मिज़ोरम के प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ११ अगस्त २००८ को कहा कि मिजोरम में प्रचलित देसी तम्बाकू उत्पादन जिसको तुइबुर कहते हैं, उसके उत्पादन पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए.
तुइबुर तम्बाकू उत्पादन, तम्बाकू के पत्ते से निकलने वाले निकोटीन द्रव्य से बनता है, और इस प्रक्रिया में झरनों या नदी का पानी भी प्रदूषित होता है.
इन्ही झरनों और नदियों से मिज़ोरम की जनता पीने के लिए और अन्य जरूरतों के लिए पानी लेती है.
इसके अलावा इस पानी से बदबू भी फैलती है, जो वहाँ पर रहने वालों के लिए हितकारी नहीं है.
तुइबुर, मिज़ोरम में रहने वाले जन-जातियों का एक पारम्परिक तम्बाकू उत्पादन है, जो पहले के ज़माने में बुजुर्ग महिलाओं द्वारा बनाया जाता था और हुक्काह की तरह की तकनीक से उसका सेवन किया जाता था।
बाबी रमाकांत