स्वास्थ्य व्यवस्था पर तम्बाकू जनित जानलेवा बीमारियों के भार से बच सकता है भारत

प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त
[English] भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पर अनावश्यक भार तम्बाकू जनित रोगों का है जिनसे बचाव मुमकिन है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक द्वारा पुरुस्कृत प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने बताया कि "वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि तम्बाकू से ह्रदय रोग, पक्षाघात, तमाम प्रकार के कैंसर, मधुमेह, टीबी, आदि होने का खतरा अनेक गुना बढ़ जाता है. शोध के आधार पर यह जानते हुए भी कि प्रभावकारी तम्बाकू नियंत्रण कैसे हो हम क्यों नहीं तम्बाकू जनित जानलेवा बीमारियों और मृत्यों को रोकने में सफल हो रहे हैं?". प्रो० रमा कान्त, २०१२ में अखिल भारतीय सर्जन्स संगठन के अध्यक्ष थे और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्जरी विभाग के पूर्व अध्यक्ष.

ह्रदय रोग और पक्षाघात का दूसरा सबसे बड़ा कारण है तम्बाकू

उच्च रक्तचाप के बाद तम्बाकू सेवन ह्रदय रोग और पक्षाघात का सबसे बड़ा कारण है. किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लारी कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर (डॉ) ऋषि सेठी ने बताया कि "औसतन १० प्रतिशत ह्रदय रोग और पक्षाघात रोग तम्बाकू जनित है. ६० लाख लोग प्रति वर्ष तम्बाकू से मृत होते हैं जिनमें से ६ लाख लोग परोक्ष धूम्रपान से मृत होते हैं. हम सबको यह समझने की आवश्यकता है कि तम्बाकू सेवन का कोई 'सुरक्षित' तरीका नहीं है - धूम्रपान हो या चबाने वाली तम्बाकू - उसका स्वास्थ्य पर घातक परिणाम होता है."

प्रो० ऋषि सेठी जो अखिल भारतीय ह्रदय रोग विशेषज्ञ संगठन के 'स्टेमि' इकाई के राष्ट्रीय संयोजक हैं, ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ह्रदय रोग कम होने की बजाय बढ़ रहे हैं. उनके आंकड़ें बताते हैं कि २०११-२०१२ में उत्तर प्रदेश में ४५०० जीवन-रक्षक अन्जियो-प्लास्टी और २००० जीवन-रक्षक पेसमेकर लगाये गए जो पिछले वर्ष की तुलना में ३०% अधिक थे.

९०% फेफड़े कैंसर से होने वाली मृत्यु की जिम्मेदार है तम्बाकू
शोभा शुक्ला, सीएनएस संपादक

एशिया में फेफड़े कैंसर पर ३ वैज्ञानिक प्रकाशनों की सीएनएस संपादक शोभा शुक्ला ने बताया कि ९०% फेफड़े के कैंसर से होने वाली मृत्यु की जिम्मेदार है तम्बाकू.जो लोग तम्बाकू सेवन करते हैं उनमें फेफड़े-कैंसर होने का १५-३० गुना अधिक खतरा होता है.

जानलेवा 'गठबंधन': मधुमेह, टीबी, एचआइवी, तम्बाकू सेवन

इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डिजीज के डॉ तारा सिंह बाम ने कहा कि 16% - ४६% टीबी रोगियों को मधुमेह भी हो सकता है और अनेक को तो पता ही नहीं है. शोध बताते हैं कि तम्बाकू सेवन टीबी और मधुमेह दोनों का एक बड़ा कारण है. यदि हम टीबी और मधुमेह नियंत्रित करना चाहते हैं तो तम्बाकू नियंत्रण को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता. एचआइवी के साथ जीवित लोगों में मृत्यु का खतरा तम्बाकू सेवन से दुगना हो जाता है.

शराबबंदी, तम्बाकू-बंदी, नशा बंदी

मग्सेसे पुरुस्कार से सम्मानित और सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के डॉ संदीप पाण्डेय ने बताया कि तम्बाकू की खेती करने वाले लोगों को अन्य फसल की खेती करनी चाहिए और सरकार को बिना विलम्ब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देना चाहिए. जो लोग तम्बाकू या शराब या अन्य नशा करते हैं उनको नशा त्याग कर वो व्यय अपने परिवार और समाज के भले के लिए करना चाहिए.

तम्बाकू नियंत्रण काफी नहीं, तम्बाकू उन्मूलन आवश्यक है
राहुल द्विवेदी, निदेशक, स्वास्थ्य को वोट अभियान

स्वास्थ्य को वोट अभियान के निदेशक राहुल द्विवेदी ने कहा कि तम्बाकू नियंत्रण ही पर्याप्त नहीं है बल्कि तम्बाकू उन्मूलन को समयबद्ध तरीके से सरकार को लक्ष्य बना के उसपर कार्य करना चाहिए. तम्बाकू जनित जो रोग और मृत्यु दर है उसके अनुकूल सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही है.

सिटीजन न्यूज़ सर्विस (सीएनएस)
३० मई २०१६