सिटीजन न्यूज सर्विस, सीएनएस [English]
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, राष्ट्रीय टीबी संगठन, और उत्तर प्रदेश टीबी संगठन के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ में २०-२१ फरवरी २०१६ के दौरान आयोजित हो रहा है ७०वां टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों पर राष्ट्रीय अधिवेशन (नैटकान). १९ फरवरी २०१६ को एक-दिवसीय अधिवेशन से पूर्व ४ विशेष कार्यशालाएं आयोजित होंगी. १० साल के पश्चात् नैटकान लखनऊ में आयोजित हो रही है (६० वां नैटकान अधिवेशन २००६ में संपन्न हुआ था).
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और ७०वें नैटकान के आयोजन-सचिव प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने कहा कि “देश भर से ६०० से अधिक विशेषज्ञ इस नैटकान में टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों पर चिकित्सकीय विचार-विमर्श करेंगे और शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे. पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम, इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डीजीस, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद्, राष्ट्रीय टीबी संगठन, नेशनल कॉलेज ऑफ़ चेस्ट विशेषज्ञ, इंडियन चेस्ट सोसाइटी, इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ़ लंग कैंसर, आदि जैसे प्रमुख संस्थानों से विशेषज्ञ इस नैटकान में भाग लेंगे. मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की उत्तर प्रदेश इकाई ने इस नैटकान में भाग लेने वाले चिकित्सक को १२ क्रेडिट-घंटे दिए हैं जो अब तक देश के इतिहास में सबसे अधिक है.”
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि १९ फरवरी को नैटकान से पूर्व ४ विशेष कार्यशालाएं होंगी जो इन मुद्दों पर केन्द्रित रहेंगी: टीबी (आधुनिक जांच, पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम, दवा प्रतिरोधक टीबी, नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन, स्लीप स्टडी, और पीऍफ़टी. श्वास सम्बन्धी रोग जैसे कि टीबी, दमा, बाल-निमोनिया, सीओपीडी, और अनेक श्वास सम्बन्धी रोगों का खतरा बढ़ाने वाले प्रमुख कारण तम्बाकू और तम्बाकू नशा उन्मूलन आदि जैसे मुद्दे भी नैटकान में प्रमुख रहेंगे.
नैटकान में प्रमुख विशेषज्ञ जो भाग लेंगे उनमें शामिल हैं: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान से डॉ अनंत मोहन, कलकत्ता से डॉ राजा धर, चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक और इम्पीरियल कॉलेज ऑफ़ लन्दन से जुड़े डॉ संदीप साल्वी, इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डीजीस के डॉ सरबजीत चढ़ा, एलआरएस इंस्टिट्यूट दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ डी बेहेरा आदि.
टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी विषयों पर नैटकान में अनेक विशिष्ठ पुरुस्कार, व्याख्यानमाला और अतिथि-व्याख्यान होंगे. इंडियन चेस्ट सोसाइटी के नव-निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि ७०वें नैटकान का आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होना महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रदेश में टीबी, दमा, सीओपीडी, निमोनिया, तम्बाकू सेवन और सोने में होने वाली दिक्कतें सभी चिंताजनक अनुपात में जन-स्वास्थ्य के लिए चुनौती बनी हुई हैं. उत्तर प्रदेश में सकुशल समंवियत जन-स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए अभी बहुत कार्य करना शेष है जिससे कि टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों के अनुपात में भारी गिरावट आ सके.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त, ७०वें नैटकान के आयोजन-सचिव: 94150-16858
सिटीजन न्यूज सर्विस, सीएनएस
१७ फरवरी, २०१६
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, राष्ट्रीय टीबी संगठन, और उत्तर प्रदेश टीबी संगठन के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ में २०-२१ फरवरी २०१६ के दौरान आयोजित हो रहा है ७०वां टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों पर राष्ट्रीय अधिवेशन (नैटकान). १९ फरवरी २०१६ को एक-दिवसीय अधिवेशन से पूर्व ४ विशेष कार्यशालाएं आयोजित होंगी. १० साल के पश्चात् नैटकान लखनऊ में आयोजित हो रही है (६० वां नैटकान अधिवेशन २००६ में संपन्न हुआ था).
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि १९ फरवरी को नैटकान से पूर्व ४ विशेष कार्यशालाएं होंगी जो इन मुद्दों पर केन्द्रित रहेंगी: टीबी (आधुनिक जांच, पुनरीक्षित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम, दवा प्रतिरोधक टीबी, नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन, स्लीप स्टडी, और पीऍफ़टी. श्वास सम्बन्धी रोग जैसे कि टीबी, दमा, बाल-निमोनिया, सीओपीडी, और अनेक श्वास सम्बन्धी रोगों का खतरा बढ़ाने वाले प्रमुख कारण तम्बाकू और तम्बाकू नशा उन्मूलन आदि जैसे मुद्दे भी नैटकान में प्रमुख रहेंगे.
नैटकान में प्रमुख विशेषज्ञ जो भाग लेंगे उनमें शामिल हैं: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान से डॉ अनंत मोहन, कलकत्ता से डॉ राजा धर, चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक और इम्पीरियल कॉलेज ऑफ़ लन्दन से जुड़े डॉ संदीप साल्वी, इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डीजीस के डॉ सरबजीत चढ़ा, एलआरएस इंस्टिट्यूट दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ डी बेहेरा आदि.
टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी विषयों पर नैटकान में अनेक विशिष्ठ पुरुस्कार, व्याख्यानमाला और अतिथि-व्याख्यान होंगे. इंडियन चेस्ट सोसाइटी के नव-निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त ने बताया कि ७०वें नैटकान का आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होना महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रदेश में टीबी, दमा, सीओपीडी, निमोनिया, तम्बाकू सेवन और सोने में होने वाली दिक्कतें सभी चिंताजनक अनुपात में जन-स्वास्थ्य के लिए चुनौती बनी हुई हैं. उत्तर प्रदेश में सकुशल समंवियत जन-स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए अभी बहुत कार्य करना शेष है जिससे कि टीबी और अन्य श्वास सम्बन्धी रोगों के अनुपात में भारी गिरावट आ सके.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
प्रोफेसर (डॉ) सूर्य कान्त, ७०वें नैटकान के आयोजन-सचिव: 94150-16858
सिटीजन न्यूज सर्विस, सीएनएस
१७ फरवरी, २०१६