(सरिता पत्रिका के अप्रैल (2011) द्वितीय अंक में प्रकाशित)
गर्भावस्था में दवा का चयन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसमें बरती गई थोड़ी सी लापरवाही न केवल गर्भस्थ शिशु के लिए घातक हो सकती है बल्कि परीक्षणों में यहां तक पाया गया है कि दवाओं के रसायन प्रसूति के बाद मां के दूध तक में मिले रहते हैं जो नवजात शिशु के लिए घातक साबित हुए हैं। इसीलिए गर्भावस्था में दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें कि कहीं उससे आपकी गर्भावस्था पर कोई कुप्रभाव तो नही पड़ेगासंक्रमण रोकने वाली दवाएं
दवा | प्रभाव | टिप्पणी |
टेट्रासाइक्लिन | हड्डियों के विकास में शिथिलता आ जाना | गर्भावस्था में एवं स्तनपान के दौरान जहां तक संभव हो इसको न लें |
क्लोरमफेनीकोल | प्रोटीन निर्माण में बाधक बनती है, नवजात शिशु द्वारा लेने पर वह नीला पड़ सकता है। | जहां तक संभव हो इसका इस्तेमाल न करें |
को ट्राईमैक्साजोल ¼बैक्ट्रिम सेप्ट्रिन½ | फोलिक एसिड मेटाबोलिज्म जीव के भीतर होने वाली सभी भौतिक एवं रासायनिक प्रक्रियाएं शिथिल बनाती है | जहां तक संभव हो इसका उपयोग न करें खास कर गर्भावस्था के पहले 3 माह में तो कदापि न करें |
क्लोरोक्विन | इस दवा का अधिक प्रयोग करने से गर्भस्थ शिशु की आंख की रेटिना परत कुप्रभावित हो जाती है। | मलेरिया के अलावा इस दवा का उपयोग कदापि न करें। रूमेटाइड आर्थराइटिस आदि में इस का उपयोग न करें। |
एनलजेसिक या सेलीसिलेट | हालांकि यह तथ्य अभी स्थापित नही है फिर भी अनुभव के आधार पर यह कथन सत्य है कि गर्भावस्था में आनुवानशिक रोग या जेनेटिकल विकृतियों की संभावना तीव्र हो जाती है। | गर्भावस्था के पहले 3 माह में इस दवा का उपयोग न करें। नवजात शिशु को अधिक मात्रा में यह दवा देने से रक्तश्राव हो सकता है। |
इंडोमिथासिन] नेपरोक्सिन] सोडियम मेफेनेमिक एसिड | प्रोस्टोग्लैंडिन सिंथिटेज नामक एक महत्वपूर्ण तत्व के निर्माण मे यह बाधा डालती है। | इस से गर्भस्थ शिशु के हृदय की प्रमुख रक्त वाहिनी बंद तक हो सकती हैं। अतः इन रासायनों वाली दवाएं कदापि न लें। |
डाइजोआक्साड ¼यूडीमीन½ | यह दवा नवजात शिशु के बाल गिरने का कारण बन सकती है। | इस दवा का सेवन न करें तो बेहतर है। |
थाइरायड संबंधित बीमारियों में उपयोग की जाने वाली दवाएं
दवा | प्रभाव | टिप्पणी |
आयोडायट आयोडीन-131 | गर्भवती महिला द्वारा सेवन से ये रासायनिक तत्व प्लेसेंटा पार कर जाते हैं। प्रसूति के बाद मां के दूध में इनकी उपस्थिति प्रमाणित है। | जहां तक संभव हो, इनका उपयोग न करें। |
कार्बिमेजोल प्रोफाइलथिओंयुरासिल | गर्भावस्था के दौरान महिला द्वारा इसके सेवन से बच्चा पैदा होने के बाद यह मां के दूध में पाई जाती है। | ऐसी परिस्थिति में नवजात को मां का दूध न पिलाना ही बेहतर है। |
लीथियम कार्बोनेट | गर्भाकाल में यदि कोई महिला इस दवा को लेती है तो यह प्लेसेंटा पार कर मां के दूध में पहुंच जाती है। | इसको लेने से गर्भस्थ शिशु का इलैक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ जाता है जिसके परिणाम स्वरूप नवजात शिशु को गलगंड या घेंघा रोग हो सकता है, इसका प्रयोग तभी करें जब बेहद जरूरी हो एवं कोई अन्य विकल्प शेष न रहे। |
नींद लाने वाली दवाएं
दवा | प्रभाव | टिप्पणी |
नाइट्रोजिपाम (मोगाडोन) | प्लेसेंटा पार कर के गर्भस्थ शिशु तक पहुंच जाती है। मां के दूध में पहुंच कर नवजात शिशु के लिए खतरा पैदा करती है। | दूध पीने के बाद बच्चे बेहोश तक हो जाते हैं। अतः इसे नियमित रूप से तो कदापि न लें। |
बार्बिट्यूरेट | गर्भवती महिला द्वारा लेने पर यह दवा तेजी से प्लेसेंटा पार करके गर्भस्थ शिशु तक पहुंच जाती है। | बच्चे की श्वास नली शिथिल पड़ जाती है अतः मिरगी के दौरे आदि को छोड़कर गर्भावस्था में इसका प्रयोग कदापि न करें। |
यहां हम आपको बता दें कि लेख में दवाओं के व्यापारिक नाम नही दिये गए हैं, केवल उनके रासायनिक या चिकित्सकीय नाम दिये गए है, जिन्हें दवा की पैकिंग पर सामग्री की तरह देखा भी जा सकता है।
नशीली दवाऐं, धूम्रपान, तम्बाकू, शराब आदि भी गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु के लिए भयंकर खतरा है। इसलिए न तो खुद इनका सेवन करें और न ही किसी ऐसे महिला या पुरूष के बैठें जो इन का सेवन करता हो क्योंकि सिगरेट बीड़ी से निकलने वाला धुआं आप के गर्भस्थ शिशु पर कुप्रभाव डाल सकता है।
गर्भावस्था जीवन का एक ऐसा मोड़ है। इसमें काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। इस दौर में दूसरी बीमारियां हो सकती हैं अतः जब भी कोई दवा लें, डॉक्टर की सलाह लेकर ही लें। अगर आप के चिकित्सक को आपकी गर्भावस्था के बारे में ज्ञान नही, तो कृपया उसे यह जानकारी अवश्य दें कि आप गर्भवती हैं।
डॉ0 रमा शंखधर