पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने चुनाव के बीच में ही गैस के मूल्य को
चुनाव के तुरंत बाद एक अधिसूचना जारी कर दोगुणा करने का फैसला ले लिया है।
मुख्य बात यह है कि यह मूल्य वृद्धि 1 अप्रैल, 2014 से प्रभावी मानी जाएगी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गुरुदास दासगुप्ता ने चुनाव आयोग व
प्रधान मंत्री को पत्र लिख इस अवैध आदेश को रोकने की मांग की है। सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संदीप पाण्डेय ने कहा कि जनसत्ता
अखबार को छोड़ यह खबर कहीं छपी नहीं। ऐसा क्यों?
डॉ पाण्डेय ने कहा कि गैस की कीमत किसको लाभ पहुंचाने के लिए बढ़ाई जा रही हैं यह सबको मालूम है। यह भी एक आम जानकारी है कि केन्द्र के दोनों बड़े दलों कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के मुकेश अंबानी से सम्बंध हैं। इसलिए एक दूसरे की आलोचना का एक भी मौका न चूकने वाले कांग्रेस व भाजपा इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि जिस तरह से भारतीय राजनीति और नीतियों पर पूँजीपतियों की दखलंदाज़ी और जकड़ बढ़ती जा रही है यह अत्यंत चिंताजनक है। यही कारण है कि गरीब लोगों के हितों को दरकिनार कर पूँजीपतियों के पक्ष में फैसले होते हैं और नीतियाँ बनती हैं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस ने जो आर्थिक नीतियां अपनाईं हैं वे सिर्फ पूजीपतियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से हैं। भाजपा इन्हीं नीतियों को और बढ़-चढ़ कर लागू करेगी। इसीलिए अंबानी, अडानी, आदि पूंजीपति वर्तमान चुनाव में नरेन्द्र मोदी के पीछे पूरी ताकत झोंके हुए हैं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी पूंजीपतियों को आम इंसान की कीमत पर लाभ पहुंचाने की नीति के खिलाफ है। हम मांग करते हैं कि पेट्रोलियम के पूरे कारोबार का राष्ट्रीयकरण किया जाए और घरेलू गैस सिलेण्डरों पर तय की गई सीमा समाप्त की जाए और सब्सिडी पहले की तरह बरकरार रखी जाए।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि आखिर किसी पूंजीपति को क्या हक है कि किसी प्राकृतिक सम्पदा पर मुनाफा कमाए? गैस पर जनता का सामूहिक हक है और इसका उपयोग सभी के हित में होना चाहिए।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि हम सभी किस्म के प्राकृतिक संसाधनों जैसे गैस, भूमि, जल, खनिज, आदि के निजीकरण के खिलाफ हैं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी ने गोण्डा से राजेश कुमार मौर्य को लोक सभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है जिन्होंने सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल कर बाराबंकी में स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजेश जैसे जमीनी कार्यकर्ता यदि संसदीय चुनाव में विजयी होते हैं तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा व आम इंसान का सशक्तिकरण होगा।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि यह गोण्डा की जनता को तय करना है कि चुनाव आयोग द्वारा तय की गई खर्च सीमा का उल्लंघन करने वाले करोड़ों रुपए खर्च करने वाले उम्मीदवारों को वह चुनेगी अथवा ईमानदारी से अत्यंत कम खर्च में चुनाव लड़ने वाले राजेश कुमार मौर्य को। राजेश कुमार मौर्य हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहेंगे।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि भारतीय राजनीति में बदलाव की हवा चल रही है। जनता भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है। राजनीति में धनबल और बाहुबल से वह छुटकारा चाहती है। तमाम राजनीतिक बुराइयों से छुटकारा पाने के लिए ही सोशलिस्ट पार्टी ने तय किया है कि वह न सिर्फ ईमानदार बल्कि जनता के मुद्दों पर काम करने वाले लोगों को चुनावी मैदान में उतार कर भारतीय राजनीति में बदलाव का प्रयास करेगी।
सोशलिस्ट पार्टी द्वारा इस मुद्दे पर जारी प्रेस विज्ञप्ति पर इन लोगों का समर्थन था: न्यायमूर्ति राजिन्दर सच्चर, कुलदीप नैयर, गिरीश कुमार पाण्डेय (मजदूर नेता), संदीप पाण्डेय, एड. मोहम्मद शोएब, ओंकार सिंह, सहदेव सिंह गौतम, जय सिंह वर्मा, इमरान सिद्दीकी, मीरा वर्द्धन (आचार्य नरेन्द्र देव की पौत्र वधु), कर्नल विश्वनाथ राय, गुलशन भसीन, उमा शंकर मिश्र (मजदूर नेता), बॉबी रमाकांत।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (सीएनएस)
4 मई 2014
डॉ पाण्डेय ने कहा कि गैस की कीमत किसको लाभ पहुंचाने के लिए बढ़ाई जा रही हैं यह सबको मालूम है। यह भी एक आम जानकारी है कि केन्द्र के दोनों बड़े दलों कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के मुकेश अंबानी से सम्बंध हैं। इसलिए एक दूसरे की आलोचना का एक भी मौका न चूकने वाले कांग्रेस व भाजपा इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि जिस तरह से भारतीय राजनीति और नीतियों पर पूँजीपतियों की दखलंदाज़ी और जकड़ बढ़ती जा रही है यह अत्यंत चिंताजनक है। यही कारण है कि गरीब लोगों के हितों को दरकिनार कर पूँजीपतियों के पक्ष में फैसले होते हैं और नीतियाँ बनती हैं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस ने जो आर्थिक नीतियां अपनाईं हैं वे सिर्फ पूजीपतियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से हैं। भाजपा इन्हीं नीतियों को और बढ़-चढ़ कर लागू करेगी। इसीलिए अंबानी, अडानी, आदि पूंजीपति वर्तमान चुनाव में नरेन्द्र मोदी के पीछे पूरी ताकत झोंके हुए हैं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी पूंजीपतियों को आम इंसान की कीमत पर लाभ पहुंचाने की नीति के खिलाफ है। हम मांग करते हैं कि पेट्रोलियम के पूरे कारोबार का राष्ट्रीयकरण किया जाए और घरेलू गैस सिलेण्डरों पर तय की गई सीमा समाप्त की जाए और सब्सिडी पहले की तरह बरकरार रखी जाए।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि आखिर किसी पूंजीपति को क्या हक है कि किसी प्राकृतिक सम्पदा पर मुनाफा कमाए? गैस पर जनता का सामूहिक हक है और इसका उपयोग सभी के हित में होना चाहिए।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि हम सभी किस्म के प्राकृतिक संसाधनों जैसे गैस, भूमि, जल, खनिज, आदि के निजीकरण के खिलाफ हैं।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी ने गोण्डा से राजेश कुमार मौर्य को लोक सभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है जिन्होंने सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल कर बाराबंकी में स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजेश जैसे जमीनी कार्यकर्ता यदि संसदीय चुनाव में विजयी होते हैं तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा व आम इंसान का सशक्तिकरण होगा।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि यह गोण्डा की जनता को तय करना है कि चुनाव आयोग द्वारा तय की गई खर्च सीमा का उल्लंघन करने वाले करोड़ों रुपए खर्च करने वाले उम्मीदवारों को वह चुनेगी अथवा ईमानदारी से अत्यंत कम खर्च में चुनाव लड़ने वाले राजेश कुमार मौर्य को। राजेश कुमार मौर्य हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहेंगे।
डॉ पाण्डेय ने कहा कि भारतीय राजनीति में बदलाव की हवा चल रही है। जनता भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है। राजनीति में धनबल और बाहुबल से वह छुटकारा चाहती है। तमाम राजनीतिक बुराइयों से छुटकारा पाने के लिए ही सोशलिस्ट पार्टी ने तय किया है कि वह न सिर्फ ईमानदार बल्कि जनता के मुद्दों पर काम करने वाले लोगों को चुनावी मैदान में उतार कर भारतीय राजनीति में बदलाव का प्रयास करेगी।
सोशलिस्ट पार्टी द्वारा इस मुद्दे पर जारी प्रेस विज्ञप्ति पर इन लोगों का समर्थन था: न्यायमूर्ति राजिन्दर सच्चर, कुलदीप नैयर, गिरीश कुमार पाण्डेय (मजदूर नेता), संदीप पाण्डेय, एड. मोहम्मद शोएब, ओंकार सिंह, सहदेव सिंह गौतम, जय सिंह वर्मा, इमरान सिद्दीकी, मीरा वर्द्धन (आचार्य नरेन्द्र देव की पौत्र वधु), कर्नल विश्वनाथ राय, गुलशन भसीन, उमा शंकर मिश्र (मजदूर नेता), बॉबी रमाकांत।
सिटिज़न न्यूज़ सर्विस (सीएनएस)
4 मई 2014