावा करती हैं कि जितना पानी ये जमीन के नीचे से निकालती हैं उससे ज्यादा की वर्षा जल संचयन के माध्यम से क्षतिपूर्ति करती हैं। किंतु इन दोनों कम्पनियों का यह दावा झूठा है। वाराणसी में कारखाना ग्रामीण इलाके में है और कोका कोला के जल संचयन कार्यक्रम शहर में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अथवा केन्द्रीय कारागार में चल रहे हैं और उनमें भी उपकरणों की टूट फूट की कोका कोला को कोई परवाह नहीं। इन कम्पनियों के जल संचयन कार्यक्रम लोगों की आंखों में धूल झोंकने जैसे हैं।
यह बड़े शर्म की बात है कि ये अमरीकी कम्पनियां हमारे जमीन के नीचे के पानी को बोतलों में बंद कर एक्यूफीना और किनले के नाम से बेच भारी मुनाफा कमा रही हैं। इनके मुनाफे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये दोनों कम्पनियां अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली सूची में चौथे व पांचवें क्रम पर रहती हैं।
पेप्सी और कोका कोला कोई उद्योग नहीं चला रहीं बल्कि ये मुनाफा कमाने के लिए हमारे पानी की लूट में शामिल हैं। आइए अपने पानी को हम इन मुनाफाखोर कम्पनियों से बचाएं।
आज सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) की ओर से जी.पी.ओ. हजरतगंज से सफेदाबाद स्थित कोका कोला कारखाने तक एक साइकिल-मोटरसाइकिल रैली निकाल पेप्सी-कोका कोला का विरोध किया गया।
सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया), लोहिया मजदूर भवन, तुफैल अहमद मार्ग, नरही, लखनऊ, फोनः 0522 2286423
शरद पटेल, 9506533722, पवन सिंह यादव, 9795000546, चुन्नीलाल, 9839422521, हफीज किदवई, 9795020932, संदीप पाण्डेय, 0522 2347365
केरल के प्लाचीमाडा में स्थानीय पंचायत ने कोका कोला के कारखाने को बंद करा दिया। आज वहां यह स्थिति है कि पीने का पानी बाहर से टैंकरों में आता है। बलिया के सिंहाचवर गांव में भी स्थानीय लोगों ने कोका कोला का कारखाना बंद करवाया। वाराणसी के मेंहदीगंज में कोका कोला के कारखाने के खिलाफ किसानों का एक लम्बा संघर्ष चला है। पेप्सी और कोका कोला के जहां जहां भी कारखाने हैं वहां पानी का संकट गहराया है।
पेप्सी और कोका कोला यह दावा करती हैं कि जितना पानी ये जमीन के नीचे से निकालती हैं उससे ज्यादा की वर्षा जल संचयन के माध्यम से क्षतिपूर्ति करती हैं। किंतु इन दोनों कम्पनियों का यह दावा झूठा है। वाराणसी में कारखाना ग्रामीण इलाके में है और कोका कोला के जल संचयन कार्यक्रम शहर में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अथवा केन्द्रीय कारागार में चल रहे हैं और उनमें भी उपकरणों की टूट फूट की कोका कोला को कोई परवाह नहीं। इन कम्पनियों के जल संचयन कार्यक्रम लोगों की आंखों में धूल झोंकने जैसे हैं।
यह बड़े शर्म की बात है कि ये अमरीकी कम्पनियां हमारे जमीन के नीचे के पानी को बोतलों में बंद कर एक्यूफीना और किनले के नाम से बेच भारी मुनाफा कमा रही हैं। इनके मुनाफे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये दोनों कम्पनियां अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली सूची में चौथे व पांचवें क्रम पर रहती हैं।
पेप्सी और कोका कोला कोई उद्योग नहीं चला रहीं बल्कि ये मुनाफा कमाने के लिए हमारे पानी की लूट में शामिल हैं। आइए अपने पानी को हम इन मुनाफाखोर कम्पनियों से बचाएं।
आज सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) की ओर से जी.पी.ओ. हजरतगंज से सफेदाबाद स्थित कोका कोला कारखाने तक एक साइकिल-मोटरसाइकिल रैली निकाल पेप्सी-कोका कोला का विरोध किया गया।
सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया), लोहिया मजदूर भवन, तुफैल अहमद मार्ग, नरही, लखनऊ, फोनः 0522 2286423
शरद पटेल, 9506533722, पवन सिंह यादव, 9795000546, चुन्नीलाल, 9839422521, हफीज किदवई, 9795020932, संदीप पाण्डेय, 0522 2347365