सड़क अधिकार सबसे पहले पैदल चलने वालों और गैर-मोटर वाहनों को मिले

हेलमेट वितरण पश्चात् २ बच्चियां साइकिल पर हेलमेट पहने हुए
सकारात्मक बदलाव की उम्मीद देती हैं ये बच्चियां
जो लोग विशेषकर बच्चे सड़क दुर्घटनाओं में मृत हुए हैं उनके परिवारजनों ने २ जुलाई को पत्रकारपुरम चौराहे गोमती नगर पर सड़क सुरक्षा के लिए संकल्प दिवस मनाया. तितिक्षा पाठक, बच्ची, एक सड़क दुर्घटना में पत्रकारपुरम में इसी स्थान पर मृत हुई थी. तितिक्षा के परिवारजनों, जिनमें उसके मौसाजी सुधांशु शेखर उपाध्याय मुख्य थे, ने सड़क को सभी के लिए सुरक्षित करने का आह्वान किया. बच्चों के लिए अनुरूप हेलमेट उपलब्ध नहीं है. बच्चों के उम्र आदि के अनुरूप हेलमेट उपलब्ध होना अनिवार्य है जिससे कि दो-पहिया वाहनों पर पीछे बैठे बच्चे भी हेलमेट पहन कर सुरक्षित रह सकें.

लखनऊ के जिलाधिकारी श्री राज शेखर; विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक द्वारा पुरुस्कृत और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त; किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बच्चों के हड्डी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह; मेगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित और सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ संदीप पाण्डेय प्रमुख वक्ता रहे.

सड़क को सबके साथ साझा करें

प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह, बाल - ओर्थपेडीक विभागाध्यक्ष,
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ
सड़क हम सबकी है और उसको जिम्मेदारी से सबके साथ साझा करना अतिआवश्यक है. सड़क अधिकार पहले उसका है जो पैदल चल रहा हो (इनमें भी बच्चों, गर्भवती महिलाओं, महिलाओं - बच्चों, बुजुर्गों, विकलांग लोगों आदि को प्राथमिकता मिलनी चाहिए) या गैर-मोटर वाहन चला रहा हो. इसके बाद ही मोटर वाले दो पहिया और चार पहिया वाहनों को सड़क अधिकार मिलना चाहिए. सिर्फ आकास्मक स्थितियों में, जैसे कि, एम्बुलेंस आदि को सबसे पहले प्राथमिकता मिले. अति-विशिष्ठ व्यक्ति आदि और लाल-नीली बत्ती का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद होना चाहिए.

प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त, पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक,
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं WHO पुरुस्कृत सर्जन
उत्तर प्रदेश सरकार ने साइकिल ट्रैक निर्मित करने में व्यय किया है - नागरिकों और अधिकारीयों की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि साइकिल ट्रैक पैदल चलने वालों और साइकिल चलाने वालों द्वारा उपयोग किये जा रहे हैं. अधिकारी यह भी देखें कि साइकिल ट्रैक में पानी आदि न भरा हो, मोटर साइकिल आदि न पार्क हो या अन्य किसी तरह का अवरोध न हो. जिस सड़क पर साइकिल ट्रैक नहीं बना है वहां पर, आधी सड़क सिर्फ गैर-मोटर वाहनों और पैदल चलने वालों के आवागमन के लिए कर दी जाए और बाकि आधी सड़क पर मोटर वाहन चलें.

दो-पहिया वाहन पर सवार सभी लोगों को हेलमेट पहनना चाहिए, इसमें पीछे बैठे लोग और बच्चे भी शामिल हैं. हम सबको वाहन चलाने की गति सीमा का कड़ाई से अनुपालन करना चाहिए, एक कतार में ही चलना चाहिए और हॉर्न आदि सिर्फ आकास्मक स्थिति में ही बजाना चाहिए. प्रेशर-हॉर्न प्रतिबंधित होने के बावजूद इस्तेमाल हो रहे हैं - सरकार उन लोगों पर सख्त करवाई करे जो प्रतिबन्ध को दरकिनार कर प्रेशर हॉर्न का उपयोग कर रहे हैं.

बच्चों को हेलमेट वितरण
अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं शराब पीने की वजह से होती है. इसलिए यह और भी जरुरी है कि शराब पी कर गाड़ी चलाने पर प्रतिबन्ध को सख्ती से लागू किया जाए.

नैदानिक स्थापन अधिनियम २०१० (Clinical Establishment Act 2010) के अनुसार, निजी चिकित्सकों के दुर्घटनाग्रस्त रोगियों को नि:शुल्क इलाज कर स्थिर करने के बाद ही किसी और अस्पताल में भेजना चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार से अपील है कि वो सख्ती से नैदानिक स्थापन अधिनियम २०१० को जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सख्ती से बिना विलम्ब लागू करे.

स्मार्ट सिटी वो नहीं जिसमें हर इंसान बड़ी-लम्बी कार में चले, स्मार्ट सिटी वो है जिसमें सब लोग - अमीर और गरीब - सार्वजनिक यातायात साधन का उपयोग करे. निजी कार का उपयोग बंद होना चाहिए और जिन्हें निजी कार की जरुरत है वो टैक्सी का इस्तेमाल करें. कार को अन्य यात्रियों के साथ साझा करना भी जरुरी है.

डॉ संदीप पाण्डेय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया)
डॉ संदीप पाण्डेय जो मेगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित कार्यकर्ता हैं, उन्होंने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) का मानना है कि सार्वजनिक यातायात साधन, नि:शुल्क एम्बुलेंस, स्कूल बस, आकास्मक सेवा वाहन, जिन सरकारी विभाग के लिए सरकारी वाहन जरुरी है वो ही इस्तेमाल करें (जैसे कि पुलिस, नगर निगम आदि), अधिक संख्या में महिला चालक सार्वजनिक यातायात साधन चलायें, महिलाओं को भी वरिष्ठ नागरिकों की तरह यातायात में छूट मिले, लाल-नीली बत्ती के इस्तमाल पूरी तरह से बंद हो, और हर सड़क कर एक कतार सिर्फ साइकिल और पैदल चलने वालों के लिए आरक्षित हो.

बाबी रमाकांत, सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस)
४ जुलाई २०१६