वर्तमान लोक सभा चुनाव में विभिन्न किस्म की पार्टियां सक्रिय हैं। कुछ धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाली साम्प्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा देती हैं तो दूसरी ओर पूंजीवाद की हितैषी हैं। पूंजीवादी पार्टियां इस देश के किसान-मजदूर-गरीब के खिलाफ फैसले लेती हैं। सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) धर्म, जाति, वर्ग, लिंग, आदि मानव निर्मित विभाजनों से ऊपर उठकर समतामूलक समाज स्थापित करने व हरेक इंसान की बराबरी व सम्मान के सिद्धांत में विश्वास करती है।
हरदोई में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संदीप पाण्डेय, हरदोई जिला समन्वयक राम बाबू, और उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष गिरीश कुमार पाण्डेय।
सोशलिस्ट पार्टी भारत में एक समतामूलक समाज की स्थापना हेतु गरीबों के अधिकारों की लड़ाई को महत्वपूर्ण मानती है। सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े लोगों ने हरदोई में समाज कल्याण की योजनाओं में होने वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी संघर्ष किया है और गरीबों तक उनके लिए मिलने वाली सुविधाओं को पहुंचाने का प्रयास किया है। सोशलिस्ट पार्टी ने गरीब-दलित के भू अधिकार हेतु तथा पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ भी संघर्ष किया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु कई कोटेदारों को निलम्बित कराया तो राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना की वि.ख. सण्डीला एवं भरावन में सामाजिक अंकेक्षण या जनता जांच भी करवाई। इसके अलावा उन ग्राम प्रधानों का भी साथ दिया जिन्होंने ग्राम पंचायतों या ग्राम सभा द्वारा निर्णय लिए जाने की पहल की। सोशलिस्ट पार्टी ग्राम स्वराज्य की अवधारणा का समर्थन करती है और निर्णय की प्रक्रिया के विकेन्द्रीकरण को मानती है।
हरिनाम जी जो मिश्रिख इलाके के रहने वाले हैं गरीब लोगों के संघर्षों से जुड़े रहे हैं और इसलिए सोशलिस्ट पार्टी के आदर्श उम्मीदवार हैं। हमारा मानना है, यदि मिश्रिख लोक सभा चुनाव क्षेत्र से हरिनाम सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतते हैं, तो वह मानवीय समाज को साकार करने का काम करेंगे। समाज में सद्भावना, समता, आदि मूल्यों को चाहने वाली शक्तियां मजबूत होंगी।
सोशलिस्ट पार्टी दलितों के सशक्तिकरण की प्रकिया को सिद्धांतः मानती है और भारत का प्रधान मंत्री किसी वंचित वर्ग, जैसे अनुसूचित जाति या जनजाति, से बनता है तो वह उसका स्वागत करेगी।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
20 अप्रैल 2014
हरदोई में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संदीप पाण्डेय, हरदोई जिला समन्वयक राम बाबू, और उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष गिरीश कुमार पाण्डेय।
सोशलिस्ट पार्टी भारत में एक समतामूलक समाज की स्थापना हेतु गरीबों के अधिकारों की लड़ाई को महत्वपूर्ण मानती है। सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े लोगों ने हरदोई में समाज कल्याण की योजनाओं में होने वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी संघर्ष किया है और गरीबों तक उनके लिए मिलने वाली सुविधाओं को पहुंचाने का प्रयास किया है। सोशलिस्ट पार्टी ने गरीब-दलित के भू अधिकार हेतु तथा पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ भी संघर्ष किया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु कई कोटेदारों को निलम्बित कराया तो राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना की वि.ख. सण्डीला एवं भरावन में सामाजिक अंकेक्षण या जनता जांच भी करवाई। इसके अलावा उन ग्राम प्रधानों का भी साथ दिया जिन्होंने ग्राम पंचायतों या ग्राम सभा द्वारा निर्णय लिए जाने की पहल की। सोशलिस्ट पार्टी ग्राम स्वराज्य की अवधारणा का समर्थन करती है और निर्णय की प्रक्रिया के विकेन्द्रीकरण को मानती है।
हरिनाम जी जो मिश्रिख इलाके के रहने वाले हैं गरीब लोगों के संघर्षों से जुड़े रहे हैं और इसलिए सोशलिस्ट पार्टी के आदर्श उम्मीदवार हैं। हमारा मानना है, यदि मिश्रिख लोक सभा चुनाव क्षेत्र से हरिनाम सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतते हैं, तो वह मानवीय समाज को साकार करने का काम करेंगे। समाज में सद्भावना, समता, आदि मूल्यों को चाहने वाली शक्तियां मजबूत होंगी।
सोशलिस्ट पार्टी दलितों के सशक्तिकरण की प्रकिया को सिद्धांतः मानती है और भारत का प्रधान मंत्री किसी वंचित वर्ग, जैसे अनुसूचित जाति या जनजाति, से बनता है तो वह उसका स्वागत करेगी।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस - सीएनएस
20 अप्रैल 2014