सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने यूपी महिला कल्याण निगम प्रमुख सुश्री लीलावती कुशवाहा को निष्कासित करने की मांग की है क्योंकि उनका सुश्री मायावती के बारे में बयान अत्यंत असंवेदनशील है। सोशलिस्ट महिला सभा की अध्यक्ष मीरा वर्धन ने कहा कि "हमारा मानना है कि सुश्री लीलावती जैसे कुंठित महिला कल्याण विचारधारा जैसे लोग महिला कल्याण से संबन्धित नहीं होने चाहिए।"
प्रकाशित समाचार के अनुसार सुश्री कुशवाहा ने मांग की थी कि सुश्री मायावती अपना कौमार्य परीक्षण कराएं जिससे कि यह स्पष्ट हो कि वे उन्हे "कुवांरी" या "श्रीमती" कर के संबोधित करें। सुश्री लीलावती ने समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव जी के कथन का समर्थन किया था जो अत्यंत आपत्तीजनक, और महिला-विरोधी है।
मीरा वर्धन ने बताया कि लिंग जनित भेदभाव पर कार्यरित सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि "कौमार्य" की विचारधारा पुरुष और महिला के लिए बिलकुल भिन्न है। महिलाओं के लिए "कौमार्य" के खोने के कारण अनेक किस्से जन्म लेते हैं जहां महिलाएं आत्मा-हत्या तक कर लेती हैं। "कौमार्य" की विचारधारा ही लड़कियों और महिलाओं को भीषण उदासी, अकेलापन, और आत्मा हत्या तक ले जाती है। वैज्ञानिक रूप से भी देखा जाये तो "कौमार्य" आदि शारीरिक श्रम आदि, तमपूँ के इस्तेमाल से खो सकता है या यह भी संभव है कि वे व्यक्ति बिना किसी "झिल्ली" के पैदा हुई हो। मानसिक रूप से "कौमार्य" की विचारधारा आपत्तीजनक है क्योंकि वे सिर्फ महिलाओं को ही हिंसा-झेलने और आत्म-हत्या तक करने पर मजबूर करती है और अनेक रूप में हिंसा का शिकार बनाती है।
सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) का लिंग जनित भेदभाव समाप्त करने में पूरा विश्वास है और यह भी मांग है कि यौन संबन्धित अपराधों को पुरुषों, महिलाओं और हिजरों के लिए सामान्य व्यवस्था होनी चाहिए।
मीरा वर्धन ने मांग की कि सुश्री लीलावती कुशवाहा को यूपी महिला कल्याण निगम से हटाया जाये और उनकी जगह लिंग जनित भेदभाव को समाप्त करने के लिए जाने माने कार्यकर्ता को नियुक्त किया जाये।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (सीएनएस)
3 मई 2014
प्रकाशित समाचार के अनुसार सुश्री कुशवाहा ने मांग की थी कि सुश्री मायावती अपना कौमार्य परीक्षण कराएं जिससे कि यह स्पष्ट हो कि वे उन्हे "कुवांरी" या "श्रीमती" कर के संबोधित करें। सुश्री लीलावती ने समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव जी के कथन का समर्थन किया था जो अत्यंत आपत्तीजनक, और महिला-विरोधी है।
मीरा वर्धन ने बताया कि लिंग जनित भेदभाव पर कार्यरित सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि "कौमार्य" की विचारधारा पुरुष और महिला के लिए बिलकुल भिन्न है। महिलाओं के लिए "कौमार्य" के खोने के कारण अनेक किस्से जन्म लेते हैं जहां महिलाएं आत्मा-हत्या तक कर लेती हैं। "कौमार्य" की विचारधारा ही लड़कियों और महिलाओं को भीषण उदासी, अकेलापन, और आत्मा हत्या तक ले जाती है। वैज्ञानिक रूप से भी देखा जाये तो "कौमार्य" आदि शारीरिक श्रम आदि, तमपूँ के इस्तेमाल से खो सकता है या यह भी संभव है कि वे व्यक्ति बिना किसी "झिल्ली" के पैदा हुई हो। मानसिक रूप से "कौमार्य" की विचारधारा आपत्तीजनक है क्योंकि वे सिर्फ महिलाओं को ही हिंसा-झेलने और आत्म-हत्या तक करने पर मजबूर करती है और अनेक रूप में हिंसा का शिकार बनाती है।
सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) का लिंग जनित भेदभाव समाप्त करने में पूरा विश्वास है और यह भी मांग है कि यौन संबन्धित अपराधों को पुरुषों, महिलाओं और हिजरों के लिए सामान्य व्यवस्था होनी चाहिए।
मीरा वर्धन ने मांग की कि सुश्री लीलावती कुशवाहा को यूपी महिला कल्याण निगम से हटाया जाये और उनकी जगह लिंग जनित भेदभाव को समाप्त करने के लिए जाने माने कार्यकर्ता को नियुक्त किया जाये।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (सीएनएस)
3 मई 2014