गोरखपुर एनवायरन्मेन्टल एक्शन ग्रुप, भारत एवं विमेन्स अर्थ एलायन्स, अमरीका की संयुक्तत्वाधान में भारतीय महिलाओं की खाद्य सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन पर एक वर्ष का क्षमतावर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस तरह का प्रशिक्षण पहली बार भारत देश में आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्रक्रिया इस वर्ष 3 चरणों में आयोजित होगी। प्रथम चरण का प्रशिक्षण 6 दिन का होगा जो 18 अप्रैल से 23 अप्रैल तक जी0ई0ए0जी0 प्रशिक्षण केन्द्र कैम्पियरगंज में आयोजित होगा। उसके बाद 3 दिन का प्रशिक्षण सितम्बर और नवम्बर में किया जायेगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को करने का उद्देश्य है कि गावों की अग्रणी महिलाएं अपने समुदाय को खाद्य सुरक्षा टिकाऊ कृषि पारिस्थितिक और आर्थिक सुरक्षा की तरफ ले जा सकें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 5 राज्यों उ0प्र0, बिहार, उत्तरांचल, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल की 41 महिला किसान प्रतिभाग करेगीं जो कि बाढ प्रभावित क्षेत्र की होगीं। इस प्रशिक्षण की प्रतिभागी गांव की अग्रणी महिलाएं होंगी जो कि लिंग, टिकाऊ कृषि, खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं व समाधानों पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी। इस प्रशिक्षण की खास विशेषता यह है कि अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों में ज्ञान व अनुभव में सामंजस्य बनाते हुए तकनीकी ज्ञान को आगे बढ़या जा सके जिससे कि प्रशिक्षित महिला किसान अपने अनुभव को अपने क्षेत्र के किसानों में बाट सके।
इस सम्पूर्ण प्रशिक्षण को प्राप्त करने से प्रतिभागी महिलाओं को ऐसी दक्षता व संसाधन प्राप्त हो सकेंगे जिससे वे-अपने समुदाय हेतु एक परियोजना को तैयार कर सकें और इसे क्रियान्वित कर सके जैसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु देसी फसलों का अनाज भंडारण या विविधापूर्ण फसलों का उत्पादन।आपदा के खतरों को कम कर सकें ताकि बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटा जा सके। टिकाऊ खेती तकनीकों को कार्यान्वित कर सके।
खेती के क्षेत्र में निपुण लोगों के साथ एक साझा नेटवर्क बना सकें जिससे महिला किसानों के हित-अधिकारों पर सशक्त पैरवी हो सके। महिलाओं की कृषि क्षेत्र में स्थिति सुधारने के लिए अन्य अभियानों से उनका जुड़ाव हो सके।
विशेषज्ञ के रूप में श्री अरूधेन्दू चटर्जी कोलकाता से, सुश्री अदिती कपूर दिल्ली से, सुश्री शबनम सिद्दीकी मुम्बई से, मेलिण्डा क्रेमर कैलीफोर्निया से एवं सुश्री रंजनी कृष्ण मूर्ति चेन्नई से उपस्थित रहेगीं।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 5 राज्यों उ0प्र0, बिहार, उत्तरांचल, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल की 41 महिला किसान प्रतिभाग करेगीं जो कि बाढ प्रभावित क्षेत्र की होगीं। इस प्रशिक्षण की प्रतिभागी गांव की अग्रणी महिलाएं होंगी जो कि लिंग, टिकाऊ कृषि, खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं व समाधानों पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी। इस प्रशिक्षण की खास विशेषता यह है कि अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों में ज्ञान व अनुभव में सामंजस्य बनाते हुए तकनीकी ज्ञान को आगे बढ़या जा सके जिससे कि प्रशिक्षित महिला किसान अपने अनुभव को अपने क्षेत्र के किसानों में बाट सके।
इस सम्पूर्ण प्रशिक्षण को प्राप्त करने से प्रतिभागी महिलाओं को ऐसी दक्षता व संसाधन प्राप्त हो सकेंगे जिससे वे-अपने समुदाय हेतु एक परियोजना को तैयार कर सकें और इसे क्रियान्वित कर सके जैसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु देसी फसलों का अनाज भंडारण या विविधापूर्ण फसलों का उत्पादन।आपदा के खतरों को कम कर सकें ताकि बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटा जा सके। टिकाऊ खेती तकनीकों को कार्यान्वित कर सके।
खेती के क्षेत्र में निपुण लोगों के साथ एक साझा नेटवर्क बना सकें जिससे महिला किसानों के हित-अधिकारों पर सशक्त पैरवी हो सके। महिलाओं की कृषि क्षेत्र में स्थिति सुधारने के लिए अन्य अभियानों से उनका जुड़ाव हो सके।
विशेषज्ञ के रूप में श्री अरूधेन्दू चटर्जी कोलकाता से, सुश्री अदिती कपूर दिल्ली से, सुश्री शबनम सिद्दीकी मुम्बई से, मेलिण्डा क्रेमर कैलीफोर्निया से एवं सुश्री रंजनी कृष्ण मूर्ति चेन्नई से उपस्थित रहेगीं।
जितेन्द्र द्विवेदी