सांख्यिकी प्रणाली को नियमित बनाकर विकास कार्यो में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता

उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (नियोजन) श्री मनजीत सिंह ने आर्थिक ढांचा में आमूल-चूल परिवर्तन करके तथा सांख्यिकी प्रणाली को और अधिक नियमित बनाकर विकास कार्यो में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया है। प्रख्यात अर्थशास्त्री (स्व0) प्रो0 पी0सी0 महालानोबिस के जन्मदिन सांख्यिकी दिवस के अवसर पर आज यहाँ योजना भवन में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन करते हुए श्री सिंह ने सामाजिक हित में सांख्यिकी के महत्व की चर्चा की तथा उसकी भूमिका और अधिक सुदृढ, जनोपयोगी बनाने का आवाहन किया।

अर्थ एवं संख्या प्रभाग, राज्य नियोजन संस्थान, उ0प्र0 एन.एस.एस.ओ., लखनऊ तथा राष्ट्र संघ की संस्था यूनीसेफ, लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से सांख्यिकी दिवस का विधिवत् उद्घाटन प्रमुख सचिव ने दीप प्रज्जवलित करके किया। श्री सिंह ने वर्ष 2011 की जनगणना से उपलब्ध जानकारी को सराहनीय माना परन्तु महिला एवं बालिकाओं की लगभग हर क्षेत्र में गिरावट पर चिंता प्रकट की। साक्षरता एवं जनसंख्या के क्षेत्र में सफलता किन्तु कन्या भ्रूण हत्याओं में वृद्धि पर श्री सिंह ने क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने सांख्यिकी के क्षेत्र में अधिक तीव्रता के साथ कार्य होने की आवश्यकता बताई। उन्होंने नियोजन विभाग के साथ अन्य विभागों द्वारा भी अनुसंधान करके प्रगति हेतु नये सुझाव देने का प्रस्ताव करते हुए वैज्ञानिक आधार पर आंकड़ों की उपलब्धता समय की मांग बताया।

एन.एस.एस. संगठन के उप महानिदेशक श्री हरिश्चन्द्र ने जेन्डर सांख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डाला तथा आदि काल से महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा महान गणित विदुषी लीलावती आदि के उदाहरण दिए। संविधान में व्यक्त महिला आरक्षण और समानता की भी चर्चा की।

गिरि विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो0 ए0के0सिंह ने प्रो0 महालोनिबिस की विकास नीति को आज भी समीचीन बताया और 1970 के बाद महिलाओं के उत्थान की दिशा में हुए कार्यो का विवरण दिया। वर्ष 1990 के बाद महिला सशक्तीकरण क्षेत्र में प्रगति पर उन्होंने संतोष प्रकट किया किन्तु महिलाओं की संख्या में कमी पर चिंता प्रकट कर इसके सामाजिक व मनोवैज्ञानिक कारण ढूंढने की आवश्यकता बताई।

यूनीसेफ के प्रतिनिधि श्री अखिलेश गौतम ने जेन्डर (लिंग) सांख्यिकी पर व्यापक प्रस्तुतीकरण स्लाइड्स के माध्यम से किया, जिसके अन्तर्गत जन्म, मृत्यु, शिक्षा, विकास, भेदभाव, जैसे महात्वपूर्ण क्षेत्रों में तुलनात्मक अध्ययन का जिक्र था। बालिकाओं के प्रति समाज में भेदभाव पूर्ण रवैये की उन्होंने आलोचना की ।

लखनऊ विश्वविद्यालय की सांख्यिकी विभाग की प्रथम एवं एकमात्र महिला प्रवक्ता (रीडर) डॉ0 शीला मिश्रा ने उच्च शिक्षा प्रदान करके महिलाओं को विश्वविद्यालयों, प्रशासन आदि में उच्च पदों पर प्रतिष्ठापित करने की आवश्यकता बताई ताकि वे महिलाओं के हित सम्बन्धी विचारों और नीतियों का निर्धारण कर सकें जिससे महिलाओं का वास्तविक विकास सम्भव हो सके। उन्होंने महिलाओं से सम्बन्धित समस्याओं के प्रति सामाजिक चिन्तन की अनिवार्यता व्यक्त की।

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ0 राजेश चौहान ने लिंग सांख्यिकी को दृष्टिगोचर बनाने की आवश्यकता बताई ताकि समाज उसके प्रति संवेदनशील बन सके।

प्रारम्भ में राज्य सांख्यिकी विभाग की प्रथम महिला निदेशक डॉ0 हिमांशु सिंह ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। विभाग के संयुक्त निदेशक श्री राम सूरत ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

दुर्गेश नारायण शुक्ला