तम्बाकू के वैकल्पिक फसल की तैयारी में स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और केन्द्रीय तम्बाकू शोध संस्थान तम्बाकू के वैकल्पिक फसल को प्रोत्साहित करने के योजना बना रहा है। सरकार का कहना है कि तम्बाकू की फसल और बीड़ी बनाने के काम में लगे लोगों के स्वास्थ्य को इससे काफी खतरा है और इसमें कार्यरत मजदूरों को कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार का कहना है की तम्बाकू उद्योग में लगे लोगों को इसको छोड़कर अन्य फसलों जैसे चना, हल्दी, मिर्च आदि पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। किन्तु इसके विपरीत तम्बाकू उद्योग में लगे लोगों का कहना है की वह लोग तम्बाकू की खेती लगातार जारी रखेंगे।
भारत सरकार के आंकडे के मुताबिक करीब १,५०,००० टन तम्बाकू और ३०,००० टन तेंदू के पत्ते हर साल बीडी बनाने के काम में लगते हैं। खाद्य और कृषि मंत्रालय के मुताबिक भारत में करीब २.९ लाख लोग तम्बाकू का उत्पादन करते हैं। तम्बाकू नियंत्रण पर बनी विश्वव्यापी संधि 'फ्रेमवर्क कंवेंशन आन टोबैको कंट्रोल' भी इस बात की वकालत करती है की तम्बाकू का उत्पादन कम से कम हो। ज्ञात हो की भारत इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुका है।