बसंत

बसंत


बस अंत हुआ

सर्दीली रातों का
होठों से निकलते ही
धुआं हुई बातों का

पतझड़ के पत्तों से
बिखरते हुए सपनों का
मुह फेर कर जो चल दिए
ऐसे बेगाने अपनों का
बस अंत हुआ

तब ही तो बसंत हुआ


वसंत पंचमी की शुभकामनाओं सहित

शोभा शुक्ला
संपादिका
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस

न्यायालय द्वारा मजदूरों के बेरोज़गारी भत्ते केकानूनी अधिकार पर स्थगनादेश

न्यायालय द्वारा मजदूरों के बेरोज़गारी भत्ते के कानूनी अधिकार पर स्थगनादेश

[यह मौलिक रूप से अंग्रेज़ी में लिखी गई थी, जिसको यहाँ क्लिक करने से पढ़ा जा सकता है। इसका हिन्दी में अनुवाद करने का प्रयास किया गया है, त्रुटियों के लिए छमा करें]

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग का सीतापुर में मजदूरों को बेरोज़गारी भत्ता देने के साहसिक एवं प्रशंसनीय निर्णय को ब्लाक विकास अधिकारी (बी.डी.) ने अलाहाबाद हाई कोर्ट बेंच में अपील की।

माननीय हाई कोर्ट ने पुन: आश्वासन दिया है और ग्रामीण विकास आयुक्त के अधिकारों को संग्रक्षित किया है और आयुक्तों को निर्देश दिया है कि अपीलकर्ताओं की सुनवाई हो और सही लोगों को भुगतान किया जाए।

मजदूरों के बेरोज़गारी भत्ता पाने के संवैधानिक अधिकारों की संग्रक्षा कर के ग्रामीण विकास विभाग ने यह नि:संदेह प्रशंसनीय एवं सराहनीय कदम उठाया है क्योंकि मजदूरों को यह अधिकार राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के शेड्यूल , पारा में उल्लेखित है कि यदि एक अवधि तक मजदूर को काम दिया गया हो तो उसको बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए।

यह बेरोज़गारी भत्ता प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाएगा और कि उस धनराशि से जो केंद्रीय सरकार द्वारा मजदूरों को मजदूरी देने के लिए दी जाती है।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम के तहत किसी भी मजदूर को कहीं और कार्य करने से मनाही नहीं है, और यदि प्रदेश सरकार मजदूर को १०० दिन का कार्य नहीं दे पा रही है, तो यदि वोह मजदूर बेरोज़गारी भत्ता की मांग करे तो उसको बेरोज़गारी भत्ता मिलना चाहिए।

जिले के स्तर पर बेरोज़गारी भत्ते के मुद्दे पर विचार करने के लिए जिस समिति का गठन हुआ था उसके अध्यक्ष एक सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट अधिकारी थे, एवं इस समिति में दो अन्य सरकारी अधिकारी थे और उसको संस्था के प्रतिनिधि भी जिन्होंने यह मुद्दा उठाया था। इस समिति में इस मुद्दे को उठाने वाली संस्था के लोग इसलिए थे क्योंकि राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम में लोगों द्वारा ही जनता जांच करने का प्रावधान है और इस प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी इस अधिनियम की मूल रूप के अनुकूल है।

मैं यह बात कहना चाहूंगी कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम को फरवरी २००९ को अब साल पूरे हो जायेंगे। परन्तु उत्तर प्रदेश में इस अधिनियम/ योजना को लागु करने में अधिकाँश करवाई पिछले एक साल में ही हुई है। वर्तमान प्रशासन ने इस अधिनियम को पूरी निष्ठां के साथ लागु करने का प्रयास किया है।

इसके बावजूद भी, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम को लागु करने में कुछ खामियां भी हैं, जैसे कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहिए, जरुरतमंदों को रोजगार मिलना चाहिए और भुगतान समय पर होना चाहिए आदि।

प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो हादसा हरदोई में हाल ही में हुआ है, ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ हो। हरदोई के एक गाँव में जब मजदूर अपने रोजगार पाने के अधिकार की मांग कर रहे थे, तो एक प्रभावशाली प्रधान ने, उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री की शय में, मजदूरों को बर्बरता से मारा। प्रदेश सरकार के समक्ष यह एक चुनौती है कि वोह राजनितिक दबाव से ऊपर उठ कर मजदूरों के अधिकारों की संग्रक्षा करे।

अरुंधती धुरु
भूख के अधिकार केस में सुप्रीम कोर्ट कमिश्नर की सलाहाकार, फोन: ९४१५० २२७७२

बहुजन समाज पार्टी के अब्दुल मन्नान अब अपराधियों को राजनीतिक संगरक्षण देना बंद करें

बहुजन समाज पार्टी के अब्दुल मन्नान अब अपराधियों को राजनीतिक संगरक्षण देना बंद करें

हम लोग राजनीति में बढ़ते हुए अपराधीकरण और भ्रष्टाचार की निंदा करते हैं। हरदोई जिले के भरावन ब्लाक में स्थित ऐरा काके मऊ ग्राम पंचायत की प्रधान उर्मिला देवी के पति, घनश्याम, जो अपनी पत्नी के नाम पर पंचायत का सब काम सँभालते हैं, उन्होंने १४ जनवरी २००९ को, दलित मजदूरों को बर्बरता से लाठी से मारा। मजदूरों की लाठी से पिटाई घनश्याम ने सिर्फ़ इसलिए की क्योंकि इन दलित मजदूरों को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत या तो वाजिब मेहनताना नहीं मिला था, या फिर उनके 'जॉब कार्ड' मजदूरों को नहीं दिए गए थे या फिर जॉब कार्ड पर सही आंकड़ें नहीं लिखे हुए थे।

घनश्याम, जिन्होंने इन दलित मजदूरों को बर्बरता से पीटा था, वोह बहुजन समाज पार्टी के विज्ञानं एवं प्रोद्योगिकी मंत्री अब्दुल मन्नान के इस विधान सभा चुनाव छेत्र के, कोषाध्यक्ष हैं।

बहुजन समाज पार्टी के विज्ञानं एवं प्रोद्योगिकी मंत्री अब्दुल मन्नान ३१ जनवरी २००९ को इसी ग्राम पंचायत में एक सभा में भाग लेने जा रहे हैं। हमारा मानना है कि अब्दुल मन्नान के राजनीतिक संगरक्षण की वजह से अपराधी घनश्याम जिसने दलित मजदूरों को लाठी से बर्बरतापूर्वक पीटा, कानून से बचा हुआ है। अब्दुल मन्नान के इसी ग्राम पंचायत में सभा में भाग लेने से घनश्याम को अधिक संगरक्षण मिलेगा। यदि अब्दुल मन्नान इस सभा में जायेंगे, और यह नज़र-अंदाज़ करेंगे कि इसी घनश्याम ने दलित मजदूरों को लाठी से पीटा था, तो हम सब यह मानेंगे कि बहुजन समाज पार्टी, दलित मजदूरों पर अत्याचार करने वालों को राजनीतिक संगरक्षण दे रही है।

राजनीति में बड़े पमाने पर बढ़ते हुए भ्रष्टाचार और अपराधीकरण के ख़िलाफ़ हम सब अब खुल कर एक मजबूत जन-आन्दोलन खड़ा करेंगे। यह इसकी शुरुआत है।

यदि बहुजन समाज पार्टी के कैबिनेट मंत्री अब्दुल मन्नान, दलित मजदूरों पर लाठी चलाने वाले का समर्थन करेंगे, तो हम सब यही मानेंगे कि बहुजन समाज पार्टी ऐसे अपराधियों का समर्थन कर रही है।

अधिक जानकारी के लिए, संपर्क करें:

डॉ संदीप पाण्डेय (मग्सय्सय पुरुस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता), अरुंधती धुरु (नर्मदा बचाओ आन्दोलन कार्यकर्ता), नीलकमल
(9453898067), चुन्नी लाल आदि

साल के अंत तक राजधानी होगी धूम्रपान मुक्त

साल के अंत तक राजधानी होगी धूम्रपान मुक्त

दिल्ली सरकार ने इस वर्ष के अंत तक राजधानी को धूम्रपान रहित बनाने का लक्ष्य लिया है। इस आशय का प्रस्ताव बुधवार को मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। इसके लिए ब्लूम वर्ग ग्लोबल पहल के साथ मिलकर काम किया जाएगा। दिल्ली दक्षता मिशन सोसायटी के गठन को भी स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बताया कि दिल्ली को धूम्रपान मुक्त बनाने के लिए ब्लूम वर्ग ग्लोबल इनीसिएटिव के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

इस परियोजना को दो वर्ष में दस करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अक्टूबर २००८ से सितंबर २००९ के बीच कभी भी लागू किया जाएगा। बीजीआई इसके लिए चार करोड़ रुपये व दिल्ली सरकार छह करोड़ रुपये का योगदान देगी। सरकार ने अमेरिका की इस संस्था के साथ समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया है। बीजीआई इसके तहत विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर वायु निकोटिन निगरानी उपकरण स्थापित करेगी। साथ ही इस काम में परियोजना तक को प्रशिक्षण देगी और एकत्र किए गए डाटा का विश्लेषण करेगी। उनकी सरकार राष्ट्रमंडल खेल से पहले २००९ तक दिल्ली को धूम्रपान रहित क्षेत्र बनाने को वचनबद्ध है।

मंत्रियों का समूह तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो-वाली चेतावनी को कमजोर न करे

मंत्रियों का समूह तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो-वाली चेतावनी को कमजोर करे

कल २३ जनवरी २००९ को भारत सरकार द्वारा नियुक्त मंत्रियों का समूह एक विशेष बैठक बुला रहा है. विश्वसनीय सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि यह बैठक प्रस्तावित तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो-वाली चेतावनी से चिंतित बीड़ी उद्योग और सम्बंधित संस्थाओं को शांत करने के लिए आयोजित की जा रही है.

जब जुलाई २००६ में, तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी लगाने का प्रस्ताव आया, तब से यह प्रस्ताव कम-से-कम सात बार स्थगित किया जा चुका है। हाल ही में ३० नवम्बर २००८ से तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी लगने को थी, परन्तु मंत्रियों के समूह ने इसको ३१ मई २००९ तक एक बार फिर स्थगित कर दिया था. जब-जब मंत्रियों का समूह ने बैठक की है, या तो इस अधिनियम को स्थगित कर दिया है या जन-स्वास्थ्य की दृष्टि से कमजोर बना दिया है, कहना है बाबी रमाकांत का जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के तम्बाकू नियंत्रण पुरुस्कार प्राप्त कार्यकर्ता हैं.

तम्बाकू सेवन को कम करने के लिए, तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो-वाली चेतावनी लगाना एक प्रभावकारी तरीका है. विश्व तम्बाकू संधि या फ्रेम-वर्क कन्वेंशन ओन तोबक्को कंट्रोल (FCTC), जिस पर भारत ने हस्ताक्षर किए हैं, और सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम २००३, के तहत भी तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो-वाली चेतावनी लगाना अनिवार्य होना चाहिए।

"भारत में हर वर्ष १० लाख से अधिक लोग तम्बाकू-जनित कारणों से मृत्यु को प्राप्त होते हैं. १० करोड़ बीड़ी पीने वाले लोगों में से ६ लाख हर साल तम्बाकू-जनित कारणों से मर जाते हैं" कहना है प्रोफ़ेसर डॉ रमा कान्त का, जो छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सकीय विश्वविद्यालय में सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महा-निदेशक द्वारा पुरुस्कृत भी.

प्रोफ़0 डॉ रमा कान्त ने कहा कि "अधिकाँश बीड़ी पीने वाले लोग शिक्षित नहीं होते हैं, इसीलिए जन स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रभावकारी फोटो-वाली चेतावनी लगाना हितकारी होगा. लोगों को तम्बाकू के जान-लेवा स्वरुप के बारे में जागरूक करने के लिए तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो-वाली चेतावनी लगाने को अब और स्थगित नहीं करना चाहिए".

तम्बाकू व्यापर से जो राजस्व प्राप्त होता है, उसकी तुलना में तम्बाकू-जनित रोगों के उपचार में १६ प्रतिशत अधिक खर्चा आता है, यह हाल ही में प्रकाशित शोध से प्रमाणित हुआ है.

हमारी मंत्रियों के समूह से यह आग्रह है कि जन-स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और तम्बाकू उत्पादनों पर फोटो वाली चेतावनी को न तो अब और कमजोर करें और न ही स्थगित.

बाबी रमाकांत
९८३९०७३३५५

शान्ति एवं सदभावना पर राष्ट्रीय अधिवेशन

शान्ति एवं सदभावना पर राष्ट्रीय अधिवेशन

NATIONAL CONVENTION ON COMMUNAL HARMONY

तिथि: ३० - ३१ जनवरी २००९
स्थान: कबीर मठ, जीयनपुर, अयोध्या, जिला फैजाबाद, उ.प्र.l

३० जनवरी २००९
सत्र १: १०:३० - १ बजे दोपहर
सदभावना के लिए चुनौती

सत्र २: २:३० - ४:३० बजे शाम
विभिन्न राज्यों से रपट

६ बजे शाम से शान्ति एवं सदभावना पर संगीत (स्थान: गाँधी प्रतिमा, सरयू नदी के तट पर राम की पैढी)

३१ जनवरी २००९

सत्र ३: ९:३० बजे सुबह से १ बजे दोपहर
नीति, सुझाव और भविष्य के लिए योजना

सत्र ४: २:३० - ४:३० बजे दोपहर
राजनीति एवं साम्प्रदायिकता


आयोजक समिति: जुगल किशोर शास्त्री, फैसल खान, अरविन्द मूर्ति, इरफान अहमद

संपर्क: फैसल खान, ०९३१३१०६७४५, ०९९६८८२८२३०, जुगल किशोर शास्त्री, ०९४५१७३०२६९, कबीर मठ, ०९४१५४०४४७१

रेलवे स्टेशन: अयोध्या, फैजाबाद

आयोजक:
अयोध्या की आवाज़, आशा परिवार, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (नेशनल अलायंस ऑफ़ पीपुल’स मोवेमेंट्स), अनहद, आल इंडिया सेकुलर फॉरम, कोम्मुनालिस्म कोम्बाट

भारत-पाकिस्तान के लोगों द्वारा संचालित संयुक्त हस्ताक्षर अभियान

भारत-पाकिस्तान के लोगों द्वारा संचालित संयुक्त हस्ताक्षर अभियान


आतंकवाद और जंग के मौहौल के ख़िलाफ़ और शान्ति एवं आपसी साझेदारी के समर्थन में भारत एवं पाकिस्तान के लोगों द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर अभियान संचालित किया जा रहा है. यह हस्ताक्षर अभियान अनेकों शहरों में ९ जनवरी २००९ को आरंभ होगा.


यह संयुक्त हस्ताक्षर अभियान ८ फरवरी २००९ तक चलेगा जिसके पश्चात इन हस्ताक्षरों को भारत एवं पाकिस्तान की सरकारों को और अन्य प्रमुख लोगों को सौंपा जाएगा.


लखनऊ में यह अभियान, ९ जनवरी २००९ को गाँधी भवन के गाँधी स्वाध्याय कक्ष में आयोजित चर्चा के बाद, ३ बजे दोपहर को आरंभ होगा.


लखनऊ के कार्यक्रम के लिए, इन लोगों से संपर्क करें: इरफान अहमद (९४१५३४९५२२), डॉ संदीप पाण्डेय (०५२२-२३४७३६५), बाबी रमाकांत (९८३९०७३३५५)


वेबसाइट: http://www.indopakcampaignagainstwarnterror.org


इन्टरनेट पर जा कर हस्ताक्षर करने के लिए, इस वेबसाइट पर जाएँ:

http://www.PetitionOnline.com/indopak/petition.html



पाकिस्तान और भारत के नागरिकों की मांग है कि:


- भारत और पाकिस्तान सरकारें धर्म के नाम पर कट्टरवाद और आतंकवाद को बिलकुल न बर्दाश्त करें, जिससे कि दोनों देशों में अमन और चैन कायम रहे.


- दोनों देशों में आतंकवाद की समस्या गुणात्मक दृष्टि से भिन्न है, इसलिए दोनों देशों की सरकारों को चाहिए कि हर सम्भव प्रयास किया जाए जिससे इन कट्टरपंथी समूहों को और गतिविधियों को जड़ से उखाड़ फेका जा सके, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिले.


- दोनों देशों की सरकारों को संयुक्त जांच एजेन्सी का गठन करना चाहिए


- जंग कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकती है, बल्कि अनेकों जटिलताओं को जन्म अवश्य देती है. इसीलिए दोनों देशों की सरकारों से निवेदन है कि जंग का मौहौल बनाने से बचें और इसके बजाये असल वार्तालाप, चर्चा और संयुक्त कारवाई को बढ़ावा दें.


- दोनों देशों की सरकारों से आग्रह है कि संयुक्त राष्ट्र एवं सार्क के आतंकवाद पर कन्वेंशन को नज़रंदाज़ न करें


- दोनों देशों की मीडिया से अपील है कि इस सामाजिक प्रक्रिया में सकारात्मक भूमिका निभाएं


अधिक जानकारी के लिए, संपर्क करें:


पाकिस्तान में:

इंडो-पाक जोइंट सिग्नेचर कैम्पेन सचिवालय

C/o PILER सेंटर, ST.००१, सेक्टर X ,

सब-सेक्टर V गुलशन-ऐ-मय्मर,

कराची ७५३४०- पाकिस्तान

फ:. ००-९२-२१-६३५११४५ – ७

फैक्स: ००-९२-२१-६३५०३५४


भारत में

इंडो-पाक जोइंट सिग्नेचर कैम्पेन सचिवालय

C/o कोवा, २०-४-१०, चारमिनार

हैदराबाद, इंडिया, ५००००२

फ: ००९१-४०-२४५७२९८४

फैक्स: ००९१-४०-२४५७४५२७