[English] अधिकांश तम्बाकू सेवन 18 वर्ष से पहले ही आरम्भ होता है। इसीलिए बच्चों एवं युवाओं को तम्बाकू जनित जानलेवा रोगों एवं व्याधियों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य है जिससे कि वें ज़िन्दगी चुनें, तम्बाकू नहीं. एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इण्डिया के 2012 निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रोफेसर डॉ० रमा कान्त ने मुंशीपुलिया, इन्दिरा नगर स्थित एस०जे०एस० पब्लिक स्कूल के छात्रों-शिक्षकों को यही मूल सन्देश दिया. प्रोफेसर डॉ० रमा कान्त, छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष हैं।
प्रो० डॉ० रमा कान्त, जो नागरिकों के स्वस्थ लखनऊ अभियान के संरक्षक हैं, वें भारत के पहले सर्जन हैं जिनको वर्ष 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक का विशेष अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कार मिला है।
एस०जे०एस० पब्लिक स्कूल की प्राधानाचार्या सुश्री अफशान ने कहा कि "मैं अपने शैक्षिक संस्थान परिसर को तम्बाकू मुक्त रखने का पूरा प्रयास करती हूँ। बच्चों और युवाओं को तम्बाकू से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह धीमा जहर है।"
प्रो० डॉ० रमा कान्त जो वर्तमान में 'पाइल्स टू स्माइल्स' क्लीनिक के निदेशक हैं, उन्होंने कहा कि "बच्चों एवं युवाओं में तम्बाकू नियंत्रण करना व्यापक तम्बाकू नियंत्रण योजना का एक अहम भाग है"।
प्रो० डॉ० रमा कान्त ने कहा कि "भारत में तम्बाकू से हर वर्ष 10 लाख से अधिक लोग मृत्यु को प्राप्त होते हैं। बच्चों और युवाओं को तम्बाकू कम्पनियों के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष भ्रामक प्रचार से दूर रहना चाहिए और उससे प्रभावित नहीं होना चाहिए। उनको तम्बाकू सेवन की असली तस्वीर जो जानलेवा बीमारियों से जुड़ी है उससे परिचित होना चाहिए जिससे कि वें ज़िन्दगी चुनें, तम्बाकू नहीं"।
प्रो० डॉ० रमा कान्त जिनको केन्द्रिय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का अनुशंसा पुरूस्कार भी 1997 में मिल चुका है उन्होंने कहा कि "लगभग आधी तम्बाकू जनित मृत्यु 35-69 वर्ष के दौरान होती है। धूम्रपान से अधिकांश मरने वाले लोगों ने तम्बाकू सेवन युवावस्था में आरम्भ किया था। 30-40 साल के लोग जो तम्बाकू सेवन करते हैं, उनको हृदय रोग होने का पॉंच गुणा अधिक खतरा रहता है। तम्बाकू जनित हृदय रोग एवं कैंसर तम्बाकू व्यसनियों की मौत का सबसे बड़ा कारण है"।
इस अवसर पर छात्रों के लिए एक वृत्तचित्र 'तम्बाकू सेवन से होने वाले नुकसान' भी प्रदर्शित किया गया जिसमें तम्बाकू के जानलेवा रोगों से ग्रसित लोगों की दास्तान है।
इस परिचर्चा को नागरिकों के स्वस्थ लखनऊ अभियान, इण्डियन सोसायटी अगेंस्ट स्मोकिंग, अभिनव भारत फाउंडेशन एवं आशा परिवार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
सी.एन.एस.