सिटीजन न्यूज सर्विस, सीएनएस [English]
लखनऊ में होने वाले ७०वें टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों पर राष्ट्रीय अधिवेशन (नैटकान) से पूर्व, १०० से अधिक टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी विशेषज्ञों ने ४ चिकित्सकीय कार्यशालाओं में भाग लिया. यह ४ विशेष कार्यशालाएं इन मुद्दों पर केन्द्रित रहीं: टीबी (आधुनिक जांच, पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम, दवा प्रतिरोधक टीबी, नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन, स्लीप स्टडी, और पीऍफ़टी.
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, राष्ट्रीय टीबी संगठन, और उत्तर प्रदेश टीबी संगठन के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ में २०-२१ फरवरी २०१६ के दौरान आयोजित हो रहा है ७०वां टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों पर राष्ट्रीय अधिवेशन (नैटकान). किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और नैटकान के आयोजक-सचिव प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि नॉन-इन्वासिव वेंटिलेशन की कार्यशाला के समन्वयक थे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान दिल्ली के डॉ अनंत मोहन; टीबी कार्यशाला के समन्वयक थे दिल्ली के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट के पूर्व निदेशक प्रोफेसर (डॉ) राजेंद्र प्रसाद; स्लीप स्टडी कार्यशाला का समन्वयन कलकत्ता के डॉ राजा धर ने किया और फेफड़े की क्षमता मापने के टेस्ट (पीऍफ़टी) कार्यशाला को लन्दन स्थित इम्पीरियल कॉलेज के अतिथि प्रोफेसर (डॉ) संदीप साल्वी ने किया.
देश-विदेश से अनेक विशेषज्ञों ने भाग लिया और वक्तव्य दिए जिनमें प्रमुख थे: दिल्ली के टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों के राष्ट्रीय इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ रोहित सरीन; इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डीजीस के अक्षय-प्रोजेक्ट निदेशक डॉ सरबजीत चढ्ढा; आधुनिक पीऍफ़टी कार्यक्रम के पुणे में निदेशक डॉ राहुल कोडगुले और एनआईआरटीडी दिल्ली के डॉ रूपक सिंगला.
लखनऊ में आयोजित ७०वीं नैटकान इस लिए भी विशेष है कि अब तक होने वाली सभी अधिवेशनों की तुलना में इसमें सबसे अधिक संख्या में चिकित्सकों ने पंजीकरण किया है. मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की उत्तर प्रदेश इकाई ने इस नैटकान में भाग लेने वाले चिकित्सक को १२ क्रेडिट-घंटे दिए हैं जो अब तक देश के इतिहास में सबसे अधिक है, कहा प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने, जो इंडियन चेस्ट सोसाइटी के नव-निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि २० फरवरी को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नायक ७०वें नैटकान का उद्घाटन करेंगें. भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग स्थित केंद्रीय टीबी डिवीज़न के अध्यक्ष डॉ सुनील खापर्डे भी प्रमुख रहेंगे. दिल्ली टीबी सेंटर के निदेशक डॉ केके चोपरा; केंद्रीय टीबी डिवीज़न के वरिष्ठ अधिकारी डॉ केएस सचदेवा; आदि भी प्रमुख रहेंगे. वायु प्रदूषण और फेफड़े; दवा प्रतिरोधक टीबी; इमपाइमा थोरासिस; निजी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगियों की सूचना सरकार को देना; टीबी-एचआईवी सह-संक्रमण; सीओपीडी और तम्बाकू सेवन; आदि पर विशेष सत्र होंगे. टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी विषयों पर नैटकान में अनेक विशिष्ठ पुरुस्कार, व्याख्यानमाला और अतिथि-व्याख्यान होंगे.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त, ७०वें नैटकान के आयोजन-सचिव: 94150-16858
सिटीजन न्यूज सर्विस, सीएनएस
१९ फरवरी, २०१६
लखनऊ में होने वाले ७०वें टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों पर राष्ट्रीय अधिवेशन (नैटकान) से पूर्व, १०० से अधिक टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी विशेषज्ञों ने ४ चिकित्सकीय कार्यशालाओं में भाग लिया. यह ४ विशेष कार्यशालाएं इन मुद्दों पर केन्द्रित रहीं: टीबी (आधुनिक जांच, पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम, दवा प्रतिरोधक टीबी, नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन, स्लीप स्टडी, और पीऍफ़टी.
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, राष्ट्रीय टीबी संगठन, और उत्तर प्रदेश टीबी संगठन के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ में २०-२१ फरवरी २०१६ के दौरान आयोजित हो रहा है ७०वां टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों पर राष्ट्रीय अधिवेशन (नैटकान). किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और नैटकान के आयोजक-सचिव प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि नॉन-इन्वासिव वेंटिलेशन की कार्यशाला के समन्वयक थे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान दिल्ली के डॉ अनंत मोहन; टीबी कार्यशाला के समन्वयक थे दिल्ली के वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट के पूर्व निदेशक प्रोफेसर (डॉ) राजेंद्र प्रसाद; स्लीप स्टडी कार्यशाला का समन्वयन कलकत्ता के डॉ राजा धर ने किया और फेफड़े की क्षमता मापने के टेस्ट (पीऍफ़टी) कार्यशाला को लन्दन स्थित इम्पीरियल कॉलेज के अतिथि प्रोफेसर (डॉ) संदीप साल्वी ने किया.
देश-विदेश से अनेक विशेषज्ञों ने भाग लिया और वक्तव्य दिए जिनमें प्रमुख थे: दिल्ली के टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों के राष्ट्रीय इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ रोहित सरीन; इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डीजीस के अक्षय-प्रोजेक्ट निदेशक डॉ सरबजीत चढ्ढा; आधुनिक पीऍफ़टी कार्यक्रम के पुणे में निदेशक डॉ राहुल कोडगुले और एनआईआरटीडी दिल्ली के डॉ रूपक सिंगला.
लखनऊ में आयोजित ७०वीं नैटकान इस लिए भी विशेष है कि अब तक होने वाली सभी अधिवेशनों की तुलना में इसमें सबसे अधिक संख्या में चिकित्सकों ने पंजीकरण किया है. मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की उत्तर प्रदेश इकाई ने इस नैटकान में भाग लेने वाले चिकित्सक को १२ क्रेडिट-घंटे दिए हैं जो अब तक देश के इतिहास में सबसे अधिक है, कहा प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने, जो इंडियन चेस्ट सोसाइटी के नव-निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि २० फरवरी को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नायक ७०वें नैटकान का उद्घाटन करेंगें. भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग स्थित केंद्रीय टीबी डिवीज़न के अध्यक्ष डॉ सुनील खापर्डे भी प्रमुख रहेंगे. दिल्ली टीबी सेंटर के निदेशक डॉ केके चोपरा; केंद्रीय टीबी डिवीज़न के वरिष्ठ अधिकारी डॉ केएस सचदेवा; आदि भी प्रमुख रहेंगे. वायु प्रदूषण और फेफड़े; दवा प्रतिरोधक टीबी; इमपाइमा थोरासिस; निजी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगियों की सूचना सरकार को देना; टीबी-एचआईवी सह-संक्रमण; सीओपीडी और तम्बाकू सेवन; आदि पर विशेष सत्र होंगे. टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी विषयों पर नैटकान में अनेक विशिष्ठ पुरुस्कार, व्याख्यानमाला और अतिथि-व्याख्यान होंगे.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त, ७०वें नैटकान के आयोजन-सचिव: 94150-16858
सिटीजन न्यूज सर्विस, सीएनएस
१९ फरवरी, २०१६