परमाणु उर्जा से बिजली की संभावनाए
भारत-अम्रीका परमाणु समझौते पर बहस के दैरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ऐसी तस्वीर पेश की देश की बिजली की जरूरत पूरी कराने के लिए परमाणु उर्जा के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नही है तथा परमाणु उर्जा पर्यावरणीय दृष्टि से साफ-सुथरी व जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए बेहतर विकल्प नही है । आइए देखें इस दावे में कितना दम है।
यूरोप में कुल १९७ परमाणु बिजली घर है जो यूरोप की बिजली की ३५ प्रतिशत जरूरत पूरी करते है. इनमें फ्रांस सबसे अधिक ७८.५ प्रतिशत बिजली का उत्पादन परमाणु उर्जा से करता है. किंतु आने वाले दिनों यूरोप में सिर्फ़ १३ नए परमाणु बिजली घर लगाये जाने वाले है । जर्मनी, इग्लैंड, स्वीडन में कोई नए परमाणु बिजली घर नही लगे जा रहे है । यहाँ तक फ्रांस में भी फिलहाल मात्र एक बिजली घर ही लगाने की तैयारी है। ५५ प्रतिशत यूरोपीय नागरिक इन कारखानों से निकलने वाले रेडियोधर्मी कचरे की वजह से परमाणु बिजली घरो का विरोध करते है। रेडियोधर्मी कचरे के सुरक्षित निबटारे का आज हमारे सामने कोई रास्ता नही है। हालांकि कई यूरोपीय संघ की क्योटो मानकों को पूरा करने की प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए परमाणु उर्जा को एकमात्र विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहे है।
यूरोप में कुल १९७ परमाणु बिजली घर है जो यूरोप की बिजली की ३५ प्रतिशत जरूरत पूरी करते है. इनमें फ्रांस सबसे अधिक ७८.५ प्रतिशत बिजली का उत्पादन परमाणु उर्जा से करता है. किंतु आने वाले दिनों यूरोप में सिर्फ़ १३ नए परमाणु बिजली घर लगाये जाने वाले है । जर्मनी, इग्लैंड, स्वीडन में कोई नए परमाणु बिजली घर नही लगे जा रहे है । यहाँ तक फ्रांस में भी फिलहाल मात्र एक बिजली घर ही लगाने की तैयारी है। ५५ प्रतिशत यूरोपीय नागरिक इन कारखानों से निकलने वाले रेडियोधर्मी कचरे की वजह से परमाणु बिजली घरो का विरोध करते है। रेडियोधर्मी कचरे के सुरक्षित निबटारे का आज हमारे सामने कोई रास्ता नही है। हालांकि कई यूरोपीय संघ की क्योटो मानकों को पूरा करने की प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए परमाणु उर्जा को एकमात्र विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहे है।
जापान अपने ५५ परमाणु बिजली घरो से अपनी बिजली की ३० प्रतिशत जरूरत पूरी करता है जिसको बड़ा कर २०१७ तक वह ४० प्रतिशत तक ले जाना चाहता है। २ नए कारखाने निर्माणाधीन है तथा १७ कारखाने लगाने की योजना है। जापान चुकी एक द्वीप राष्ट्र है और अपनी उर्जा की जरूरतों के ८० प्रतिशत के लिए वह बाहरी श्रोतों पर निर्भर रहता है अतः उसने फिलहाल परमाणु ऊर्जा को विकल्प के रूप में छोड़ने का फ़ैसला नही लिया है।
अमेरीका में १०४ परमाणु बिजली घर है जिनसे वह अपनी जरूरत की २० प्रतिसत बिजली प्राप्त करता है। किंतु ७० दसक के अंत से अमेरीका में वह स्पष्ट हो गया था की परमाणु बिजली घरो का कोई भविष्य नही है तथा १२० परमाणु बिजली घर लगाने के प्रस्ताव रद्द कर दिए। इसी समय उसके पेंसिलवेनिया राज्य में थ्री माईल आइलैंड परमाणु बिजली घर में एक भयंकर दुर्घटना हुई। इसके बाद से आज तक अमेरिका में एक भी नया परमाणु बिजली घर नही लगा है। अमेरीका के परमाणु बिजली घरो से निकलने वाले कचरे को नेवादा राज्य की युक्का पहाडियों में दफनाने की योजना फिलहाल राजनीतिक विरोध के कारण खटाई में पड़ गई है। परमाणु बिजली का दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में १५ प्रतिशत योगदान है । जिसमे अमेरिका , जापान व् फ्रांस का योगदान ५६.५ प्रतिशत है। दुनिया के ३१ देशो में कुल ४३९ परमाणु बिजली घर है।
अमेरीका में १०४ परमाणु बिजली घर है जिनसे वह अपनी जरूरत की २० प्रतिसत बिजली प्राप्त करता है। किंतु ७० दसक के अंत से अमेरीका में वह स्पष्ट हो गया था की परमाणु बिजली घरो का कोई भविष्य नही है तथा १२० परमाणु बिजली घर लगाने के प्रस्ताव रद्द कर दिए। इसी समय उसके पेंसिलवेनिया राज्य में थ्री माईल आइलैंड परमाणु बिजली घर में एक भयंकर दुर्घटना हुई। इसके बाद से आज तक अमेरिका में एक भी नया परमाणु बिजली घर नही लगा है। अमेरीका के परमाणु बिजली घरो से निकलने वाले कचरे को नेवादा राज्य की युक्का पहाडियों में दफनाने की योजना फिलहाल राजनीतिक विरोध के कारण खटाई में पड़ गई है। परमाणु बिजली का दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में १५ प्रतिशत योगदान है । जिसमे अमेरिका , जापान व् फ्रांस का योगदान ५६.५ प्रतिशत है। दुनिया के ३१ देशो में कुल ४३९ परमाणु बिजली घर है।
७० व ८० के दशक में परमाणु बिजली के उत्पादन की क्षमता में जबरदस्त वृद्धि हुई। ८० के दशक के अंत तक आते-आते इस उद्योग में मंदी आ गई। बढ़ती कीमतों की वजह से परमाणु बिजली घर लगना कोई मुनाफे का सौदा नही रह गया था । तथा इस दौरान परमाणु विरोधी आन्दोलन ने भी जगह-जगह जो पकडा। लोगों के लिए परमाणु बिजली घर में दुर्घटना, रेडियोधर्मी कचरा व परमाणु शस्त्रों का प्रसार उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए खतरा प्रतीत होने लेन लगे।
१९८६ में चेर्नोबिल परमाणु बिजली घर में दुर्घटना अभी तक दुनिया के सबसे भयंकर औद्योगिक दुर्घटना रही है। जिसकी वजह से परमाणु उद्योग का भविष्य अधंकारमय हो गया । न्यूजीलैंड, आयरलैंड व पोलैंड जैसे देशों ने परमाणु बिजली कार्यक्रम शुरू न करने का निर्णय लिया तथा ओस्ट्रेलिया, सुइदन व इटली ने अपने परमाणु बिजली कार्यक्रम धीरे-धीरे बंद करने का निर्णय लिया। ओस्ट्रेलिया जिसके पास यूरेनियम के सबसे बड़े भंडार हैं, ने अभी तक अपने देश में एक भी परमाणु बिजली घर नही लगाया है।
२००६ में योजना आयोग द्वारा करे गए एक अध्ययन एकीकृत उर्जा नीति के मुताबिक बहुत आशावान परिस्थितियों में यदि हम परमाणु उर्जा से २०१५ तक १५,००० मेगावाट तथा २०२१ तक २९,००० मेगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता स्थापित कर लेते है, तो भी परमाणु उर्जा का हिस्सा कुल बिजली उत्पादन क्षमता का मात्र ७ प्रतिशत ही होगा। अनहोनी परिस्थितियों में यदि २०२० तक हम ४०,००० मेगावाट परमाणु बिजली उत्पादन की क्षमता भी स्थापित कर लेते हैं तो भी वह कुल क्षमता का ९ प्रतिसत से ज्यादा नहीं होगा। यानी की परमाणु उर्जा से हमें इतनी बिजली नही मिलने वाली है की देश की बिजली के जरूरत पूरी हो सके।
२००६ में योजना आयोग द्वारा करे गए एक अध्ययन एकीकृत उर्जा नीति के मुताबिक बहुत आशावान परिस्थितियों में यदि हम परमाणु उर्जा से २०१५ तक १५,००० मेगावाट तथा २०२१ तक २९,००० मेगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता स्थापित कर लेते है, तो भी परमाणु उर्जा का हिस्सा कुल बिजली उत्पादन क्षमता का मात्र ७ प्रतिशत ही होगा। अनहोनी परिस्थितियों में यदि २०२० तक हम ४०,००० मेगावाट परमाणु बिजली उत्पादन की क्षमता भी स्थापित कर लेते हैं तो भी वह कुल क्षमता का ९ प्रतिसत से ज्यादा नहीं होगा। यानी की परमाणु उर्जा से हमें इतनी बिजली नही मिलने वाली है की देश की बिजली के जरूरत पूरी हो सके।