ASICON 2025 का उद्घाटन गुजरात के मुख्य मंत्री ने किया
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गुजरात के मुख्य मंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने आज, देश के एचआईवी चिकित्सकीय विशेषज्ञों के 16वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन (ASICON 2025) का उद्घाटन किया। ASICON 2025 अधिवेशन इस साल अहमदाबाद, गुजरात, में 21-23 फ़रवरी के दौरान आयोजित हो रहा है। यह पहली बार है कि यह प्रतिष्ठित अधिवेशन गुजरात में आयोजित हो रहा है। एचआईवी चिकित्सकीय और आयुर्विज्ञान से जुड़े भारतीय विशेषज्ञों का सबसे प्रमुख चिकित्सकीय संगठन, एड्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (एएसआई) इस अधिवेशन को आयोजित कर रहा है।
गुजरात मुख्यमंत्री माननीय भूपेंद्रभाई पटेल ने 4 एचआईवी विशेषज्ञों को महत्वपूर्ण शोधकार्य और जन स्वास्थ्य कार्य के लिए सम्मानित किया इनमें शामिल हैं: डॉ ग्लोरी अलेक्जेंडर जो बेंगलुरु स्थित आशा फाउंडेशन की संस्थापिका हैं, डॉ जीडी रवींद्रन जो जॉन्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1990 से एचआईवी चिकित्सकीय सेवा दे रहे हैं, डॉ ज्युअर्जन रॉकस्ट्रोह जो जर्मनी में बोन यूनिवर्सिटी में एचआईवी की चिकित्सकीय सेवा और शोधकार्य कर रहे हैं; और पुणे के डॉ यूडी बालाजी जो एमक्योर में एचआईवी शोधकार्य से जुड़े हैं।
यदि सभी एचआईवी के साथ जीवित लोग जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवायरल दवाएं ले रहे हों और उनका वायरल लोड नगण्य रहे, तो वह स्वास्थ्य रहेंगे और उनसे किसी को एचआईवी संक्रमण भी नहीं फैलेगा। इसीलिए एड्स उन्मूलन के लिए अत्यंत आवश्यक है कि सभी एचआईवी के साथ जीवित लोगों को एचआईवी जांच से यह पता हो कि वह पॉजिटिव हैं, और उनको दवा मिल रही हो और उनका वायरल लोड नगण्य रहे, यह कहना है डॉ ईश्वर गिलाडा का जो एड्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के एमेरिटस अध्यक्ष हैं, इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी (आईएएस) की अध्यक्षीय मंडल के भी निर्वाचित सदस्य हैं, और आईएएस एशिया पसिफ़िक के अध्यक्ष हैं। 1986 में जब भारत में पहला व्यक्ति एचआईवी के साथ संक्रमित पाया गया था तब डॉ गिलाडा ने मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में देश की पहली एचआईवी क्लिनिक की स्थापना की थी।
गुजरात संक्रामक रोग सोसाइटी के अध्यक्ष और ASICON 2025 अधिवेशन के सह-अध्यक्ष डॉ हर्ष तोषनीवाल ने कहा कि “ASICON 2025 अधिवेशन में देश भर से 300 से अधिक एचआईवी चिकित्सकीय देखरेख कर रहे विशेषज्ञ और शोधकर्ता भाग ले रहे हैं। अनेक देशों के एचआईवी विशेषज्ञ भी इस अधिवेशन में शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं: दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, केन्या, अमरीका, आदि”।
2025 के एड्स लक्ष्य
सभी सरकारों ने वादा किया है कि 2025 तक, 95% एचआईवी के साथ जीवित लोगों को परीक्षण से यह मालूम होना चाहिए कि वह एचआईवी संक्रमित हैं, इनमें से 95% लोगों को जीवनरक्षक एंटी-रेट्रो-वाइरल दवाएँ मिल रही हों, और जिन लोगों को यह दवाएँ मिल रही हों उनमें से 95% का वाइरल-लोड नगण्य रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के सह-महानिदेशक डॉ उदय भान दास ने कहा कि भारत में 2024-2025 में 84% लोगों को अपने एचआईवी पॉजिटिव होने का पता था, इनमें से 86% को जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवायरल दवाएं मिल रही थीं और 94% का वायरल लोड नगण्य था।
विश्व में 86% को परीक्षण से यह मालूम है कि वह एचआईवी संक्रमित हैं, इनमें से 89% लोगों को जीवनरक्षक एंटी-रेट्रो-वाइरल दवाएँ मिल रही हैं, और जिन लोगों को दवाएँ मिल रही हैं उनमें से 93% लोगों के वाइरल-लोड नगण्य है।
डॉ उदय भान दास ने काया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम और सेवाओं का आर्थिक व्यय, 94% सरकार वाहन करती है और सिर्फ़ 6% ही ग्लोबल फण्ड के अनुदान के रूप में आता है – पर यह भी संज्ञान में लेना होगा कि भारत सरकार भी आर्थिक रूप से ग्लोबल फण्ड और विश्व स्वास्थ्य संगठन में सहयोग देती आई है।
एड्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रख्यात संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ दिलीप मथाई ने आवाहन किया कि व्यस्क लोगों में विशेषकर जो वरिष्ठ नागरिक हैं उनको व्यस्क वाले सभी टीके मिलने चाहिए जिससे कि जिन रोगों से टीकाकरण के ज़रिए बचाव मुमकिन है उनसे बचा जा सके। जो लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं उनको 50 साल से अधिक उम्र के बाद व्यस्क वाले सभी टीके मिलने चाहिए।
इस ASICON 2025 अधिवेशन के आयोजन में, चिकित्सकीय और आयुर्विज्ञान सहयोगियों में शामिल हैं: भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, गुजरात मेडिकल कौंसिल, इन्फेक्शियस डिजीस सोसाइटी ऑफ़ गुजरात, संयुक्त राष्ट्र का संयुक्त एड्स कार्यक्रम (UNAIDS), दक्षिण अफ्रीका का एड्स शोध संस्थान, आदि। गुजरात पर्यटन और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय का भारतीय सम्मेलन संवर्धन ब्यूरो भी इस अधिवेशन को समर्थन दे रहा है।
भारत और एचआईवी
सरकारी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार, भारत में एड्स नियंत्रण की ओर सराहनीय प्रगति हुई है। 2010 आंकड़ों की तुलना में, 2023 तक भारत में एड्स दर लगभग आधा हो गई थी (44.23% गिरावट) – जो एड्स दर में वैश्विक स्तर पर आई गिरावट (39%) से भी अधिक थी। इसी तरह, 2010 के आकड़ों की तुलना में, एड्स संबंधित मृत्यु दर में भी 2023 तक 79.26% गिरावट आई, जो 2010-2023 के दौरान वैश्विक एड्स मृत्यु दर में आई गिरावट (51%) से अधिक थी।
भारत में 25.44 लाख लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं। भारत की व्यस्क आबादी में एचआईवी दर 0.20% है जो वैश्विक दर से कम है (0.70%)। 2023 में भारत में 68,450नए लोग एचआईवी पॉजिटिव चिह्नित हुए और 35,870 लोग एड्स-संबंधित कारणों से मृत हुए। 2023 में 19,961 गर्भवती महिलायें एचआईवी पॉजिटिव थीं और उन्हें विशेष चिकित्सकीय द्वाएँ और सहायता प्रदान की गई जिससे कि नवजात शिशु का गर्भावस्था, प्रसूति और स्तनपान के दौरान एचआईवी से संक्रमित होने का ख़तरा शून्य रहे।
गुजरात और एचआईवी
सरकारी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार, गुजरात प्रदेश में व्यस्क आबादी में एचआईवी दर 0.19% थी। 2023 में गुजरात में 1,20,312 लोग एचआईवी के साथ जीवित थे और 800 लोग एड्स संबंधित कारणों से मृत हुए। 2023 में गुजरात में 2671 नए लोग एचआईवी पॉजिटिव चिह्नित हुए थे। 2010 की तुलना में, 2023 तक गुजरात में एचआईवी दर में 56.86% गिरावट आई थी (जो देश के 2010-2023 के दौरान एचआईवी दर गिरावट (44.23%) से अधिक थी)। ASICON 2025 के सह-अध्यक्ष डॉ हर्ष तोषनीवाल ने कहा कि ASICON 2025 अधिवेशन गुजरात में पहली बार आयोजित हो रहा है जिसका लाभ समस्त चिकित्सकीय समुदाय को मिलेगा, जो गुजरात को एड्स उन्मूलन की दिशा में प्रगति करने में सहायक होगा।
यदि सभी एचआईवी के साथ जीवित लोग जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवायरल दवाएं ले रहे हों और उनका वायरल लोड नगण्य रहे, तो वह स्वास्थ्य रहेंगे और उनसे किसी को एचआईवी संक्रमण भी नहीं फैलेगा। इसीलिए एड्स उन्मूलन के लिए अत्यंत आवश्यक है कि सभी एचआईवी के साथ जीवित लोगों को एचआईवी जांच से यह पता हो कि वह पॉजिटिव हैं, और उनको दवा मिल रही हो और उनका वायरल लोड नगण्य रहे, यह कहना है डॉ ईश्वर गिलाडा का जो एड्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के एमेरिटस अध्यक्ष हैं, इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी (आईएएस) की अध्यक्षीय मंडल के भी निर्वाचित सदस्य हैं, और आईएएस एशिया पसिफ़िक के अध्यक्ष हैं। 1986 में जब भारत में पहला व्यक्ति एचआईवी के साथ संक्रमित पाया गया था तब डॉ गिलाडा ने मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में देश की पहली एचआईवी क्लिनिक की स्थापना की थी।
गुजरात संक्रामक रोग सोसाइटी के अध्यक्ष और ASICON 2025 अधिवेशन के सह-अध्यक्ष डॉ हर्ष तोषनीवाल ने कहा कि “ASICON 2025 अधिवेशन में देश भर से 300 से अधिक एचआईवी चिकित्सकीय देखरेख कर रहे विशेषज्ञ और शोधकर्ता भाग ले रहे हैं। अनेक देशों के एचआईवी विशेषज्ञ भी इस अधिवेशन में शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं: दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, केन्या, अमरीका, आदि”।
2025 के एड्स लक्ष्य
सभी सरकारों ने वादा किया है कि 2025 तक, 95% एचआईवी के साथ जीवित लोगों को परीक्षण से यह मालूम होना चाहिए कि वह एचआईवी संक्रमित हैं, इनमें से 95% लोगों को जीवनरक्षक एंटी-रेट्रो-वाइरल दवाएँ मिल रही हों, और जिन लोगों को यह दवाएँ मिल रही हों उनमें से 95% का वाइरल-लोड नगण्य रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के सह-महानिदेशक डॉ उदय भान दास ने कहा कि भारत में 2024-2025 में 84% लोगों को अपने एचआईवी पॉजिटिव होने का पता था, इनमें से 86% को जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवायरल दवाएं मिल रही थीं और 94% का वायरल लोड नगण्य था।
विश्व में 86% को परीक्षण से यह मालूम है कि वह एचआईवी संक्रमित हैं, इनमें से 89% लोगों को जीवनरक्षक एंटी-रेट्रो-वाइरल दवाएँ मिल रही हैं, और जिन लोगों को दवाएँ मिल रही हैं उनमें से 93% लोगों के वाइरल-लोड नगण्य है।
डॉ उदय भान दास ने काया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम और सेवाओं का आर्थिक व्यय, 94% सरकार वाहन करती है और सिर्फ़ 6% ही ग्लोबल फण्ड के अनुदान के रूप में आता है – पर यह भी संज्ञान में लेना होगा कि भारत सरकार भी आर्थिक रूप से ग्लोबल फण्ड और विश्व स्वास्थ्य संगठन में सहयोग देती आई है।
एड्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रख्यात संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ दिलीप मथाई ने आवाहन किया कि व्यस्क लोगों में विशेषकर जो वरिष्ठ नागरिक हैं उनको व्यस्क वाले सभी टीके मिलने चाहिए जिससे कि जिन रोगों से टीकाकरण के ज़रिए बचाव मुमकिन है उनसे बचा जा सके। जो लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं उनको 50 साल से अधिक उम्र के बाद व्यस्क वाले सभी टीके मिलने चाहिए।
इस ASICON 2025 अधिवेशन के आयोजन में, चिकित्सकीय और आयुर्विज्ञान सहयोगियों में शामिल हैं: भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, गुजरात मेडिकल कौंसिल, इन्फेक्शियस डिजीस सोसाइटी ऑफ़ गुजरात, संयुक्त राष्ट्र का संयुक्त एड्स कार्यक्रम (UNAIDS), दक्षिण अफ्रीका का एड्स शोध संस्थान, आदि। गुजरात पर्यटन और केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय का भारतीय सम्मेलन संवर्धन ब्यूरो भी इस अधिवेशन को समर्थन दे रहा है।
भारत और एचआईवी
सरकारी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार, भारत में एड्स नियंत्रण की ओर सराहनीय प्रगति हुई है। 2010 आंकड़ों की तुलना में, 2023 तक भारत में एड्स दर लगभग आधा हो गई थी (44.23% गिरावट) – जो एड्स दर में वैश्विक स्तर पर आई गिरावट (39%) से भी अधिक थी। इसी तरह, 2010 के आकड़ों की तुलना में, एड्स संबंधित मृत्यु दर में भी 2023 तक 79.26% गिरावट आई, जो 2010-2023 के दौरान वैश्विक एड्स मृत्यु दर में आई गिरावट (51%) से अधिक थी।
भारत में 25.44 लाख लोग एचआईवी के साथ जीवित हैं। भारत की व्यस्क आबादी में एचआईवी दर 0.20% है जो वैश्विक दर से कम है (0.70%)। 2023 में भारत में 68,450नए लोग एचआईवी पॉजिटिव चिह्नित हुए और 35,870 लोग एड्स-संबंधित कारणों से मृत हुए। 2023 में 19,961 गर्भवती महिलायें एचआईवी पॉजिटिव थीं और उन्हें विशेष चिकित्सकीय द्वाएँ और सहायता प्रदान की गई जिससे कि नवजात शिशु का गर्भावस्था, प्रसूति और स्तनपान के दौरान एचआईवी से संक्रमित होने का ख़तरा शून्य रहे।
गुजरात और एचआईवी
सरकारी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार, गुजरात प्रदेश में व्यस्क आबादी में एचआईवी दर 0.19% थी। 2023 में गुजरात में 1,20,312 लोग एचआईवी के साथ जीवित थे और 800 लोग एड्स संबंधित कारणों से मृत हुए। 2023 में गुजरात में 2671 नए लोग एचआईवी पॉजिटिव चिह्नित हुए थे। 2010 की तुलना में, 2023 तक गुजरात में एचआईवी दर में 56.86% गिरावट आई थी (जो देश के 2010-2023 के दौरान एचआईवी दर गिरावट (44.23%) से अधिक थी)। ASICON 2025 के सह-अध्यक्ष डॉ हर्ष तोषनीवाल ने कहा कि ASICON 2025 अधिवेशन गुजरात में पहली बार आयोजित हो रहा है जिसका लाभ समस्त चिकित्सकीय समुदाय को मिलेगा, जो गुजरात को एड्स उन्मूलन की दिशा में प्रगति करने में सहायक होगा।