चुनाव रूल्स १९६९ के सेक्शन ४९ (ओ) के अनुसार मतदाताओं के पास अधिकार है कि वें चुनाव क्षेत्र के सभी प्रतियाशियों को ख़ारिज भी कर सकें. परन्तु लखनऊ पूर्व के एक मतदान केंद्र पर यह फार्म १७-ए उपलब्ध नहीं था और न ही फार्म १७-ए जैसा कोई रजिस्टर. बल्कि जिस रजिस्टर पर सभी मतदाता हस्ताक्षर कर रहे थे उसी पर टिपण्णी लिखवा कर पीठासीन अधिकारी ने कहा कि यह फार्म १७-ए जैसा माना जायेगा. सवाल यह है कि फार्म १७-ए के उपयोग के बारे में सही जानकारी मतदान केन्द्रों के अधिकारीयों और जनता के पास क्यों नहीं है? राहुल कुमार द्विवेदी ने अपना अनुभव और चुनाव आयोग से की गयी अपनी शिकायत बांटा:
सेवा में,
श्री उमेश सिन्हा,
चुनाव आयुक्त, उत्तर प्रदेश
तिथि: 19 फरवरी 2012
विषय: फार्म 17-ए के संबंध में शिकायत
माननीय श्री सिन्हा,
मैं लखनऊ पूर्व विधान सभा क्षेत्र का निवासी हूँ और डाबेल कॉलेज, सेक्टर-15, इन्दिरा नगर, लखनऊ, में मेरा मतदान केंद्र है।
जब मैंने सेक्शन 49 (ओ) के तहत फार्म 17-ए का उपयोग करना चाहा तो मतदान केंद्र के अधिकारियों ने मुझसे विनम्रतापूर्वक व्यवहार नहीं किया – उदाहरण के तौर पर सबसे पहले अधिकारी से जब मैंने कहा कि मुझे फार्म 17-ए का उपयोग करना है तो उसने मुझे रूखा जवाब देते हुए कहा कि “आपको वोट नहीं डालना है क्या ?” जब मैंने कहा कि मुझे वोट डालना है पर फार्म 17-ए के उपयोग करके सभी उम्मीदवारों के विरोध में वोट डालना है, तब उन्होने कहा कि मैं पीठासीन अधिकारी से बात करूँ।
पीठासीन अधिकारी ने फार्म 17-ए न देते हुए कहा कि आप अपना ‘किसी प्रत्याशी को वोट न देने की टिप्पणी’ उसी रजिस्टर पर लिख दीजिये जिस रजिस्टर पर अन्य सभी मतदाता हस्ताक्षर कर रहे थे। इसी रजिस्टर पर मेरी टिप्पणी फार्म 17-ए की तरह मानी जाएगी, ऐसा अधिकारी ने मुझे बताया। स्वाभाविक है कि अधिकारी से फार्म 17-ए के संबंध में पता करने के सिलसिले में वहाँ उपस्थित सभी को ज्ञात हो गया कि मैं किसी उम्मीदवार को वोट नहीं दे रहा हूँ और सभी को खारिज करने के लिए आया हूँ। जब मतदान गोपनीय है तो फार्म 17-ए का उपयोग भी गोपनीय रहना चाहिए. अंतत: मैंने उसी रजिस्टर में जिसमें सभी अन्य मतदाता हस्ताक्षर कर रहे थे हस्ताक्षर करके अपनी टिप्पणी लिखी कि “मुझे किसी उम्मीदवार के पक्ष में वोट नहीं डालना है अंत: मैं फार्म 17-ए का उपयोग करना चाहता हूँ परंतु मुझे फार्म 17-ए नहीं दिया गया और इसी रजिस्टर में हस्ताक्षर और टिप्पणी करने को कहा गया।”
मेरी शिकायत यह है कि:
1) फार्म 17-ए की जानकारी मतदान केंद्र अधिकारियों को स्पष्ट होनी चाहिए, और यह प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि मतदाताओं को सूचित करे कि वें कैसे फार्म 17-ए का उपयोग कर सकते हैं।
2) जिस तरह मतदान गोपनीय रहता है उसी तरह सभी उम्मीदवारों को खारिज करने का वोट भी गोपनीय होना चाहिए, यह तभी संभव है जब फार्म 17-ए ई.वी.एम. मशीन में एक बटन की तरह उपलब्ध हो।
राहुल द्विवेदी
सी-2211, इन्दिरा नगर, लखनऊ – 226016, फोन: 983-999-0966