प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त |
ह्रदय रोग और पक्षाघात का दूसरा सबसे बड़ा कारण है तम्बाकू
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प्रो० ऋषि सेठी जो अखिल भारतीय ह्रदय रोग विशेषज्ञ संगठन के 'स्टेमि' इकाई के राष्ट्रीय संयोजक हैं, ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ह्रदय रोग कम होने की बजाय बढ़ रहे हैं. उनके आंकड़ें बताते हैं कि २०११-२०१२ में उत्तर प्रदेश में ४५०० जीवन-रक्षक अन्जियो-प्लास्टी और २००० जीवन-रक्षक पेसमेकर लगाये गए जो पिछले वर्ष की तुलना में ३०% अधिक थे.
९०% फेफड़े कैंसर से होने वाली मृत्यु की जिम्मेदार है तम्बाकू
शोभा शुक्ला, सीएनएस संपादक |
एशिया में फेफड़े कैंसर पर ३ वैज्ञानिक प्रकाशनों की सीएनएस संपादक शोभा शुक्ला ने बताया कि ९०% फेफड़े के कैंसर से होने वाली मृत्यु की जिम्मेदार है तम्बाकू.जो लोग तम्बाकू सेवन करते हैं उनमें फेफड़े-कैंसर होने का १५-३० गुना अधिक खतरा होता है.
जानलेवा 'गठबंधन': मधुमेह, टीबी, एचआइवी, तम्बाकू सेवन
इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डिजीज के डॉ तारा सिंह बाम ने कहा कि 16% - ४६% टीबी रोगियों को मधुमेह भी हो सकता है और अनेक को तो पता ही नहीं है. शोध बताते हैं कि तम्बाकू सेवन टीबी और मधुमेह दोनों का एक बड़ा कारण है. यदि हम टीबी और मधुमेह नियंत्रित करना चाहते हैं तो तम्बाकू नियंत्रण को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता. एचआइवी के साथ जीवित लोगों में मृत्यु का खतरा तम्बाकू सेवन से दुगना हो जाता है.
शराबबंदी, तम्बाकू-बंदी, नशा बंदी
मग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित और सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के डॉ संदीप पाण्डेय ने बताया कि तम्बाकू की खेती करने वाले लोगों को अन्य फसल की खेती करनी चाहिए और सरकार को बिना विलम्ब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देना चाहिए. जो लोग तम्बाकू या शराब या अन्य नशा करते हैं उनको नशा त्याग कर वो व्यय अपने परिवार और समाज के भले के लिए करना चाहिए.
तम्बाकू नियंत्रण काफी नहीं, तम्बाकू उन्मूलन आवश्यक है
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राहुल द्विवेदी, निदेशक, स्वास्थ्य को वोट अभियान |
स्वास्थ्य को वोट अभियान के निदेशक राहुल द्विवेदी ने कहा कि तम्बाकू नियंत्रण ही पर्याप्त नहीं है बल्कि तम्बाकू उन्मूलन को समयबद्ध तरीके से सरकार को लक्ष्य बना के उसपर कार्य करना चाहिए. तम्बाकू जनित जो रोग और मृत्यु दर है उसके अनुकूल सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही है.
सिटीजन न्यूज़ सर्विस (सीएनएस)
३० मई २०१६